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JDU को झारखंड में अच्छे परिणाम की उम्मीद, प्रदेश प्रभारी बोले- संगठन मजबूत होने पर ही सहयोगी दलों से होगी बात

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जब तक हमारे पास पांच-सात फीसदी वोट नहीं होगा, तो सहयोगी दल हमें क्यों तरजीह देंगे. जब उनको लगेगा कि हम खेल बना या बिगाड़ सकते हैं, तभी तो पूछेंगे

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बिहार के भवन निर्माण मंत्री सह झारखंड जदयू के नये प्रभारी अशोक चौधरी का कहना है कि अभी झारखंड में पार्टी संगठन की स्थिति अच्छी नहीं है. इसके पीछे क्या कारण रहे, इस पर चर्चा का समय नहीं है. लेकिन, झारखंड में जदयू का इतिहास अच्छा रहा है. यहां अच्छे प्रदर्शन की संभावना है. इसके लिए काम होगा. असर भी जल्द दिखेगा. जब हम संगठन को मजबूत करेंगे, तब तो सहयोगी दलों से बात कर पायेंगे.

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जब तक हमारे पास पांच-सात फीसदी वोट नहीं होगा, तो सहयोगी दल हमें क्यों तरजीह देंगे. जब उनको लगेगा कि हम खेल बना या बिगाड़ सकते हैं, तभी तो पूछेंगे. श्री चौधरी झारखंड दौरे पर हैं. शुक्रवार को प्रभात खबर ने उनसे विशेष बातचीत की. श्री चौधरी ने कहा कि झारखंड में जदयू को मजबूत करना एक चुनौती है. लड़ाई का मजा तभी आता है, जब लड़नेवाला मजबूत हो. यहां जल्द ही जदयू खुद को संगठित कर परिणाम देने लायक हो जायेगा.

पहले मानसिक रूप से तैयार हो जायें, फिर रणनीति बनेगी : श्री चौधरी ने कहा कि 12 जून को बिहार में विपक्षी दलों की बैठक होगी. इसमें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई नेता शामिल होंगे. सामूहिक रूप से यह पहली बैठक होगी. इसमें केंद्र की वर्तमान सरकार के खिलाफ मानसिक रूप से लड़ने की तैयारी पर निर्णय होगा. इसके बाद रणनीति तय होगी. विपक्षी एकता हो, यह सभी चाहते हैं. कांग्रेस भी यही चाहती है. बिना कांग्रेस के हम लोग भी आगे नहीं बढ़ना चाहते हैं. कोई तीसरा फ्रंट की बात नहीं है. कांग्रेस के साथ कई राज्यों में दूसरे दलों को परेशानी हो सकती है. लेकिन, बैठेंगे तभी बात आगे बढ़ेगी.

पहले बारात तो सजे, फिर बाराती व दूल्हे की बात होगी :

श्री चौधरी ने कहा की नीतीश कुमार कई बार कह चुके हैं कि वह प्रधानमंत्री बनने की इच्छा नहीं रखते हैं. प्रधानमंत्री बनने में उनकी कोई रुचि नहीं है. अभी तो हम लोग सामूहिक जिम्मेदारी की बात कर रहे हैं. विपक्ष में प्रधानमंत्री पद के कई चेहरे हैं. मोदी जी पीएम बनने के समय जितनी योग्यता रखते थे, उतनी योग्यता वाले विपक्ष में कई लोग हैं. वह तीन बार के सीएम थे. हमारे यहां पांच-पांच बारवाले सीएम भी हैं. हम तो पहले बारात सजाने की बात कर रहे हैं. फिर बाराती व दूल्हा की बात होगी.

अंग्रेजों की तरह फूट डालो शासन करों की तरह हो रहा शासन :

श्री चौधरी ने कहा कि केंद्र की वर्तमान सरकार अंग्रेजों की तरह फूट डालो शासन करो की तर्ज पर राजनीति कर रही है. हमारा संविधान जो कहता है, उसके विपरीत काम हो रहा है. आजादी की लड़ाई जिस उद्देश्य से लड़ी गयी थी, उसको भुला दिया जा रहा है. बाबा साहेब, महात्मा गांधी जो कहते थे, उसके विपरीत काम हो रहा है. जिन्होंने इस देश को धर्म निरपेक्ष बनाया, उनकी भावना को ठेस पहुंचायी जा रही है.

जिस तरह अंग्रेजों ने फूट डालो शासन करो की तर्ज पर राज किया था, वैसा ही हो रहा है. हिंदुत्व का नारा देकर देश को बांटने की कोशिश हो रही है. इसी भावना को आगे कर वह सत्ता पर कब्जा चाहते हैं. हमारे सनातन धर्म में सबके कल्याण और धर्म की जय की बात कही गयी है. इसको एक विशेष धर्म से जोड़ा जा रहा है. धर्म तो अपनाने की चीज है. थोपने की नहीं. यह विभिन्नताओं वाला देश है. सत्ता में बैठे लोग देश के बेसिक एथिक्स को नष्ट करना चाहते हैं.

झारखंड में बढ़नी चाहिए विधानसभा की सीटें

श्री चौधरी ने कहा कि झारखंड का जितना विकास होना चाहिए था, उतना नहीं हो पाया है. इसके पीछे क्या कारण रहे, कह नहीं सकते हैं. लेकिन, मुझे लगता है कि जब कोई छोटा राज्य होता है, तो वहां सत्ता स्थिर नहीं होती है. ऐसा झारखंड में भी हुआ है. सत्ता स्थिर नहीं होने से विकास प्रभावित होता है. झारखंड में स्थित सत्ता के लिए यहां विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ायी जानी चाहिए. इससे एक दल को बहुमत मिलने की संभावना बनी रहेगी.

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