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राजनीति में आने वालों को नई राह दिखाएगी मृत्युंजय शर्मा की पुस्तक ‘ब्रोकेन प्रोमिसेज : कास्ट, क्राइम एंड पॉलिटिक्स इन बिहार’

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बिहार में 1990 के दशक की स्थिति पर आधारित मृत्युंजय शर्मा की पुस्तक ‘ब्रोकेन प्रॉमिसेज : कास्ट, क्राइम एंड पॉलिटिक्स इन बिहार’ का हरिवंश ने लोकार्पण किया.

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राज्यसभा के उप-सभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा है कि मृत्युंजय शर्मा की पुस्तक ‘ब्रोकेन प्रोमिसेज : कास्ट, क्राइम एंड पॉलिटिक्स इन बिहार’ ऐसी किताब है, जो राजनीति में आने की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए पथ प्रदर्शक का काम करेगी. उन्होंने कहा कि मृत्युंजय शर्मा ने एक बहुत अच्छी पुस्तक लिखी है.

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बिहार के उस दौर को समझने के लिए बेहतरीन पुस्तक

पत्रकार से राजनेता बने हरिवंश ने कहा कि बिहार की राजनीति पर आधारित यह पुस्तक उस समय की स्थितियों के बारे में बताती है, जब झारखंड और बिहार एक हुआ करते थे. बिहार के उस समय को समझने के लिए यह एक बेहतरीन किताब है. राज्यसभा के उप-सभापति ने पुस्तक का लोकार्पण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि झारखंड और बिहार को में विकास कैसे हो सकता है, इस किताब को पढ़कर इसकी समझ विकसित कर सकते हैं.

राजनीति में आने वाले युवाओं को नई राह दिखाएगी पुस्तक

उन्होंने कहा कि मृत्युंजय शर्मा एक समझदार युवा हैं. मैनेजमेंट और इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. उन्होंने एक बहुत ही सुंदर किताब लिखी है. यह पुस्तक तथ्यों और आंकड़ों पर आधारित है. उन्होंने कहा कि युवा, जिनकी दिलचस्पी राजनीति में है, वे अगर इसे पढ़ेंगे, तो उन्हें भविष्य के लिए नई राह मिलेगी.

झारखंड और बिहार दोनों क्षेत्रों में होतीं थीं हिंसक घटनाएं

वहीं, झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मैंने अब तक इस पुस्तक को पढ़ा नहीं है, लेकिन मैं जानता हूं जब बिहार और झारखंड एक हुआ करते थे, उस दौरान किस तरह की त्रासदी थी. खासकर 1990 और 2000 के दशक में. मैंने उस दौर को बेहद करीब से देखा है. घटनाएं बिहार में होती थी. झारखंड में भी वैसी हिंसक घटनाएं होतीं थीं. नरसंहार होते थे.

बिहार में होतीं थीं माओवादी और जातीय हिंसा : बाबूलाल मरांडी

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बिहार में माओवादी और जाति आधारित दोनों हिंसा होती थी. झारखंड में माओवादी हिंसा की घटनाएं अधिक होतीं थीं. हमने उस दौर को देखा है. माओवादी और जातिगत हिंसा की वजह से ही बिहार और झारखंड विकास के दौर में पीछे रह गए. उन्होंने कहा कि बिहार-झारखंड में मेधावी लोग थे. पूंजी का अभाव नहीं था. समृद्ध राज्य था. लेकिन, हिंसक घटनाओं की वजह से बिहार और झारखंड विकास के दौर में बहुत पीछे रह गए.

बिहार के संदर्भ में बेहतरीन सोशियो पॉलिटिकल डायरी : भगत

पद्मश्री अशोक भगत ने पुस्तक को बिहार के संदर्भ में लिखी गई एक बेहतरीन सोशियो पॉलिटिकल डायरी बताया. कहा कि 90 के दशक में बिहार में काम करना वर्तमान परिप्रेक्ष्य की तुलना में ज्यादा कठिन था.

90 के दशक में कश्मीर व बिहार के हालात की समानता पर चर्चा

लेखक मृत्युंजय शर्मा ने ने इस अवसर पर कहा कि यह किताब 5 वर्षों के गहन रिसर्च का परिणाम है. 90 के दशक का बिहार जनता के लिए किसी त्रासदी से कम नहीं था. सत्ता के संरक्षण में राजनीतिक बाहुबलियों को उभरने का मौका दिया गया, जाति के नाम पर समाज में द्वेष की भावना भरी गई और उसका राजनीतिक लाभ लिया गया. अपहरण को उद्योग के रूप में स्थापित किया गया, सरकारी मशीनरी का भरपूर दुरुपयोग हुआ. मृत्युंजय शर्मा ने 90 के दशक में कश्मीर और बिहार के हालात की समानता पर भी चर्चा की.

झारखंड में भाजपा के इलेक्शन मैनेजमेंट चीफ हैं मृत्युंजय शर्मा

पुस्तक के लेखक मृत्युंजय शर्मा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के युवा नेता हैं. वह लोकसभा चुनाव 2024 के इलेक्शन मैनेजमेंट चीफ भी हैं. उनकी पुस्तक ‘ब्रोकेन प्रोमिसेज : कास्ट, क्राइम एंड पॉलिटिक्स इन बिहार’ का लोकार्पण रांची के ऐतिहासिक ऑड्रे हाउस में हुआ. समारोह में पद्म श्री अशोक भगत, झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, विधायक सीपी सिंह, पूर्व विधायक जीतू चरण राम, डीएसपीएमयू के कुलपति तपन शांडिल्य व अन्य मौजूद रहे. कार्यक्रम का संचालन वेस्टलैंड बुक्स की पब्लिशर मीनाक्षी ठाकुर ने किया.

कौन हैं मृत्युंजय शर्मा?

मृत्युंजय बीआईटी मेसरा और XLRI जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़ाई पूरी करने के बाद कई प्रतिष्ठित कंपनियों में अहम पदों पर काम किया. छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की सलाहकार समिति का हिस्सा रहे. इस समय झारखंड भाजपा के चुनाव प्रबंधन के प्रमुख हैं. साथ ही रांची में कई स्थानों पर अपनी संस्था कर्तव्य पथ के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं.

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