18.1 C
Ranchi
Thursday, February 6, 2025 | 06:14 am
18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

झारखंड के इस गांव के लोगों ने मवेशी पालना कर दिया बंद, जानें क्या है इसकी बड़ी वजह

Advertisement

राजधानी रांची के खटंगा गाव में रहने वाले ग्रामीण पानी के दूषित होने का कारण खेलगांव में बने NGHC अपार्टमेंट को मानते हैं. उनका कहना था कि पहले ये पानी बेहद साफ हुआ करता था

Audio Book

ऑडियो सुनें

समीर उरांव, रांची

- Advertisement -

गर्मी का मौसम शुरू होते ही राजधानी रांची में पानी की किल्लत शुरू हो गयी है. नदी तालाब सूखने लगे हैं. अगर नदियों और तालाबों में पानी है भी तो वह बेहद जहरीला है. ताजा उदाहरण राजधानी रांची का खटंगा गांव है, जहां लोग लंबे समय से इस समस्या से जूझ रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है ”जिस पानी को वे खेती या मवेशियों को पानी पिलाने के लिए इस्तेमाल करते थे वो इतना दूषित है कि उससे नहाना तो दूर की बात, उस पानी को पीकर जानवरों की भी मौत हो जा रही है”.

ग्रामीण इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण खेलगांव में बने NGHC अपार्टमेंट को मानते हैं. उनका कहना है कि उस आपर्टमेंट से निकला गंदे पानी की वजह से तलाब की ये दशा हुई है. पहले यह पानी इतना साफ था कि लोग इस पानी को खाने बनाने, कपड़ा धोने, कृषि कार्य और पशुओं को पानी पिलाने के लिए इस्तेमाल करते थे. लेकिन उस पानी को पीकर गांव में रह रहे जानवरों की मौत होने लगी.

आलम ये है कि इस गांव के लोगों ने मवेशी पालना बंद कर दिया है. जो पशु बच गये थे उन्हें भी लोगों ने औने पौने दाम में बेच दिया है. ग्रामीण बताते हैं कि मौत होने वाले पशुओं की संख्या तकरीबन 150-200 के बीच है. हालात ये है कि उनका अजीविका का सबसे बड़ा साधन भी छिन गया है. अब उस गांव के लोग अपने अजीविका के लिए दूसरों के यहां नौकर या फिर मजदूरी का काम करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जब NGHC को तालाब साफ कराने को कहा गया तो उन्होंने सिर्फ आश्वसन दिया. हार मानकर उन्होंने गांव के मुखिया अनिल लिंडा से भी बात की लेकिन उन्होंने भी इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की.

अंत में स्पोर्ट सिटी के सहयोग से ग्रामीणों ने गांव के तालाब की सफाई शुरू की है. वे आपस में चंदा करके तालाब की सफाई और गहरीकरण का कार्य कर रहे हैं. गांव वाले बताते हैं कि हमारी ये मांग साल 2019 से चली आ रही है लेकिन किसी जनप्रतिनिधि ने इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. ग्रामीणों ने बताया कि हमने इस बारे उस वक्त के तत्कालीन पेयजल मंत्री रामचंद्र सहिस को भी इस मुद्दे से वाकिफ कराया था लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस वजह से ग्रामीण बेहद आक्रोशित हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी ये मांग जल्द पूरी नहीं हुई तो वे 2024 चुनाव में नोटा दबायेंगे.

पानी की किल्लत की वजह से 3-4 दिन बाद में नहाते हैं लोग

ग्रामीणों का कहना है कि तालाब का पानी गंदा होने की वजह से लोगों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है. यहां पर मवेशियों के पीने के पानी की दिक्कतों के अलावा ग्रामीणों को दैनिक कार्याें की पूर्ति के लिए पास की ही एक छोटी नदी का सहारा लेना पड़ रहा है. खासकर गर्मी के मौसम में ग्रामीणों की परेशानी और अधिक बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि गांव की जनसंख्या इतनी अधिक है कि पानी के संकट की वजह से लोग प्रतिदिन स्नान भी नहीं कर पाते. जलाशयों पर लोगों की भीड़ अधिक होती है, ऐसे में लोगों को अपनी बारी की बाट जोहना पड़ता है. कई बार तो ऐसा होता है कि जलसंकट की वजह से गांव के लोग तीन-चार दिन तक स्नान भी नहीं कर पाते. सबसे बड़ी बात यह है कि इस तालाब के गंदे पानी का इस्तेमाल करने के बाद गांव के लोगों में चर्मरोग की समस्या भी तेजी से बढ़ रही है. हालांकि, इस समस्या के निराकरण के लिए जब प्रभात खबर के प्रतिनिधि ने जिला परिषद संजय महतो से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

क्या कहना है गांव के मुखिया अनिल लिंडा का

खटंगा ग्राम पंचायत के मुखिया अनिल लिंडा से इस बारे में बात की गई, तो उन्होंने बताया कि कम पैसों में तालाब की सफाई का काम संभव नहीं है. इसके लिए बाकायदा योजना बनानी होगी. हालांकि, उन्होंने कहा कि तालाब की सफाई को लेकर जब जिलास्तर पर प्रयास किया जा रहा था, तब डिफेंस की ओर से उसे अपनी जमीन बताकर अड़चनें पैदा की गईं. इसे लेकर काफी विवाद भी हुआ और कागजी कार्रवाई पूरी नहीं हो पाई. उस वक्त हमने कहा था कि इस मामले को ग्राम सभा से पारित कर प्रखंड कार्यालय को भेजा जाएगा. अगर प्रखंड की ओर से तालाब की सफाई कराने की व्यवस्था नहीं किए जाने पर हम लोग जिला उपायुक्त से भी मुलाकात कर इसकी सफाई का इंतजाम किया जाएगा. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे जल्द ही मौके पर पहुंचकर तालाब की वर्तमान वस्तुस्थिति का जायजा लेंगे.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

पशुओं की हो रही मौत के बारे में जब BAU के वेटेनरी डॉक्टर पंकज कुमार से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि किस वजह से मौत हुई है ये जांच का विषय है. जब तक पानी की जांच नहीं हो जाती है इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है. ग्रामीणों को चाहिए कि वे इस बारे में जिला मुख्यालय में आवेदन दें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें