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हेमंत सोरेन पर प्रतुल शाहदेव का वार- आजाद भारत में कभी ऐसा नहीं हुआ

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दो दिन तक किसी को पता नहीं था कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहां हैं. 29 जनवरी को दिन भर प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी उन्हें दिल्ली स्थित सरकारी आवास से लेकर शिबू सोरेन के आवास और झारखंड भवन तक तलाशती रही.

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झारखंड में राजनीतिक हलचल तेज है. मुख्यमंत्री मंगलवार को रांची लौट आए, लेकिन सोमवार से मंगलवार दोपहर तक वह कहां, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उनसे यह पूछ रही है. भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन के उस बयान पर भी पलटवार किया है, जिसमें हेमंत सोरेन ने कहा था कि झारखंड में ऑल इज वेल. इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झारखंड में ऑल इज वेल नहीं है मुख्यमंत्री जी. आजाद भारत के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ कि एक राज्य का चुना हुआ मुख्यमंत्री 40 घंटे तक लापता रहा. 40 घंटे तक उसने अपने राज्य की 3.5 करोड़ जनता को अनाथ छोड़ दिया. प्रतुल ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने जो शपथ ली है, उसका पालन करने की जिम्मेदारी उनकी है. उन्हें यह बताना होगा कि आखिर 40 घंटे तक वह कहां रहे. ज्ञात हो कि 29 जनवरी की सुबह से 30 जनवरी को दोपहर तक किसी को पता नहीं था कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहां हैं. 29 जनवरी को दिन भर प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी उन्हें दिल्ली स्थित सरकारी आवास से लेकर शिबू सोरेन के आवास और झारखंड भवन तक तलाशती रही. मंगलवार को सुबह में राज्यपाल ने मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को तलब किया. उनसे राज्य के हालात पर चर्चा की. बाद में हेमंत सोरेन ने सीएम आवास में विधायकों की बैठक की अध्यक्षता की. उनके साथ बैठक में कल्पना सोरेन भी मौजूद थीं. इसके बाद अटकलें तेज हो गईं कि कल्पना सोरेन को सत्ता की कमान सौंपी जा सकती है. यानी उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. लेकिन, शाम को विधायक दल की बैठक के बाद इन अटकलों को खारिज कर दिया गया. कांग्रेस और झामुमो के नेताओं ने कहा कि सभी विधायक हेमंत सोरेन के साथ मजबूती से खड़े हैं. मुख्यमंत्री बदलने का प्रोपगेंडा भाजपा की ओर से फैलाय गया है. इसमें कोई दम नहीं है. बता दें कि बुधवार को हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ शुरू हो गई है.

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