16.1 C
Ranchi
Tuesday, February 11, 2025 | 07:20 am
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

‘वोकल फॉर लोकल’ : मिलिए झारखंड के इन हुनरमंदों से, जो देश-विदेश तक बना चुके हैं पहचान

Advertisement

कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) इस समय को भी भारत के लिए एक अवसर की तरह देख रहे हैं. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री ने राष्‍ट्र के नाम संबोधन में पिछले दिनों पहली बार 'लोकल पर वोकल' (Local par Vocal) का नारा दिया है. झारखंड (jharkhands women entrepreneurs) की बात करें तो हमारा राज्य हुनरमंद कारीगरों से भरा पड़ा है़. आइये मिलते हैं अपने झारखंड की राजधानी रांची शहर के ऐसे ही कुछ हुनरमंदों से जो मामूली सी चीज को अपने हुनर के दम पर बेशकीमती बना देते हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) इस समय को भी भारत के लिए एक अवसर की तरह देख रहे हैं. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री ने राष्‍ट्र के नाम संबोधन में पिछले दिनों पहली बार ‘लोकल पर वोकल’ (Local par Vocal) का नारा दिया है. झारखंड की बात करें तो हमारा राज्य हुनरमंद कारीगरों से भरा पड़ा है़. आइये मिलते हैं अपने झारखंड की राजधानी रांची शहर के ऐसे ही कुछ हुनरमंदों से जो मामूली सी चीज को अपने हुनर के दम पर बेशकीमती बना देते हैं. देश-विदेश तक पहचान बना चुके है़ं. इन्हीं हुनरमंदों पर पढ़िए लता रानी यह रिपोर्ट…..

- Advertisement -

जूट प्रोडक्ट बनाने में कोकर की लक्ष्मी के हुनर का जवाब नहीं

रांची के शांति नगर गढा टोली कोकर की रहने वाली लक्ष्मी ने 2004 में आदिवासी सहकारी विकास समिति के सहयोग से ट्रेनिंग ली. इस ट्रेनिंग ने इनमें इतना हुनर दे दिया कि आज लक्ष्मी अपने पैरों पर खड़ी हैं. जूट के एक से बढ़कर एक खूबसूरत चीजें बना लेती हैं. लंच बॉक्स, वाटर प्यूरीफायर बैग, बच्चों के खिलौने, जूट की मूर्ति में इनकी प्रतिभा दिखती है. यहां तक कि जूट के जूते और चप्पल बनाने में भी एक्सपर्ट हैं. लक्ष्मी कहती हैं कि इसी दम पर उन्हें दिल्ली जाने का मौका मिला. झारखंड सरकार के सरस मेला से लेकर लखनऊ, बनारस तक अपनी पहचान बना चुकी हैं. इसके लिए उन्हें कई बार अवार्ड से सराहा भी गया है.

Also Read: PM मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ पर महिला उद्यमियों ने कहा- लोकल को बनायेंगे वोकल, घरेलू उत्पाद बनेंगे ब्रांड
बांस से बेशकीमती चीजें बनाने में माहिर है उज्जवल और उनकी टीम

बरियातू के उज्जवल दत्ता बांस को ऐसे निखार देते हैं कि वह बेशकीमती चीज बन जाती है़. इनके साथ अभी 150 आर्टिस्ट काम कर रहे हैं. इन कारीगरों के हाथ के बने बांस के सामान की पहुंच देश-विदेश तक है़. उज्जवल को इस काम में बहन दीपाली का सहयोग मिला़ आज वह दिल्ली के ट्रेड फेयर में अपना प्रोडक्ट बेच रहे हैं. उज्जवल बेशक लोकल लेवल पर काम कर रहे हैं, लेकिन इनका काम इतना खूबसूरत है और इस खूबसूरत अंदाज में पेश करते हैं कि बड़ा ब्रांड बनने से रोका नहीं जा सकता. वह कहते हैं कि अगर अवसर मिला, तो कई बड़े ब्रांड को भी मात दे सकते हैं.

गुजराती हैंडीक्राफ्ट में एक्सपर्ट है अपर बाजार का यह परिवार

पुरानी रांची अपर बाजार के रहने वाले मनोहर और उनका पूरा परिवार गुजराती हैंडीक्राफ्ट में माहिर है. बचपन से गुजराती हैंडीक्राफ्ट का काम देखा और सीखा है. मनोहर मूल रूप से गुजरात के रहनेवाले हैं, लेकिन 80 के दशक से रांची में रह रहे हैं. मनोहर और उनका परिवार गुजराती हैंडीक्राफ्ट की साड़ियां, सूट, बेडशीट, कुशन कवर बनाने में एक्सपर्ट है़ इनके ऊपर गुजराती एंब्रायडरी करना भी बखूबी जानते हैं. घर की महिलाएं उत्पादों की मार्केटिंग कर लेती हैं. वहीं पुरुष सदस्य एग्जीबिशन में झारखंडी गुजराती हैंडीक्राफ्ट को बढ़ावा दे रहे हैं. वह कहते हैं : विदेशों से आये लोग इसे अपने देश लेकर जाते हैं.

इस्माइल के हाथों से बनी साड़ियां देश-विदेश में मचा रही हैं धूम

इस्माइल अंसारी पुंदाग में परिवार के साथ रह रहे हैं. 2010 से झारक्राफ्ट से जुड़े हैं. गोड्डा के रहनेवाले हैं इसलिए सिल्क की साड़ियां बनाना बखूबी जानते हैं. बताते हैं कि हमारे गांव में घर-घर में सिल्क का काम होता है. सभी लोग सिल्क की साड़ियां बनाते हैं. इसे बचपन से देखा है. इसके माध्यम से ही झारक्राफ्ट से जुड़ने का मौका मिला. कई वर्षों से मास्टर ट्रेनर के रूप में काम कर रहा हूं. महिलाओं को साड़ी की डिजाइन देता हूं. झारक्राफ्ट के माध्यम से ये साड़ियां देश-दुनिया में पहचान बना रही हैं.

Also Read: बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के 60 नये मामले सामने आये, खगड़िया में सबसे अधिक 15 केस, कुल संक्रमितों की संख्या बढ़ कर हुई 1579
झारखंड की सोहराई पेंटिंग को मिला जीआइ टैग

हाल ही में भौगोलिक उपदर्शन रजिस्ट्री ने झारखंड की सोहराई पेंटिंग को जीआइ टैग दिया है. सोहराई खोवर पेंटिंग के लिए जीआइ टैग का आवेदन सोहराई कला महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड ने दिया था. यह पेंटिंग आदिवासी महिलाएं बनाती हैं जो एक पारंपरिक और अनुष्ठानिक भित्ति-चित्र कला है. यह स्थानीय फसल काटने और विवाह के समय के दौरान ही प्रचलित है. इसे बनाने के लिए हजारीबाग जिले के क्षेत्र में मिलने वाली विभिन्न रंगों की स्थानीय और प्राकृतिक रूप से उपलब्ध मिट्टी का उपयोग किया जाता है.

जीआइ टैग को जानिए

किसी क्षेत्र विशेष के उत्पादों को जीआइ टैग से खास पहचान मिलती है. यह टैग किसी उत्पाद की गुणवत्ता और उसके अलग पहचान का सबूत है. चंदेरी की साड़ी, कांजीवरम की साड़ी, दार्जिलिंग चाय और मलिहाबादी आम समेत अब तक 300 से ज्यादा उत्पादों को जीआइ मिल चुका है. भारत में दार्जिलिंग चाय को भी जीआइ टैग मिला है. इसे सबसे पहले 2004 में जीआइ टैग मिला था. महाबलेश्वर स्ट्रॉबेरी, जयपुर के ब्लू पोटरी, बनारसी साड़ी और तिरुपति के लड्डू और मध्य प्रदेश के झाबुआ के कड़कनाथ मुर्गा सहित कई उत्पादों को जीआइ टैग मिल चुका है.

कोरोना थीम केक की डिमांड

कोरोना काल में जन्मदिन और मैरिज एनिवर्सरी की पार्टियां घरों में ही सेलिब्रेट की जा रही है. इस सेलिब्रेशन के लिए ऑनलाइन केक मंगाये जा रहे हैं. खास बात यह है कि लोग कोरोना थीम केक के साथ बर्थडे और एनिवर्सरी सेलिब्रेट कर रहे हैं. इससे स्वच्छता और सावधानी बरतने का संदेश भी दिया जा रहा है. ऑनलाइन केक डिलिवरी करने वाले बेकरी शॉप्स के संचालकों ने कहा कि केक के आर्डर आ रहे हैं. ज्यादातर लोग कोरोना थीम बेस्ड केक पसंद कर रहे हैं. खासकर बर्थडे के लिए इस तरह के केक मंगाये जा रहे हैं.

बेकरी में सेनिटाइजेशन पर ध्यान

सेलिब्रेशन के लिए केक की ऑनलाइन डिलिवरी कुछ दिनों से शुरू हो गयी है. इसके लिए बेकरी को सेनिटाइज किया जा रहा है. डिलिवरी देने तक में सावधानी बरती जा रही है. ज्यादातर एक-दो पाउंड के केक ऑर्डर किये जा रहे हैं. बेकर्स ब्वॉय के संचालक कपिल ने बताया कि खासकर बच्चों के बर्थडे केक की डिमांड है. केक्स एंड बेकस के जितेंद्र तलवार ने बताया कि ऑनलाइन डिलिवरी में काफी सावधानी बरती जा रही है.

पिंकी अग्रवाल घर में बनाती हैं केक

कांके रोड की पिंकी अग्रवाल केक बना कर घर से डिलिवरी करती हैं. उन्हें लॉकडाउन में बर्थडे या एनिवर्सरी का केक ऑर्डर आ रहा है. ज्यादातर केक कोरोना थीम पर हैं. वह कहती हैं कि लॉकडाउन में बच्चों को कोरोना थीम के केक पसंद आ रहे हैं. इसमें कई संदेश देने का प्रयास है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें