25.7 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 11:54 am
25.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

इलेक्टोरल बांड की एसआइटी जांच हो : प्रशांत भूषण

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा है कि इलेक्टोरल बांड केवल 16500 करोड़ रुपये के राजनीतिक दलों के चंदा का मामला नहीं है. इसका एक हिस्सा रिश्वत का है. जिन्होंने बांड खरीदा है, उनको सरकारों ने कई तरह से फायदा पहुंचाया है. इसकी एसआइटी गठित कर जांच होनी चाहिए.

Audio Book

ऑडियो सुनें

रांची (मुख्य संवाददाता). इलेक्टोरल बांड केवल 16500 करोड़ रुपये के राजनीतिक दलों के चंदा का मामला नहीं है. इसका एक हिस्सा रिश्वत का है. जिन्होंने बांड खरीदा है, उनको सरकारों ने कई तरह से फायदा पहुंचाया है. इसकी जांच होनी चाहिए. एक एसआइटी गठित कर सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में जांच होनी चाहिए. ये बातें सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत भूषण तथा कॉमन कॉज की अंजलि भारद्वाज ने कहीं.

रांची प्रेस क्लब में रविवार को आयोजित प्रेस वार्ता में श्री भूषण ने कहा कि बांड से जो भी चंदा मिला, उसमें करीब शत-प्रतिशत वैसे दलों को मिला, जो कहीं ना कहीं सत्ता में थे. सबसे अधिक चंदा भाजपा को करीब 8251 करोड़ रुपये दिये गये. इसे लाने से पहले केंद्र की सरकार ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, कंपनी अधिनियम और आयकर अधिनियम में संशोधन किया था. इसको सूचना अधिकार के दायरे से भी बाहर कर दिया था. इसी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी. 15 फरवरी 2024 को सर्वोच्च न्यायालय ने चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक करार दिया. बांड की आगे की बिक्री पर रोक लगा दी.

शराब घोटाले के आरोपी को फायदा पहुंचाया गया

श्री भूषण ने कहा कि बांड खरीदनेवालों को सरकार ने अलग-अलग तरह से फायदा पहुंचाया. हैदराबाद के एक व्यवसायी को इडी ने शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था. उनकी कंपनी ने पांच करोड़ रुपये का बांड खरीद कर भाजपा को दिया. उस व्यवसायी की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान इडी ने विरोध नहीं किया. जेल से रिहा होने के बाद व्यवसायी सरकारी गवाह बन गये. बाद में उस व्यवसायी ने 25 करोड़ का बांड खरीद कर भाजपा को दिया. एक और इंजीनियरिंग व इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कंपनी ने 140 करोड़ के चुनावी बांड में से 130 करोड़ रुपये भाजपा को दिये. इस कंपनी को एक माह पहले ही मुंबई में 14000 करोड़ रुपये का काम मिला था.

घाटे में चल रही कंपनियों ने भी चंदा दिया

श्री भूषण ने कहा कि घाटे में चल रही कई कंपनियों ने भी बांड के माध्यम से चंदा दिया. यह ब्लैक मनी को सफेद करने के लिए किया गया. बड़ी कंपनियों ने ऐसा शेल कंपनियों के माध्यम से किया. बांड खरीद कर भाजपा को देने वाली एक फार्मा कंपनी की घटिया व खतरनाक दवाइयों को बाजार में बिकने दिया गया. वक्ताओं ने कहा कि इस घोटाले का पर्दाफाश होना चाहिए. अदालत की निगरानी में एसआइटी के गठन के लिए कॉमन कॉज और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी है.

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें