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News of social concern : ट्यूशन की कमाई से 20 अनाथ बच्चों की परवरिश कर रहे गुमला के सुनील साहू

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समाज में कुछ ऐसे लोग हैं, जिनके जीवन का मकसद दूसरों की मदद करना है. जिन्हें दूसरों की मदद करने में सुकून मिलता है. ऐसे ही जिंदादिल इंसानों में एक गुमला के सुनील कुमार साहू हैं. बी कॉम पास बेरोजगार सुनील ट्यूशन पढ़ाकर 20 अनाथ बच्चों की परवरिश कर रहे हैं.

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जगरनाथ पासवान (गुमला). समाज में कुछ ऐसे लोग हैं, जिनके जीवन का मकसद दूसरों की मदद करना है. जिन्हें दूसरों की मदद करने में सुकून मिलता है. ऐसे ही जिंदादिल इंसानों में एक गुमला के सुनील कुमार साहू हैं. बी कॉम पास बेरोजगार सुनील ट्यूशन पढ़ाकर 20 अनाथ बच्चों की परवरिश कर रहे हैं. वह गुमला शहर से आठ किलोमीटर दूर टैसेरा में एक किराये के मकान में रख कर इन बच्चों का लालन पालन कर रहे हैं. उनकी पढ़ाई लिखाई, खाने पीने से लेकर कपड़े तक की व्यवस्था वह खुद करते हैं. यदि पैसे की जरूरत पड़ी तो वह चंदा जमा करते हैं. उनके कुछ मित्र इस नेक काम में मदद करते हैं.

इन बच्चों को स्वावलंबी और नेक इंसान बनाना सुनील का ध्येय

शादीशुदा और एक बेटी के पिता 30 वर्षीय सुनील के जीवन का एक ही ध्येय है कि इन बच्चों को स्वावलंबी बना एक नेक इंसान बनाना. सुनील के पिता पेशे से चालक हैं. खुद तंगी में जीनेवाले सुनील इन बच्चों के हर इच्छा का ख्याल रखते हैं. सुनील का कहना है कि उन्होंने गरीबी व भुखमरी को नजदीक से देखा है. सुनील कुमार साहू ने कहा कि ऐसे बच्चों की मदद करने का ख्याल एक दिन मन में आया. इसके लिए उन्होंने प्रगति ग्रामोद्योग संघ नामक संस्था की स्थापना की. इसके तहत वह गांव-गांव घूम कर लोगों को शिक्षा, मानव तस्करी, पलायन, बाल-विवाह के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं. गांव घूमने के दौरान ही कई गांवों में ऐसे अनाथ बच्चे मिले. इन अनाथ बच्चों को उनके रिश्तेदार पालन-पोषण कर रहे थे. परंतु गरीबी के कारण बच्चों की परवरिश करने में कई परिवार असमर्थ थे. अंत में सुनील कुमार साहू ने सभी बच्चों को पालन-पोषण का जिम्मा लिया. इसके लिए उन्होंने टैसेरा के समीप एक मकान किराया पर लिया, जहां बच्चों को वह रख कर परवरिश कर रहे हैं.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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