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डेढ़ साल बाद भी झारखंड के दो हजार सेवानिवृत्त कर्मचारी कर रहे पेंशन का इंतजार, जानें कहां फंसा है पेंच

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झारखंड ऑफिसर टीचर्स एंड एंप्लॉइज फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह का कहना है कि पुरानी पेंशन स्कीम लागू होने के बाद अब तक एक भी कर्मी को पेंशन मिलनी शुरू नहीं हुई है.

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सुनील कुमार झा, रांची :

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झारखंड में पुरानी पेंशन योजना लागू होने के डेढ़ साल बाद भी रिटायर्ड कर्मियों का इसका लाभ नहीं मिल रहा है. राज्य सरकार द्वारा एक सितंबर 2022 को नयी पेंशन योजना समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना लागू की गयी थी. इसके तहत एक सितंबर 2022 के बाद सेवानिवृत्त कर्मियों के साथ-साथ एक दिसंबर 2004 से एक सितंबर 2022 के बीच सेवानिवृत्त कर्मियों को भी पुरानी पेंशन का लाभ देने का निर्णय लिया गया था. इस बीच सेवानिवृत्त हुए वैसे कर्मियों को ही पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा, जिनकी 10 वर्ष की सेवा पूरी हो चुकी हो.

उल्लेखनीय है कि एक दिसंबर 2004 से नयी पेंशन योजना लागू की गयी थी. पुरानी पेंशन योजना के तहत सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी रिटायर्ड कर्मियों की पेंशन शुरू नहीं की जा रही है. दो हजार कर्मचारी पेंशन के इंतजार में हैं. राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए बने संगठन नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम झारखंड व झारखंड ऑफिसर टीचर्स एंड एंप्लॉइज फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह का कहना है कि पुरानी पेंशन स्कीम लागू होने के बाद अब तक एक भी कर्मी को पेंशन मिलनी शुरू नहीं हुई है.

सरकार ने पूरी की आवश्यक प्रक्रिया

पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद राज्य सरकार ने इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर ली है. नयी पेंशन स्कीम से पुरानी पेंशन का लाभ लेनेवाले लगभग 1.16 लाख कर्मियों का जीपीएफ खाता खोला गया है. इसके साथ ही इन कर्मियों का एनपीएस के तहत होनेवाली राशि की कटौती भी बंद कर दी है. कर्मियों का अंशदान अब जीपीएफ खाता में जमा हो रहा है.

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कर्मचारियों को पूरी करनी है प्रक्रिया

पेंशन के लिए कर्मचारी को संबंधित पोर्टल पर आवेदन देना है, इसके साथ ही नयी पेंशन स्कीम के तहत जमा राशि लौटाने को लेकर शपथ पत्र देना है. एसओसी मिलने के बाद कर्मी पेंशन पोर्टल पर आवेदन जमा करते हैं. इसके बाद कर्मचारी के स्तर से पेंशन को लेकर पूरी करने वाली प्रक्रिया पूरी हो जाती है.

अब जानिये कहां है पेच

नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम झारखंड के विक्रांत सिंह कहते हैं कि पेंशन पोर्टल पर आवेदन के बाद पेंशन के लिए कर्मियों का आइडी तैयार होता है. इसके आधार पर ही पेंशन मिलती है. सरकार के निर्णय के अनुसार, एक दिसंबर 2004 से एक सितंबर 2022 के बीच सेवानिवृत्त होनेवाले वैसे कर्मी जिन्होंने 10 वर्ष की सेवा पूरी की थी उन्हें भी पुरानी पेंशन का लाभ मिलना है. ऐसे कर्मचारी जो सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू किये जाने के पहले सेवानिवृत्त हो गये थे, वे अपने ग्रेच्युटी व नयी योजना के तहत पेंशन के लिए पेंशन पोर्टल पर आवेदन कर चुके हैं. पेंशन पोर्टल पर जिन कर्मियों का पहले आइडी जेनरेट हो चुका है, उनके द्वारा आवेदन फिर जमा नहीं हो पा रहा है. इस कारण पेंशन शुरू नहीं हो सकी है.

एनएसडीएल से भी विलंब से मिल रही जानकारी

नयी पेंशन योजना को छोड़ पुरानी पेंशन के लाभ के लिए आवेदन देने वाले कर्मचारियों के सरकार व कर्मी के अंशदान का अलग-अलग आंकड़ा एनएसडीएल को देना है. एनएसडीएल द्वारा यह आकड़ा बताने में विलंब हो रहा है, इस कारण भी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है. इस कारण कर्मी सरकार को राशि नहीं लौटा पा रहे है.

केस स्टडी -1

विनय कुमार सिंह देवघर जिला के मधुपुर के मध्य विद्यालय में शिक्षक थे. वे 31 अक्तूबर 2022 को सेवानवृत्त हुए. पेंशन के लिए अपने स्तर से उन्होंने सारी प्रक्रिया पिछले वर्ष दिसंबर में पूरी कर दी, उन्हें अब तक पेंशन मिलनी शुरू नहीं हुई है. पेंशन कब मिलेगी इसकी जानकारी भी उन्हें नहीं है. उनकी नियुक्ति भी वर्ष 2004 के बाद हुई है.

केस स्टडी -2

उमाकांत सिन्हा वर्ष 2016 में सेवानिवृत्त हुए थे. वे पशुपालन विभाग में कार्यरत थे. सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू किये जाने के बाद उन्होंने पेंशन के लिए आवेदन दिया. एनएसडीएल द्वारा अंशदान की जानकारी नहीं दी गयी है. उन्हें पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन नहीं मिल रही है.

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