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ranchi news : अगहन का महीना भगवान को अति प्रिय : स्वामी अनिरुद्धाचार्य

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वृंदावन से आये स्वामी अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने बुधवार को भी श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर के प्रांगण में भक्तों को संदेश दिये. उन्होंने कहा कि अगहन का महीना भगवान को अति प्रिय है.

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श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर के प्रांगण में भक्तों को संदेश दिये

रांची. वृंदावन से आये स्वामी अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने बुधवार को भी श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर के प्रांगण में भक्तों को संदेश दिये. उन्होंने कहा कि अगहन का महीना भगवान को अति प्रिय है. इस महीने में भगवान की सेवा का बड़ा ही महत्व है. यदि भगवान प्रसन्न हो गये, तो समझो सब प्रसन्न हो गया और भगवान प्रसन्न नहीं हैं, तो सबकुछ रहते भी कुछ भी नहीं है. संपत्ति रहते हुए भी यदि भगवान के प्रति भक्ति और अनुराग नहीं है, तो सबकुछ व्यर्थ ही है. स्वामी अनिरुद्धाचार्य जी ने कहा कि जिसके पास कुछ नहीं है और भगवान के प्रति प्रेम है, तो वह सबसे सुखी है. भगवान का दर्शन ही हमारी असल पूंजी है. माता के गर्भ में जीव भक्ति स्वीकार करता है, पर बाहर आते समय शठ नामक वायु उसका विवेक शून्य कर देती है. तब वह प्राणी इस असार संसार में आकर भ्रमित हो जाता है और इस सुख के खोज में इधर-उधर भटकने लगता है.

भगवान की जयंती और एकादशी का व्रत अवश्य कीजिए

स्वामी अनिरुद्धाचार्य जी ने कहा कि कोई व्रत करो या ना करो पर भगवान की जयंती और एकादशी का व्रत अवश्य करो. सौ एकादशी व्रत के बराबर भगवान की एक जयंती का महत्व है और सैकड़ों अश्वमेध यज्ञ करने का फल सिर्फ एक एकादशी व्रत करने से मिल जाता है. एकादशी व्रत और भगवान का दर्शन निष्काम भाव से करना चाहिए. मनुष्य को समर्पण युक्त जीवन यापन करना चाहिए. इस अवसर पर गोविंद दास महाराज, दामोदर दास, मंदिर के अर्चक सत्यनारायण गौतम, गोपेश आचार्य, नारायण दास व मंदिर संचालन समिति के राम अवतार नरसरिया, नारायण प्रसाद जालान, रमेश धरनीधरका, घनश्याम दास शर्मा, अनूप अग्रवाल, प्रदीप नरसरिया, विनय धरनीधरका, कन्हैया लोहिया, रामवृक्ष साहू, मुरारी लाल, शशि भूषण सिंह आदि उपस्थित थे.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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