23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

झारखंड में दलहन की नहीं मिल रही उचित कीमत, किसानों को हो रही क्षति

Advertisement

झारखंड में किसानों के दलहन की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर नहीं हो रही है. इस कारण राज्य में किसानों को एमएसपी से कम कीमत पर दलहन बेचना पड़ रहा है. जिससे उन्हें आर्थिक चोट सहनी पड़ रही है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

मनोज सिंह, रांची

- Advertisement -

Jharkhand News : झारखंड में किसानों के दलहन की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर नहीं हो रही है. इस कारण राज्य में किसानों को एमएसपी से कम कीमत पर दलहन बेचना पड़ रहा है. जिससे उन्हें आर्थिक चोट सहनी पड़ रही है. अभी साबूत अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 63 रुपये प्रति किलो है. इसकी तुलना में कई किसानों को 55 से 58 रुपये किलो तक साबूत अरहर बेचना पड़ रहा है. विडंबना यह है कि आम ग्राहक को दुकान में अरहर की दाल इस वक्त 110 से 120 रुपये प्रति किलो की दर पर मिल रही है. मतलब इसका आधा दाम भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है. झारखंड में एमएसपी पर दलहन और तेलहन की खरीद के लिए पूरी व्यवस्था मौजूद है. इसके लिए कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग ने वेजफेड को एजेंसी बनाया है, लेकिन इसके बाद भी किसानों को एमएसपी का लाभ नहीं मिल रहा है.

नेफेड ने खोल रखा है कार्यालय

पूरे देश में कई प्रकार के उत्पादों की खरीद के लिए भारत सरकार ने नेशनल एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (नेफेड ) को नामित किया है. सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य पर नेफेड किसानों के अनाज की खरीद करता है. नेफेड ने झारखंड में भी कार्यालय खोला है. यहां नेफेड को वेजफेड के साथ काम करना है. इसके लिए राज्य सरकार ने पांच करोड़ रुपये फंड की व्यवस्था वेजफेड के लिए भी की है. नेफेड ने राज्य के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है. वेजफेड को लैम्प्स और पैक्स के माध्यम से दलहन और तेलहन खरीदना है.

कब काम करता है एमएसपी

जब किसी भी उत्पाद (एमएसपी के लिए सरकार द्वारा अधिसूचित) की बाजार में बिक्री तय एमएसपी से कम होती है, तो एंजेंसी अपना काउंटर खोल कर खरीद करती है. अगर बाजार में तय एमएसपी से अधिक कीमत पर उपज बिकने लगता है, तो एमएसपी काउंटर बंद हो जाता है. सरकार उत्पाद खरीद कर गोदाम में रख लेती है.

करीब 3700 करोड़ का होता है दलहन

झारखंड में करीब छह लाख टन दलहन का उत्पादन होता है. यहां खपत करीब तीन लाख टन के आसपास है. करीब तीन लाख टन दलहन और तेलहन दूसरे राज्यों में बेचा जाता है. छह लाख टन दलहन की औसत कीमत करीब 3700 करोड़ रुपये होती है. इसमें 1500 करोड़ से अधिक का दलहन किसानों को बाजार में बेचना पड़ता है. एमएसपी पर दलहन नहीं बिकने से किसान सरकारी स्कीम से मिलने वाले लाभ से वंचित रह जाते हैं.

Posted By: Rahul Guru

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें