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हर माह कम से कम एक बार नगर बोर्ड की बैठक होगी जरूरी, झारखंड नगरपालिका अधिनियम को राज्यपाल ने दी स्वीकृति

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राज्यपाल रमेश बैस ने नगर पालिका पर्षद के संचालन की नियमवली को मंजूरी दे दी है. इसके अनुसार बोर्ड परिषद प्रत्येक माह में कम से कम एक बार बैठक करेगी.

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Jharkhand News रांची: राज्यपाल रमेश बैस ने नगर विकास व आवास विभाग द्वारा तैयार नगर पालिका पर्षद (नगर बोर्ड) के कार्य संचालन नियमवली को स्वीकृति प्रदान कर दी है. राज्यपाल ने झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा 89 व 590 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए स्वीकृति प्रदान की है. इस नियमावली को झारखंड नगरपालिका पर्षद (नगर बोर्ड) बैठक प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली 2022 कहा जायेगा.

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इसका विस्तार पंचायत क्षेत्र एवं कंटोनमेंट क्षेत्र को छोड़ कर पूरे झारखंड में होगा. अब इस नियमावली के तहत नगरपालिका अपने कार्य के संचालन के लिए प्रत्येक माह में कम से कम एक बार बैठक करेगी. महापौर या अध्यक्ष पार्षदों की कुल संख्या के पांचवें (1/5) भाग के आधार पर बैठक बुला सकते हैं.

अवकाश के दिन बैठक नहीं होगी. लेकिन आवश्यक कार्य के लिए बैठक होती है, तो वह विधि मान्य होगी. बैठक में पीठासीन पदाधिकारी ऐसे किसी पार्षद को, जिसका आचरण उनकी राय में आपत्तिजनक है, तो बैठक से तत्काल निकल जाने का निर्देश दे सकते हैं. इसके बाद पार्षद बैठक के शेष भाग से अनुपस्थित रहेगा.

यदि किसी पार्षद को दूसरी बार निकल जाने का आदेश दिया जाये, तो पीठासीन पदाधिकारी ऐसे पार्षद को सावधान करेगा, इसके बाद यदि आवश्यक हो, तो पार्षद को 60 दिनों तक नगरपालिका की बैठक में भाग लेने से निलंबित कर सकेगा. निलंबन महापौर या अध्यक्ष द्वारा किसी समय समाप्त किया जा सकेगा.

यदि कोई पार्षद नगरपालिका से संबद्ध अन्य मामले में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक हित रखता हो, तो वह नगरपालिका की किसी समिति की बैठक में इससे संबंधित मामला हो, तो उक्त पार्षद इसे उजागर करेंगे. साथ ही इससे सबंधित किसी प्रश्न पर विचार-विमर्श में या इस पर मतदान में भाग नहीं लेगा. विवाहित पार्षद के मामले में यदि पति/पत्नी साथ रहते हों, तो एक का हित दूसरे का हित समझा जायेगा.

Posted By: Sameer Oraon

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