19.1 C
Ranchi
Friday, February 14, 2025 | 09:14 pm
19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

My Mati: झारखंडी विशिष्टता से संपन्न है ‘मधु मंजरि’

Advertisement

मधु मंजरि के कवि ने अपने इस संग्रह में सामाजिक, दार्शनिक, समसामयिक, अंतरराष्ट्रीय घटनाएं जैसे विविध पहलुओं पर बेबाक अपनी बात कही है तो वहीं दूसरी तरफ भगवान बिरसा मुंडा, बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर, नेल्सन मंडेला जैसे महापुरुषों से भी संबंधित कविताओं का समावेश कवि ने किया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

कवि रतन कुमार महतो ‘सत्यार्थी’ जी कुड़मालि भाषा के आधुनिक कवि हैं. उनका ग्रामीण जगत के साथ ‘शहरांचल से भी संबंध रहा है. अत: इनकी कविताओं में आधुनिकता झलकती है. कवि विज्ञान के विद्यार्थी रहे हैं, इस कारण विज्ञान के नजरिये से भी जीवन की घटनाओं को जोड़ने का प्रयास किया है. इनकी कविताओं में तत्सम शब्दों के साथ-साथ ठेठ कुड़मालि शब्दों का भी प्रयोग हुआ है. यथा – गतर, दांजन, निसाड़, मुदइ, मलक, चांड़े, खांधा, डभा, हुदका, पुथेइर, थिराउ, ठेकान, चुंड़-चुंड़, गढ़न, बेइरसा, फहम आदि.

प्रस्तुत पुस्तक की पहली कविता धानेक दाम – ‘ देस टा एबाइअर, एक्कइसविं सदिक’ बाटे गेलेइक, तबे, सबरनाखाक पानि, असनेइ बइलेइक, एक बाटे बांगाल, दसर बाटे झाड़खंड, मइधे सबरनाखाक, कुल झुललेइक’ और अंतिम कविता अहे हाल –‘सपनेक सुख सपनेइ मजे, गगनेक चांद गगनेइ साजे, रूपसि अनार कलिक कठाञ ठाञ, मर हांथेक, हारके बुटाञ, बिन पानिञ धान जाइ कालेक गाल, गछरि-बछर मर अहे हाल!’ में किसानों की दुर्दशा पर बात करते हुए कहते हैं कि किसान धान तो उपजाते हैं लेकिन अपनी उपज का मूल्य निर्धारण इनके हाथ में नहीं है. इस कारण पीढ़ी दर पीढ़ी इनकी आर्थिक अवस्था दयनीय है.

Also Read: My Mati: झारखंड में महापाषाण स्थल का है विशाल भंडार, चौंकाते हैं यहां के पत्थरों का कब्र

कवि ने अपने इस संग्रह में सामाजिक, दार्शनिक, समसामयिक, अंतरराष्ट्रीय घटनाएं जैसे विविध पहलुओं पर बेबाक अपनी बात कही है तो वहीं दूसरी तरफ भगवान बिरसा मुंडा, बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर, नेल्सन मंडेला जैसे महापुरुषों से भी संबंधित कविताओं का समावेश कवि ने किया है. सभी पर कवि ने चिंतन किया है. बहरहाल, भावनाओं के अलावा काव्य सृजन के मामले में भी कविताएं उत्कृष्ट हैं. कविता की भाषा में प्रवाह है, एक लय है. कवि ने कम से कम शब्दों में प्रवाहपूर्ण सारगर्भित बात कही है. कविताओं में शिल्प सौंदर्य है. कविता में चिंतन और विचारों को सहज और सरल तरीके से पेश किया गया है.

कुड़मालि में दीर्घ ‘ई’ और दीर्घ ‘उ’ का प्रयोग नहीं है, अत: ‘मधु मंजरि’ में ‘र’ में ह्रस्व ‘इ’ का प्रयोग हुआ है. कवि ने कविताओं की पंक्तियों में तीन ‘स’ (स, श, ष) के लिए सिर्फ एक ‘स’ (दंत स) एवं ‘ण, न’ के लिए सिर्फ दंत्य ‘न’ का प्रयोग हुआ है. यह कुड़मालि उच्चारण बिधि के अनुसार हुआ है.

कवि ने प्रस्तुत संग्रह को अपने पूज्य गुरुदेव श्रीश्री आनंद मू्र्त्ति जी के श्रीचरणों में समर्पित किया है. ये मातृभाषा के प्रबल समर्थक रहे हैं. अपने रांची प्रवास के दौरान इन्होंने नागपुरी के विकास के लिए ‘नागपुरी समाचार’ के प्रकाशन पर बल दिया था. इनके प्रयास से दैनिक प्रकाशन भी हुआ था. आध्यात्मिक दृष्टिकोण से उसी जमाने में पठार के विभिन्न समुदायों (कबीलों) की मातृभाषा उत्थान के लिए नवतरंग की सृष्टि हुई थी.

प्रस्तुत पुस्तक में संकलित कविताएं भाव और विधा दोनों ही अर्थो में आधुनिकता के वाहक और झारखंडी विशिष्टता से संपन्न है, जिनकी एक सारगर्भित चर्चा साहित्य मर्मज्ञ, पूर्व राजभाषा अधिकारी सुरेंद्रनाथ महतो ने पुस्तक की भूमिका में की है. जिस उत्तर-औद्योगिक, उत्तर आधुनिक समय में हम रह रहे हैं, जिस तरह आम आदमी के सुख-दुख, उसकी समस्याएं, सत्ता, पूंजी, और कॉरपोरेट जगत में तिरस्कृत हैं, उनकी गहरी शिनाख्त कवि रतन कुमार महतो ‘सत्यार्थी’ ने अपनी कविताओं में की है. कुड़मालि काव्य-प्रेमियों के लिए यह एक अच्छा कविता संग्रह है. यह पुस्तक विश्व समाज के उन लोगों के लिए है, जो अपने आसपास के वातावरण के प्रति सजग और सचेत हैं और जिन में इस दुनिया को बेहतर बनाने की कामना है.

(असिस्टेंट प्रोफेसर, यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ टीआरएल, रांची यूनिवर्सिटी)

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें