25.7 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 11:37 am
25.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

झारखंड के लोक उपक्रमों में भारी गड़बड़ी की आशंका, 10 सालों से नहीं हुआ है आॉडिट, महालेखाकार ने दी जानकारी

Advertisement

समिति ने एजी से कहा कि उसकी रिपोर्ट में इस बात का पूरा ब्योरा हो कि इनका वित्तीय लेखा-जोखा कब से लंबित है. राज्य में सरकारी उपक्रमों की कार्यसंस्कृति कैसे बदली जाये

Audio Book

ऑडियो सुनें

आनंद मोहन, रांची :

- Advertisement -

झारखंड के लोक उपक्रमों में भारी वित्तीय गड़बड़ी का अंदेशा है. राज्य में 30 लोक उपक्रम हैं, जिसमें 26 कार्यशील हैं. इन 26 लोक उपक्रमों का वित्तीय लेखा-जोखा 10 वर्षों से लंबित है. लोक उपक्रमों द्वारा वित्तीय लेखा-जोखा तैयार नहीं किये जाने के कारण इनका ऑडिट नहीं हो पा रहा है. झारखंड के महालेखाकार अनूप फ्रांसिस डुंगडुंग ने विधानसभा की कमेटी को बताया है कि समय पर एकाउंटिंग नहीं मिल पाने के कारण इन उपक्रमों का ऑडिट संभव नहीं हो पा रहा है. यह संबंधित उपक्रमों की जवाबदेही है कि वे वित्तीय लेखा-जोखा का हिसाब दें, जिससे अंकेक्षण समय पर हो. विधायक सरयू राय की सभापतित्व वाली लोक उपक्रम समिति की सोमवार को हुई बैठक में एजी को निर्देशित किया गया कि वह एक रिपोर्ट तैयार करे और ऐसे उपक्रमों की सूची दे. बैठक में महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह भी मौजूद थीं.

समिति ने एजी से कहा कि उसकी रिपोर्ट में इस बात का पूरा ब्योरा हो कि इनका वित्तीय लेखा-जोखा कब से लंबित है. राज्य में सरकारी उपक्रमों की कार्यसंस्कृति कैसे बदली जाये, इसे लेकर भी सुझाव दें. सरकार ने कार्यों को सुचारू बनाने के लिए निगम (कॉरपोरेशन) बनाये हैं. इनको बाहर जाकर कर भी कार्यादेश लाना चाहिए. श्री राय ने कहा कि ये कॉरपोरेशन सरकार को मुखौटा भर बनकर रह गये हैं. इस पर एजी श्री डुंगडुंग ने कर्नाटक में अपनी पोस्टिंग के अनुभव बताये. उन्होंने बताया कि कर्नाटक में 130 कॉरपोरेशन हैं. इनका लेखा-जोखा समय पर मिल जाता था. इससे ऑडिट भी समय पर हो जाता था. झारखंड में अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है.

Also Read: झारखंड राज्य कृषि विपणन पर्षद के अध्यक्ष रविंद्र सिंह बोले, खूंटी बाजार समिति होगी विकसित
कॉरपोरेशन को सरकार काम देती, लेकिन आउट सोर्सिंग हो रहा है :

लोकउपक्रम समिति के सभापति सरयू राय ने बैठक में कहा कि पुलिस भवन निर्माण निगम, भवन निर्माण लिमिटेड जैसे संस्थानों को सरकार नॉमिनेशन के आधार पर काम देती है. सरकार से मिलनेवाले काम को ये आउट सोर्सिंग करते हैं. दूसरी एजेंसी से काम कराते हैं. अगर कॉरपोरेशन काम नहीं करा पा रहे, तो सरकार सीधे टेंडर क्यों नहीं कर दे. कॉरपोरेशन सरकार से मिलनेवाले राशि में 10-9 प्रतिशत रख लेती है. शेष राशि पर टेंडर निकालती है. निगम द्वारा सरकार को कोई लाभांश नहीं दिया जाता है. इस पर रोक लगनी चाहिए.

समिति को गंभीरता से नहीं लेते सचिव आधी-अधूरी आती है रिपोर्ट : सरयू राय

सरयू राय ने परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कहा कि विभागीय सचिव विधानसभा समिति को गंभीरता से नहीं लेते हैं. विभागीय सचिव को बुलाया जाता है, लेकिन कनीय अधिकारियों को भेजा जाता है. विभाग द्वारा आधी-अधूरी रिपोर्ट दी जाती है. वहीं बुलाने पर अवर और उप सचिव को भेज दिया जाता है. बार-बार रिपोर्ट मांगने के बाद भी विभाग समिति को उपलब्ध नहीं कराता है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें