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शुगर नियंत्रित करनेवाले आयुर्वेदिक चूर्ण में हार्ट, गैस और एंटीबायोटिक का रसायन, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

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शुगर नियंत्रित करनेवाले आयुर्वेदिक चूर्ण में पालतू जानवर के लिए बनाये गये खाद्य पदार्थ के तत्व भी भारी मात्रा में पाये गये हैं. ऐसे करीब आठ ऐसे तत्वों के मिलने की पुष्टि हुई है.

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राजीव पांडेय, रांची : मधुमेह (डायबिटीज/शुगर) को नियंत्रित करनेवाली आयुर्वेदिक दवा ‘शुगर कुष्माकर चूर्ण’ में एंटीबायोटिक, हार्ट और गैस की दवाओं के रसायन मिले हैं. इसका खुलासा तब हुआ जब लालपुर निवासी एक व्यक्ति ने झारखंड सरकार की अधिकृत टेस्ट लेबोरेट्री ‘सन टेक’ के यहां सैंपल भेजकर इसकी जांच करायी. जांच के लिए दवा का सैंपल 13 जून 2023 को लिया गया था, जिसकी रिपोर्ट हाल ही में आयी है. जांच की नौबत तब आयी जब एक मरीज डॉक्टर के पास अनियंत्रित शुगर लेवल और शरीर में सूजन की शिकायत लेकर पहुंचा. डॉक्टर को ब्लड रिपोर्ट देखकर यह विश्वास नहीं हुआ कि मरीज को आखिर उनके द्वारा दी गयी दवा से शुगर नियंत्रित क्याें नहीं हो रहा है?

जब डॉक्टर ने मरीज से पूरी जानकारी ली, तो पता चला कि वह एलोपैथ की दवा को छोड़ कर आयुर्वेदिक चूर्ण का इस्तेमाल कर रहे थे. करीब छह महीने तक इस्तेमाल करने के बाद यह नौबत आयी. शुरू में तो दवा का इस्तेमाल करने से शुगर लेवल ठीक रहा, लेकिन जब शरीर पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता, तो दोबारा जांच करायी गयी. इसके बाद वह परामर्श के लिए पहुंचे. रिपोर्ट के अनुसार, इस आयुर्वेदिक चूर्ण में ग्लिक्लाजाइड, क्लिंडामाइसिन, ग्लिबेंक्लामाइड, डिगॉक्सिन, ब्लेमाइसिन, एसिटाइलस्पिरामाइसिन, ओमेप्राजोल के अलावा कई अन्य दवाएं का रसायन शामिल हैं.

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पालतू जानवर के खाद्य पदार्थ वाले तत्व भी मिले

जानकारों ने बताया कि शुगर नियंत्रित करनेवाले इस आयुर्वेदिक चूर्ण में पालतू जानवर के लिए बनाये गये खाद्य पदार्थ के तत्व भी भारी मात्रा में पाये गये हैं. ऐसे करीब आठ ऐसे तत्वों के मिलने की पुष्टि हुई है. डॉक्टरों के अनुसार यह भी शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है.

अमेजन पर खुलेआम बिक रही है आयुर्वेदिक दवा

आयुर्वेदिक दवाओं की ऑनलाइन बिक्री खुलेआम की जा रही है. ‘शुगर कुष्माकर चूर्ण’ नाम की दवा अमेजन पर खुलेआम बिक रही है. 33 फीसदी की छूट के बाद भी इस दवा के 100 ग्राम की कीमत 1,294 रुपये है. इस दवा को खरीदने के लिए किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर के परामर्श पर्ची की जरूरत नहीं है. ऐसे में यह आसानी से उपलब्ध हो जा रहा है.

एलोपैथिक डॉक्टर भी चूर्ण में फंसी

सामान्य आदमी तो दूर, इस आयुर्वेदिक दवा के चक्कर में एलोपैथिक डॉक्टर भी पड़ जा रहे हैं. राजधानी की एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ने भी इस दवा का उपयोग किया. उनको शुरू में तो इसका असर ठीक लगा, लेकिन तबीयत खराब हो गयी, तो इस दवा के दुष्प्रभाव का पता चला.

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