15.2 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 11:37 pm
15.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Jharkhand News : दुर्भाग्य : किशोरवस्था में ही मां बन रही हैं झारखंड की बेटियां, टीनएज प्रेगनेंसी दर में देश के टॉप 5 राज्य में शामिल

Advertisement

National Family Health Survey : यह प्रमाणित तथ्य है कि दुनिया में टीनएज प्रेगनेंसी के सबसे ज्यादा मामले भारत में होते हैं. एनएफएचएस-4 के आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में बाल विवाह की दर 38% है, जबकि राष्ट्रीय औसत 27% है. वहीं, राज्य के कई इलाकों में ‘ढुकू विवाह’ का प्रचलन है. इसमें लड़के-लड़कियां शादी की औपचारिकता पूरी किये बिना ही पति-पत्नी की तरह रहते हैं. नतीजतन, प्रदेश में लड़कियों की टीनएज प्रेगनेंसी की दर 12% है,

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand News, Ranchi News, teenage pregnancy rate in jharkhand रांची : किशोरावस्था में मातृत्व यानी ‘टीनएज प्रेगनेंसी’ झारखंड जैसे पिछड़े राज्य के लिए बड़ी समस्या है. दो जनवरी के अंक में ‘बाली उमर में ब्याही जा रहीं बेटियां, बन रहीं मां’ शीर्षक से प्रकाशित खबर में हम स्थिति की भयावहता को बता चुके हैं. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के चौथे दौर (एनएफएचएस-4) के आंकड़ों के मुताबिक भारत में टीनएज प्रेगनेंसी की दर 7.9 फीसदी है और झारखंड देश के उन पहले पांच राज्यों में शामिल है, जहां यह दर सबसे ज्यादा है. पेश है इस पर िवश्लेषणात्मक िरपोर्ट…

- Advertisement -

यह प्रमाणित तथ्य है कि दुनिया में टीनएज प्रेगनेंसी के सबसे ज्यादा मामले भारत में होते हैं. एनएफएचएस-4 के आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में बाल विवाह की दर 38% है, जबकि राष्ट्रीय औसत 27% है. वहीं, राज्य के कई इलाकों में ‘ढुकू विवाह’ का प्रचलन है. इसमें लड़के-लड़कियां शादी की औपचारिकता पूरी किये बिना ही पति-पत्नी की तरह रहते हैं. नतीजतन, प्रदेश में लड़कियों की टीनएज प्रेगनेंसी की दर 12% है,

इसलिए चिंता का विषय है ‘किशोरावस्था में मातृत्व’ : ‘

किशोरावस्था में मातृत्व’ मातृ एवं शिशु मृत्यु दर का एक बड़ा कारण है. इसका सीधा संबंध मां और नवजात बच्चे के खराब स्वास्थ्य, कुपोषण, गरीबी, किशोरवय की मां के आगे बढ़ने के अवसरों का लगभग खत्म हो जाने जैसी कई बातों से भी है. स्पष्ट है कि झारखंड की बच्चियों को एक स्वर्णिम भविष्य देने में न केवल सरकार की, बल्कि पूरे समाज की सोच बदलने की जरूरत है.

वर्ष 2050 तक राज्य में होंगे सवा करोड़ किशोर-किशोरियां :

झारखंड की मौजूदा आबादी का 22 प्रतिशत हिस्सा 10 से 19 साल के किशोर-किशोरियों का है. यूनाइटेड नेशन्स पॉपुलेशन फंड (यूएनएफपीए) के अनुमानों के मुताबिक, अगले तीन-चार दशकों तक प्रदेश की आबादी में किशोर-किशोरियों की दर 20 से 24 फीसदी के बीच में ही रहेगी. अनुमान के मुताबिक वर्ष 2050 तक राज्य की आबादी करीब 5.5 करोड़ होगी, जिसमें किशोर-किशोरियों की आबादी सवा करोड़ होगी. ऐसे में जरूरी है कि सबसे पहले किशोरियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर बनायी जायें और उन्हें शिक्षित बनाने पर जोर दिया जाये.

मुख्यमंत्री कार्यालय के नेतृत्व में कार्ययोजना बने :

टीनएज प्रेगनेंसी जैसी गंभीर समस्या और इससे जुड़े हुए अन्य दुष्प्रभावों से निबटने के लिए झारखंड में एक बड़े सामाजिक मुहिम की जरूरत है. ‘सशक्त किशोरी, सशक्त झारखंड’ के लिए एक समग्र रणनीति की जरूरत है, ताकि जहां छोटी उम्र में लड़कियों की शादी न हो और न ही उन्हें कच्ची उम्र में मातृत्व का बोझ उठाना पड़े.

मुख्यमंत्री कार्यालय के नेतृत्व में एक संयुक्त कार्ययोजना (एक्शन प्लान) बनाने की जरूरत है, जिसमें सभी संबंधित सरकारी विभाग साथ मिल कर काम करें. स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण और रोजगारोन्मुख योजनाओं और कानूनों का बेहतर अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये. साथ ही शिक्षण संस्थान, विभिन्न संस्थाएं, उद्यम और कॉरपोरेट संस्थानों को भी इसमें शामिल किया जाये. झारखंड कि बेटियां किशोरवस्था में ही मां बनने तथा Latest News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.

  • एनएफएचएस-4 के आंकड़ों के मुताबिक 7.9 फीसदी है भारत में टीनएज प्रेगनेंसी की दर

  • झारखंड देश के उन पहले पांच राज्यों में शामिल है, जहां टीनएज प्रेगनेंसी दर सबसे ज्यादा है

  • मातृ एवं शिशु मृत्यु दर का सबसे बड़ा कारण है किशोरावस्था में लड़कियों का मां बनना

  • 15 लाख कुल आबादी है झारखंड में 15 से 19 साल की किशोरियों की

  • 1.79 लाख लड़कियां या तो मां बन चुकी हैं या गर्भवती हैं

शिशु मृत्यु दर
15 से 49 साल की विवाहित महिलाओं द्वारा गर्भनिरोध के साधनों का उपयोग

44

41

40%

54%

Posted By : Sameer Oraon

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें