21.2 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 07:15 pm
21.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

क्षेत्रीय अनुसंधान सम्मेलन में समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने वाली परियोजना बनाने पर दिया जोर

Advertisement

निदेशक डॉ योगेश्वर मिश्रा ने क्षेत्रीय अनुसन्धान सम्मलेन के विषय से अवगत कराते हुए कहा कि आज के सम्मलेन में परती भूमि के विकास से जीविकोपार्जन विषय पर चर्चा की गयी. डॉ मिश्रा ने बताया कि विभिन्न सेक्टर से वन प्रतिभागी भाग ले रहे हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

रांची: वन उत्पादकता संस्थान द्वारा अपने सहयोगी संस्थान भावाअशिप-जैव विविधता संस्थान, हैदराबाद के सहयोग से Improvement in productivity of Forest and generation of livelihood through degraded land management विषय पर क्षेत्रीय अनुसंधान सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में ओडिशा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल प्रमुख) देवीदत्त बिसवाल ऑनलाइन उपस्थित थे. सम्मलेन में भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद्, देहरादून के महानिदेशक अरुण सिंह रावत, उपमहानिदेशक (अनुसंधान) रत्नाकर जौहरी, उपमहानिदेशक (प्रशासन) राकेश डोगरा, झारखण्ड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल प्रमुख) सहित वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों, भावाअशिप- वन उत्पादकता संस्थान रांची तथा भावाअशिप-जैव विविधता संस्थान हैदराबाद के निदेशक एवं अन्य अधिकारी, विभिन्न अनुसंधान संस्थान, गैर सरकारी संस्थान एवं उद्यमियों ने भाग लिया. अंजना सुचिता तिर्की उपवन संरक्षक के संचालन एवं संस्थान के निदेशक डॉ योगेश्वर मिश्रा के कार्यक्रम के लिए शुभकामना के साथ गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वल्लित कर विधिवत कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया.

- Advertisement -

परती भूमि के विकास से जीविकोपार्जन पर चर्चा

निदेशक डॉ योगेश्वर मिश्रा ने क्षेत्रीय अनुसन्धान सम्मलेन के विषय से अवगत कराते हुए कहा कि आज के सम्मलेन में परती भूमि के विकास से जीविकोपार्जन विषय पर चर्चा की गयी. डॉ मिश्रा ने बताया कि विभिन्न सेक्टर से वन प्रतिभागी भाग ले रहे हैं. उपमहानिदेशक रत्नाकर जौहरी पांचों राज्यों के वरिष्ठ वन पदाधिकारियों ने सम्मलेन में वानिकी की मूलभूत आवश्यकताओं की चर्चा की.

Also Read: विश्व आदिवासी दिवस: झारखंड आदिवासी महोत्सव में लगेंगे 72 स्टॉल, दिखेगी जनजातीय कला-संस्कृति की झलक

क्षेत्रीय सेमिनार के आयोजन का ये है उद्देश्य

महानिदेशक अरुण सिंह रावत ने बताया कि विषय आधारित क्षेत्रीय सेमिनार का आयोजन परिषद् का मुख्य उद्देश्य है. उन्होंने परिषद् द्वारा वृक्ष प्रजाति सुधार, विभिन्न प्रजाति के 69 क्लोन का विकसित किया जाना, उत्तक संवर्धन द्वारा वृक्ष प्रजाति सुधार आदि पर किए जा रहे अनुसन्धान एवं संवर्धन की चर्चा की एवं कीटनाशकों का विभिन्न वानिकी क्षेत्रों में अनुप्रयोग की भी चर्चा की. पांच राज्यों में lantana पर किये जाने वाले कार्यों से भी सम्मलेन को अवगत कराया.

Also Read: वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव बोले, जरूरत पड़ी तो मुआवजे के लिए माइनिंग एजेंसियों पर करेंगे सर्टिफिकेट केस

समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने वाली परियोजना बनाने पर जोर

ओडिशा के अध्यक्ष सह प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन प्रमुख बल) देवीदत विसवाल ने जीविकोपार्जन पर आधारित आज के सम्मलेन पर ख़ुशी जाहिर की एवं उत्पादकता में सुधार, वन भूमि प्रबंधन, पर्यावरण, वानिकी एवं गैर-वानिकी क्षेत्रों की पारिस्थितिकी सुधार आदि कार्यों को जीविकोपार्जन से जोड़कर मॉडल बनाने का आग्रह किया. अकाष्ठ वनोत्पाद का मूल्यवर्धन, जैविक खाद, मछली पालन आदि को बढ़ावा देकर समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने वाली परियोजना बनाने पर जोर दिया.

Also Read: Explainer: झारखंड की 30 हजार से अधिक महिलाओं की कैसे बदल गयी जिंदगी? अब नहीं बेचतीं हड़िया-शराब

पत्रिका का किया गया विमोचन

इस अवसर पर भावाअशिप–वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून, भावाअशिप – उष्णकटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान, जबलपुर तथा भावाअशिप-वन उत्पादकता संस्थान, रांची केंद्र संस्थान के प्रयास से तैयार संस्थान द्वारा प्रकाशित “Standard operating procedures of 30 important species of Odisha” का विमोचन अतिथियों के द्वारा किया गया. धन्यवाद ज्ञापन उपवन संरक्षक प्रमोद चन्द्र लकड़ा ने किया.

Also Read: झारखंड: गरीबी को मात देकर कैसे लखपति किसान बन गयीं नारो देवी? ड्राइवर पति के साथ जी रहीं खुशहाल जिंदगी

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें