18.8 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 09:21 am
18.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

शौर्य गाथा: आतंकियों का मुकाबला करते शहीद हुए थे विश्वा केरकेट्टा, कीर्ति चक्र से किया गया था सम्मानित

Advertisement

झारखंड के सपूत विश्वा केरकेट्टा जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ बहादुरी से लड़ते हुए शहीद हो गये थे, लेकिन अपनी शहादत से पहले उन्होंने दो खतरनाक आतंकियों को मार गिराया था. इस बहादुरी के लिए विश्वा केरकेट्टाको कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Shaurya Gatha: 20 अक्तूबर 1997 को जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ बहादुरी से लड़ते हुए झारखंड के एक सपूत विश्वा केरकेट्टा शहीद हो गये थे, लेकिन अपनी शहादत से पहले उन्होंने दो खतरनाक आतंकियों को मार गिराया था. इस बहादुरी के लिए विश्वा केरकेट्टा को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था. राजधानी रांची के बूटी मोड़ पर युद्ध स्मारक में परमवीर चक्र विजेता अलबर्ट एक्का के साथ-साथ विश्वा केरकेट्टा भी प्रतिमा लगी है.

- Advertisement -

बचपन से ही सेना में जाना चाहते थे विश्वा केरकेट्टा

विश्वा केरकेट्टा बचपन से ही सेना में जाना चाहते थे, परिवार में माता-पिता के अलावा उनका एक और भाई था, जिसका कम उम्र में ही निधन हो गया था. दो बहनें भी हैं. एक भाई की मीरा के बाद वे अकेले बेटे बच गये थे, उन्होंने तय कर लिया था कि माता-पिता के सपने को वे पूरा करेंगे. मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद जब उन्हें खबर मिली कि सेना में बहाली हो रही है, तो उन्होंने आवेदन कर दिया और उनका चयन हो गया. वे 17 बिहार रेजिमेंट में थे.

आर्मी से जुड़ी जानकारियां विश्वा को करती थी रोमांचित

ट्रेनिंग के दौरान वे अव्वल आते रहे. बचपन से ही उन्हें गाना सुनने का बड़ा शौक था, विशेषकर विविध भारती. कार्यक्रम शुरू होने के लगभग एक घंटे पहले से ही उनकी नजर घड़ी की सुईयों पर टिकी रहती थी. समय होने पर दौड़कर वे रेडियो ऑन कर दिया करते थे. उन्हें अक्सर आर्मी और इससे जुड़ी जानकारियां रोमांचित किया करती थी. विश्वा केरकेट्टा गांव से जुड़े थे. यहां की जिंदगी बिल्कुल अलग थी. जब वे सेना मे गये तो यहां की जिंदगी बिल्कुल अलग हर समय बैग के साथ तैयार रहना पड़ता था कि कब कहाँ पोस्टिंग होगी, कब कहाँ जाना पड़ेगा. जम्मू-कश्मीर में जब उनकी पोस्टिंग की गयी थी, वे जानते थे कि चुनौतियां कठिन हैं. भारत-पाक का युद्ध भले ही न हो रहा था, लेकिन आतंकी घटनाएं लगातार हो रही थीं. कई मौकों पर उनका आतंकियों से सामना हो चुका था. अपने जीवन में विश्वा ने इतनी चुनौतियों का सामना किया था कि उन्हें इनकी आदत पड़ गयी थी. डर और भय तो उनके शब्दकोष में कहीं नहीं थे.

जम्मू कश्मीर में आतंकियों को मार गिराया

20 अक्तूबर 1997 को विश्वा केरकेट्टा जम्मू-कश्मीर में एक झील के किनारे गन ताने खड़े थे. बारिश के अदि के कारण उनके दो साथी पास के पेड़ के नीचे आपस में कुछ बातें कर रहे थे. इसी बीच तीन खतरनाक आतंकवादियों ने वहां अंधाधुंध फायरिंग आरंभ कर दी. वे विश्वा केरकेट्टा को लक्ष्य कर गोली चला रहे थे. गोली लगने के बाद वे घायल हो गये थे, लेकिन धैर्य नहीं खोया. तुरंत मोरचा ले लिया और आतकियों का मुकाबला करने लगे, तबतक विश्वा केरकेट्टा के अन्य साथी भी वहां आ चुके थे. सभी मिल कर आतंकियों को जवाब दे रहे थे. दोनों ओर से गोलियां चल रही थीं. गोली लगने के बावजूद विश्वा केरकेट्टा ने दो आतंकियों को मार गिराया. तीसरा आतंकवादी वहां से भागने लगा. उसने छुपते छुपाते घिसटते हुए पास के एक धार्मिक स्थल में शरण ली. सूचना मिलने पर फौज की एक टुकड़ी वहां पर आ पहुंची. सेना ने उस धार्मिक स्थल के अंदर गैस का गोला छोड़ा, जिसके कारण वह आतंकवादी वहीं बेहोश हो गया और फौज के कब्जे में आ गया. उसे बाद में पकड़ लिया गया.

कीर्ति चक्र से किया गया था सम्मानित

विश्वा ने बहादुरी का परिचय देते हुए घायल होने के बावजूद दो खतरनाक आतंकियों को मार तो गिराया था, लेकिन आतकियों की गोली उनके लिए जानलेवा साबित हुई. वे दम तोड़ चुके थे. भारत मां का एक सपूत आतंकियों का मुकाबला करता हुआ शहीद हो चुका था. इस वीरता के लिए विश्वा केरकेट्टा को वर्ष 2000 में तत्कालीन राष्ट्रपति श्री के आर नारायणन द्वारा कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया, जिसे उनकी पत्नी उर्मिला केरकेट्टा ने ग्रहण किया. पति की शहादत के काफी दिनों बाद उर्मिला को चतुर्थवर्ग में नौकरी मिली. आज भी आर्मी उनकी सहायता करती है. उर्मिला के मन में सेना के प्रति बहुत सम्मान है. इसलिए उसने पति की शहादत के बावजूद अपने एक बेटे को सेना में भेजा. वह अभी दानापुर में नियुक्त है. वह अपने पिता को आदर्श मानता है और समय-समय पर रांची स्थित युद्ध स्मारक जाकर अपने पिता की शहादत पर गर्व करता है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें