23.1 C
Ranchi
Tuesday, March 11, 2025 | 02:13 am
23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

फाइव स्टार होटल तक पहुंचा रुगड़ा, फिर भी पहचान का मोहताज

Advertisement

झारखंड के जायके की पहचान है रुगड़ा व खुखड़ी. आषाढ़ माह शुरू होते ही इसका बेसब्री से लोग इंतजार करने लगते हैं. बारिश शुरू होते ही प्रोटीन से भरपूर रुगड़ा 400 से 500 रुपये प्रति किलो की दर से बिकता है. लेकिन रुगड़ा वनोपज है या कृषि उत्पाद, यह अब तक राज्य में तय ही नहीं है. इसके लिए कभी कोई प्रयास भी नहीं हुआ. कभी इसके प्रोसेसिंग पर भी बात नहीं हुई है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

रांची : झारखंड के जायके की पहचान है रुगड़ा व खुखड़ी. आषाढ़ माह शुरू होते ही इसका बेसब्री से लोग इंतजार करने लगते हैं. बारिश शुरू होते ही प्रोटीन से भरपूर रुगड़ा 400 से 500 रुपये प्रति किलो की दर से बिकता है. लेकिन रुगड़ा वनोपज है या कृषि उत्पाद, यह अब तक राज्य में तय ही नहीं है. इसके लिए कभी कोई प्रयास भी नहीं हुआ. कभी इसके प्रोसेसिंग पर भी बात नहीं हुई है.

इस दिशा में कदम उठाये जायें तो राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम मिल सकता है. जब लिट्टी-चोखा बिहार की पहचान बन सकता है, तो रूगड़ा झारखंड की पहचान क्यों नहीं बन सकता? रुगड़ा वहीं मिलता है, जहां साल के जंगल हैं. लोगों की पसंद के कारण बड़े-बड़े होटलों के मेन्यू में भी अब रूगड़ा शामिल हो चुका है. सावन में जब लोगों के घरों में नॉनवेज नहीं बनता है, तो रूगड़ा इसका सबसे बेहतर विकल्प है.

जरूरत है अनुसंधान की और बाजार बनाने की : चाईबासा के डीएफओ रजनीश कुमार बताते हैं कि यह वनोपज होना चाहिए. लेकिन कभी प्रयास नहीं किया गया है. छत्तीसगढ़ के जगदलपुर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक धर्मपाल केरकेट्टा ने इस पर अनुसंधान का प्रयास किया था. श्री केरकेट्टा ने बताया कि इस पर मामला बहुत आगे नहीं बढ़ पाया. जिस तरह खुखड़ी को मशरूम के रूप में विकसित किया गया, रूगड़ा को इस तरह विकसित नहीं किया जा सका है.

बिरसा कृषि विवि के मशरूम शोध प्रभारी डॉ एन कुदादा के अनुसार, इसमें मिनरल्स, प्रोटीन और फाइबर अधिक मात्रा में पाये जाते हैं. वसा और कैलोरी कम होती है. दिल के मरीज, ब्लड प्रेशर व मधुमेह रोगी के लिए यह फायदेमंद है. बिरसा कृषि विवि के कृषि वैज्ञानिक डॉ नरेंद्र कुदादा के अनुसार, रुगड़ा एक प्राकृतिक व शुद्ध जैविक उत्पाद है.

फिलहाल इसकी खेती को लेकर अब तक किसी शोध के प्रयास का कोई उल्लेख नहीं है, बल्कि इसे अधिक दिनों सुरक्षित रखने के लिए बीएयू व बीआइटी मेसरा (बायोटेक्नोलॉजी विभाग) में कार्य चल रहे हैं. रुगड़ा की व्यावसायिक खेती भी नहीं हो रही है.

फायदेमंद है ‘रूगड़ा’ व देसी मशरूम ‘खुखड़ी’

बरसात के मौसम में मिलनेवाला देसी मशरूम (खुखड़ी) व रुगड़ा शरीर के लिए बहुत लाभकारी है. रिम्स की न्यूट्रिशियन मीनाक्षी कुमारी के अनुसार खुखड़ी में प्रोटीन, फैट, फाइबर और कार्बोहाइड्रेड प्रचुर मात्रा में मिलते हैं. 100 ग्राम खुखरी में 3.68 प्रोटीन, 0.42 ग्राम फैट,3.11 ग्राम फाइबर और 1.98 ग्राम कार्बोहाइड्रेड मिलता है. वहीं रुगड़ा में कैल्सियम और प्रोटीन मिलते हैं. एनीमिया (खून की कमी) से पीड़ित मरीज के लिए रुगड़ा बहुत लाभकारी है.

सीजन में 25 हजार रुपये तक कमा लेती हैं महिलाएं

पिस्का नगड़ी निवासी करमी देवी कचहरी चौक पर रुगड़ा बेचती हैं. कहती हैं, बरसात की शुुरुआत से ही बाजार में रुगड़ा की मांग होने लगती है. इस साल रुगड़ा 400 से 500 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. जून से सिंतबर के पहले सप्ताह तक रुगड़ा का सीजन रहता है. इस दौरान इसे बेचकर 20 से 25 हजार रुपये की कमाई कर लेती हूं.

फाइव स्टार होटल तक पहुंचा

झारखंड के फाइव स्टार होटलों तक रुगड़ा की पहुंच हो चुकी है. होटल रेडिशन ब्लू के एक्जीक्यूटिव शेफ रामचंद्र उरांव कहते हैं कि रेस्टूरेंट में झारखंडी फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है. इसमें रुगड़ा को जरूर शामिल किया जाता है. रुगड़ा 350 से 400 रुपये प्रति प्लेट मिलता है.

इसके फायदे

  • दिल के मरीज, ब्लड प्रेशर और मधुमेह रोगी के लिए यह बहुत फायदेमंद है

  • एनीमिया (खून की कमी) से पीड़ित मरीज के लिए भी रुगड़ा है बहुत लाभकारी

  • रुगड़ा मशरूम की ही एक प्रजाति है, मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं, सफेद व काला

राजधानी में रुगड़ा 400 से 500 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है

  • आकाश में बिजली चमकने या गरजने पर जमीन में दरारें पड़ जाती हैं, तो वहीं से खोद कर रुगड़ा निकलता है

  • रुगड़ा साल के जंगल में ही तैयार होता है, झारखंड के अलावा छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में भी पाया जाता है

  • झारखंड में रांची, खूंटी, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, सिंहभूम और चतरा में पाया जाता है

भोर में ही रुगड़ा खोजने निकल जाते थे

ग्रामीण परिवेश में रहने के कारण उनके पूरे परिवार को रुगड़ा, करैल, खुखड़ी काफी पसंद है. बचपन में हम लोग सुबह चार बजे ही रुगड़ा निकालने के लिए घर से निकल जाते थे. हमें इस बात की चिंता रहती थी कि कहीं कोई दूसरा हमसे पहले इसे नहीं निकाल ले. घर में मां, पत्नी, बहन, भाभी इसे बनाती हैं.

नीलकंठ सिंह मुंडा, पूर्व मंत्री सह खूंटी विधायक

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर