16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

हेमंत सोरेन पर बरसे झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास, कहा- सरकार के खिलाफ लोगों में आक्रोश

Advertisement

Jharkhand Political News: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि अपने परिवार और नजदीकी लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए हेमंत सोरेन सरकार के संरक्षण में पिछले ढाई वर्ष में झारखंड के जल-जंगल और जमीन के साथ-साथ खनिज संपदा की जमकर लूट हुई है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand Political News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शुक्रवार को हेमंत सोरेन सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि यह सरकार लोगों की आंख में धूल झोंक रही है. 5 लाख नौकरियों के वादे के साथ सत्ता में आयी हेमंत सोरेन सरकार की वादाखिलाफी के कारण झारखंड के युवाओं में सरकार के खिलाफ आक्रोश है.

- Advertisement -

जल-जंगल और जमीन के साथ खनिज संपदा की हुई लूट

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि अपने परिवार और नजदीकी लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए हेमंत सोरेन सरकार के संरक्षण में पिछले ढाई वर्ष में झारखंड के जल-जंगल और जमीन के साथ-साथ खनिज संपदा की जमकर लूट हुई है. साहिबगंज जैसा पिछड़ा जिला इसका उदाहरण है.

Also Read: मुख्यमंत्री रहते हेमंत ने पहले भी तैयार किया था स्थानीयता का ड्राफ्ट, फिर रघुवर दास ने बनायी थी ऐसी नीति
साहिबगंज में 1500 करोड़ का हुआ अवैध खनन

रघुवर दास ने कहा कि इस एक जिले से ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में 1,400-1500 करोड़ रुपये के अवैध उत्खनन की बात सामने आयी है. इसमें मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि का नाम सबसे आगे है. हेमंत सोरेन सरकार के इन कारनामों के कारण झारखंड के लोग सरकार से काफी नाराज हैं.

लोगों की आंख में धूल झोंक रही सरकार

उन्होंने कहा कि लोगों की नाराजगी और आक्रोश को दबाने और लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए हेमंत सोरेन हर रोज नयी-नयी लोक लुभावन घोषणाएं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1932 के खतियान और आरक्षण नीति की घोषणा भी इसी का हिस्सा है.

इस आधार पर तय हुई थी स्थानीय व्यक्ति की पहचान

श्री दास ने कहा कि 15 नवंबर 2000 को झारखंड राज्य का गठन हुआ. राज्य गठन के बाद उस समय की सरकार ने अधिसूचना संख्या 3389, दिनांक 29.09.2001 द्वारा एकीकृत बिहार के परिपत्र संख्या 806, दिनांक 03.03.1982 को अंगीकृत किया गया, जिसमें जिला के आधार पर स्थानीय व्यक्ति की पहचान उनके नाम, जमीन, वासगीत, रिकार्ड ऑफ राइट्स के आधार पर की गयी थी.

Also Read: झारखंड के पूर्व CM रघुवर दास का JMM-Congress पर निशाना, कहा-परिवार की इन पार्टियों में लोकतंत्र नहीं
झारखंड हाईकोर्ट ने स्थानीयता पर दिये थे अहम सुझाव

उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में झारखंड हाईकोर्ट ने दो याचिकाओं की सुनवाई के बाद पारित विस्तृत आदेश के जरिये स्थानीयता को परिभाषित करने संबंधी संकल्प को गलत बताया था. साथ ही स्थानीयता को परिभाषित करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये थे. इसके बाद कई सरकारें बनीं, लेकिन स्थानीय व्यक्ति को परिभाषित करने और उसकी पहचान के मापदंड को निर्धारित करने का मामला विचाराधीन रहा.

भाजपा ने सभी हितधारकों से विमर्श के बाद बनायी थी स्थानीय नीति

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने 7 अप्रैल 2015 को सर्वदलीय बैठक की. सामाजिक संगठनों से परामर्श लिया. झारखंड के बुद्धिजीवियों से भी विचार-विमर्श किया. झारखंड हाईकोर्ट के सुझावों को ध्यान में रखते हुए 7 अप्रैल 2016 को स्थानीयता को परिभाषित करते हुए, उस नीति को नियोजन की नीति से जोड़कर भारी संख्या में झारखंड के बच्चे बच्चियों को नौकरी दी.

1932 का खतियान लागू नहीं करेगी यह सरकार

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने स्थानीय निवासियों को इस तरह से परिभाषित किया था कि किसी भी वर्ग को किसी भी प्रकार के भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा. वर्तमान सरकार ने 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता को परिभाषित करने संबंधी निर्णय लिया है और इनको भी पता है कि इसे लागू करना कोर्ट की अवमानना होगी. इसलिए इनके द्वारा इस नीति को लागू नहीं किया जायेगा, ऐसी योजना बनायी गयी है.

हेमंत सोरेन ने कहा था- 1932 का खतियान कभी लागू नहीं हो पायेगा

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं मुख्यमंत्री 23 मार्च 2022 को इसकी वैधानिकता के बारे में राज्य की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा में घोषणा कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि 1932 वाली स्थानीयता की नीति को संविधान की 9वीं अनुसूची में सम्मिलित होने के बाद लागू किया जायेगा, जो कभी भी संभव नहीं हो पायेगा.

स्थानीय नीति को नियोजन नीति से नहीं जोड़ा गया

उन्होंने कहा कि स्थानीयता का मामला हो या आरक्षण का मामला, यह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र का मामला है. साथ ही इस नीति को नियोजन से भी नहीं जोड़ा गया है. इसलिए स्पष्ट है कि सरकारी नियुक्तियों में भी वर्तमान में झारखंडवासियों को 1932 अथवा स्थानीयता का कोई लाभ नहीं मिल पायेगा. 5 लाख नौकरी देने के वादे को पूरा नहीं करने के कारण सरकार के प्रति प्रदेश के युवाओं में रोष है. इसलिए यह स्थानीय नीति लोगों को उलझाने, लटकाने और भटकाने की नीयत से घोषित की गयी है.

आरक्षण बढ़ाने का फैसला असंवैधानिक

रघुवर दास ने कहा कि जहां तक आरक्षण में बढ़ोतरी का निर्णय है, यह निर्णय भी असंवैधानिक है. इसे लागू करना असंभव-सा प्रतीत होता है. इस तरह यहां के आदिवासी, मूलवासी और पिछड़ों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है. उन्हें धोखा दिया गया है. किसी को भी आरक्षण देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, उस श्रेणी के छात्रों की संख्या और उनके प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करना आवश्यक है.

सर्वे रिपोर्ट अब सार्वजनिक नहीं हुई

इसी क्रम में भाजपा सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2019 में राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों को सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था. इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है, जिससे पता चलता है कि यह रिपोर्ट अभी तैयार नहीं हुई है.

किस आधार पर आरक्षण बढ़ाने का सरकार ने लिया फैसला?

उन्होंने कहा अगर सरकार ने रिपोर्ट तैयार नहीं की है, तो आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने में किन-किन कारकों को ध्यान में रखा गया है, यह भी सार्वजनिक करना चाहिए. लेकिन, ऐसा नहीं किया गया है. सरकार द्वारा किसी सर्वेक्षण की रिपोर्ट को ध्यान में नहीं रखा गया है, न ही आरक्षण को सही तरीके से देने के लिए जिस प्रक्रिया की आवश्यकता है, उसका पालन किया गया है.

खनन व्यापार में लिप्त है यह सरकार: रघुवर दास

उन्होंने कहा जिस तरह से वर्तमान सरकार अपने पद का दुरुपयोग कर खनन व्यापार में लिप्त है, उसी तरह आरक्षण को भी सरकार अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए व्यापारिक रूप देकर झारखंडवासियों को धोखा दे रही है. कहा कि मुख्यमंत्री जी यह राजतंत्र नहीं है, लोकतंत्र है. निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण किये बिना इस तरह के फैसले प्रजातंत्र में नहीं लिये जाते.

झामुमो-कांग्रेस सरकार ने हजारों करोड़ की उगाही की

श्री दास ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में झामुमो-कांग्रेस की सरकार ने कोयला, बालू, गिट्टी की लूट, शराब के व्यापार में और ट्रांसफर-पोस्टिंग में हजारों करोड़ रुपये की उगाही की है. यहां तक कि मुख्यमंत्री ने अपने व अपने परिवार वालों के नाम पर माइनिंग लीज भी ली, जिसका परिणाम है कि मुख्यमंत्री, उनके परिवारवाले तथा सहयोगी केंद्रीय एजेंसियों की रडार पर हैं. प्रेस वार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव, सह मीडिया प्रभारी तारिक इमरान भी उपस्थित थे.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें