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मदर टेरेसा की जयंती आज, रांची के सामाजिक संगठन इनसे प्रेरणा लेकर असहाय लोगों और मरीजों की कर रहे हैं मदद

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मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को अल्बेनीयाई परिवार में हुआ था. उनकी जयंती उन सभी को समर्पित है, जो गरीबों, बेसहाराओं और लाचारों की मदद करते हैं. आज रांची में भी कई संस्थाएं काम कर रही हैं. इन संस्थाओं के समर्पण और कार्य निष्ठा से सेवा भाव का माहौल तैयार हो रहा है.

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रांची, पूजा सिंह : मदर टेरेसा ने जिस तरह दुनियाभर में मानव सेवा के लिए कार्य किया है, उनसे प्रेरणा लेकर आज रांची में भी कई संस्थाएं काम कर रही हैं. इन संस्थाओं के समर्पण और कार्य निष्ठा से सेवा भाव का माहौल तैयार हो रहा है. इससे दूसरे लोग भी प्रेरणा ले रहे हैं. मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को अल्बेनीयाई परिवार में हुआ था. उनका वास्तविक नाम अगनेश गोंझा बोयाजिजू रहा. उन्होंने भारत के दीन-दुखियों की सेवा की और कुष्ठ रोगियों व अनाथों की सेवा में पूरी जिंदगी लगा दी. 1994 में मदर टेरेसा रांची भी आ चुकी हैं. उन्हें पांच जनवरी 1994 को आपात स्थिति में रांची आना पड़ा था. मदर टेरेसा की जयंती पर मानव सेवा में लगे ऐसी कुछ चुनिंदा संस्थाओं से आपको रूबरू करा रहे हैं.

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अशिक्षित महिलाओं को अक्षर ज्ञान कराता है यूथ वीमेंस क्रिश्चियन

यूथ वीमेंस क्रिश्चियन एसोसिएशन राष्ट्रीय स्तर पर काम करता है. इसमें महिलाएं जुड़ कर अशिक्षित महिलाओं को शिक्षित करने का काम करती हैं. अध्यक्ष लूसी टेरोन ने बताया कि यह संस्था मदर टेरेसा से प्रेरित होकर जरूरतमंदों की मदद के लिए काम करती है. नामकुम में अशिक्षित महिलाओं को अक्षर ज्ञान कराते हैं. इसके अलावा जरूरतमंदों की मदद करते हैं और गांव-गांव जाकर शिक्षा का अलख जगाने का काम करते हैं. अपना लाभ नहीं देखकर दूसरों की मदद के लिए आगे आना ही हमारा उद्देश्य है.

1969 से सेवा कार्य में लगा हुआ है यंग मेंस क्रिश्चियन एसोसिएशन

यंग मेंस क्रिश्चियन एसोसिएशन 1969 से जुड़ कर सेवाभाव में लगा है. इसके सेक्रेटरी आशीष टोप्पो ने बताया कि यह संगठन गरीबों और असहाय लोगों के लिए काम करता है. संगठन वाइएमसीए बालवाड़ी स्कूल छह जगहों पर चला रहा है. जिनमें 206 बच्चों को शिक्षा, खाना और यूनिफार्म आदि मुहैया कराया जाता है. इसके अलावा संगठन जरूरतमंद 150 से अधिक महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई और शिक्षा देने का काम कर रहा है. हमारा उद्देश्य सेवा कर लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाना है.

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दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाने का प्रयास

प्रयास हमारा ग्रुप नौकरीपेशा से जुड़े लोगों का ग्रुप है. इसके को-ऑर्डिनेटर डिबडीह के सजीत टोप्पो हैं. वह कहते है कि यह ग्रुप नौकरीपेशा से जुड़े लोगों ने मिलकर बनाया है. हमारा उद्देश्य है मीनिंगफुल लाइफ. हमारा ग्रुप आपसी सहयोग से बच्चों को शिक्षित करने और मेडिकल कैंप लगाने का काम करता है. हम अनाथ और जरूरतमंद बच्चों की भी मदद करते है.

लोगों की मदद कर रही हैं महिमा बिलुंग

गोस्सनर कॉलेज की प्रोफेसर महिमा गोल्डेन बिलुंग अलग-अलग संस्थानों से जुड़ कर लोगों की मदद कर रही हैं. उन्होंने कहा कि हमने यह महसूस किया है कि आज भी समाज के कई लोगों को हमारी जरूरत है. आज बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जिनके पास खाने को नहीं है. उन्हें भोजन देकर अच्छा लगता है. मदर टेरेसा के जीवन से बहुत कुछ सीखा है. मदर नि:स्वार्थ भाव से रोगियों की सेवा करती थीं, जिनका कोई नहीं होता था, उनकी मां बनकर वह खड़ी रहती थीं.

छात्रों के विकास के लिए काम कर रही संस्था

स्टूडेंट्स क्रिश्चियन मूवमेंट संस्था कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए काम करती है. इसके रीजनल ओनरी सेक्रेटरी जेम्स पानाविला ने बताया कि यह संगठन युवाओं का है, जो कॉलेज के विद्यार्थियों को पर्सनल डेवलपमेंट के लिए जागरूक करते हैं. इसके अलावा वैसे स्टूडेंट, जिन्हें आर्थिक परेशानी के कारण पढ़ाई में बाधा आती है, उन्हें मदद करना और कमजोर विद्यार्थियों को अलग से शिक्षा देना आदि काम किये जाते हैं. इसमें करीब 300 स्टूडेंट्स जुड़े हैं. यह संगठन स्टूडेंट्स के डेवलपमेंट के लिए काम करता है.

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