17.3 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 08:19 pm
17.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

‘अप्रासंगिक आदेश से खत्म हो गयी अल्पसंख्यक स्कूलों के 800 शिक्षकों की नौकरी’ मुख्य सचिव से बोलीं मांडर विधायक

Advertisement

मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से कहा कि पत्र संख्या 1060 में विभागीय निदेशक के द्वारा यह कहा गया है कि सहायक शिक्षक की बजाय सहायक आचार्य की नियुक्ति की जानी थी, जबकि वास्तविकता कुछ और ही है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

रांची: मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने आज गुरुवार को मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से मुलाकात की. उन्होंने उनसे अनुरोध किया है कि विभागीय निदेशक के द्वारा जारी अनेक अप्रासंगिक कार्यालय आदेशों के कारण अल्पसंख्यक विद्यालयों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस संदर्भ में उन्होंने विशेष रूप से पिछले वर्ष जारी पत्र संख्या 1060 का जिक्र किया, जिसके कारण पिछले वर्ष 7 जून 2022 से 30 अगस्त 2022 तक अल्पसंख्यक विद्यालयों में नियुक्त 800 से अधिक सहायक शिक्षकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है, जबकि उनमें से अनेक का वेतन निर्धारण भी हो चुका था. मांडर विधायक ने मुख्य सचिव से अनुरोध किया कि वे विभागीय निदेशक कार्यालय द्वारा जारी अनेक अप्रासंगिक आदेशों को संशोधित कर फिर से जारी करवाने का निर्देश दें क्योंकि उसके कारण अल्पसंख्यक विद्यालयों के सामने चुनौतियां खड़ी हो गयी हैं.

- Advertisement -

डीएसई स्तर पर ही हो शिक्षकों का वेतन निर्धारण

मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि पत्र संख्या 1060 में विभागीय निदेशक के द्वारा यह कहा गया है कि सहायक शिक्षक की बजाय सहायक आचार्य की नियुक्ति की जानी थी, जबकि वास्तविकता कुछ और ही है. सरकार के आदेश के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में सहायक आचार्य की नियुक्ति की जानी है, लेकिन अल्पसंख्यक विद्यालयों की परिस्थिति बिल्कुल दूसरी है. प्राथमिक विद्यालयों की तरह अल्पसंख्यक विद्यालय के शिक्षकों को यात्रा भत्ता एवं पेंशन जैसी सुविधाएं भी प्राप्त नहीं होतीं. श्रीमती तिर्की ने कहा कि अभी वर्तमान स्थिति में प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन निर्धारण जिला शिक्षा अधीक्षक के स्तर पर होता है, जबकि अल्पसंख्यक विद्यालयों के सहायक शिक्षकों का वेतन निर्धारण विभागीय निदेशक द्वारा होता है, जिसके कारण अनेक बार निर्णय लेने में वर्षों का समय लग जाता है. इस कारण अल्पसंख्यक विद्यालयों के संचालन एवं प्रबंधन में बाधायें खड़ी हो रही हैं. इसलिए अल्पसंख्यक विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन निर्धारण भी जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा किया जाना चाहिये.

Also Read: Jharkhand Village Story: झारखंड का एक गांव, जिसका नाम है बालुडीह, लेकिन अब ढूंढे नहीं मिलता बालू

मुख्य सचिव से निर्देश जारी करने का किया आग्रह

श्रीमती तिर्की ने मुख्य सचिव से कहा कि विभागीय स्तर पर अनेक बार होनेवाले स्थानांतरण, पदोन्नति या किसी अन्य परिवर्तन के कारण अनेक बार वैसे त्रुटिपूर्ण कार्यालय आदेश जारी हो जाते हैं, जैसा पहले कभी नहीं हुआ और वह ज़मीनी हक़ीक़त के प्रतिकूल होते हैं. उन्होंने मुख्य सचिव से अनुरोध किया कि उनके स्तर से वैसे दिशा-निर्देश जारी किये जायें, जिससे विभागीय स्तर पर किसी स्थानांतरण, पदोन्नति या किसी भी अन्य विभागीय परिवर्तन के कारण ऐसे अप्रासंगिक आदेश जारी न हों और अल्पसंख्यक विद्यालयों का संचालन एवं प्रबंधन बेहतर तरीके से चलता रहे. मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से हुई मुलाकात पर उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव के स्तर पर जल्द ही सकारात्मक निर्णय लिये जायेंगे.

Also Read: Jharkhand Village Story: झारखंड का एक गांव, जहां भीषण गर्मी में भी होता है ठंड का अहसास

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें