22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

VIDEO: श्रीलाल शुक्ल की राग दरबारी 55 वर्षों के बाद भी क्यों है शाश्वत? बता रही हैं साहित्यकार ममता कालिया

Advertisement

रांची के ऑड्रे हाउस सभागार में प्रभात खबर के सहयोग से आयोजित टाटा स्टील झारखंड लिटरेरी मीट में रविवार को श्रीलाल शुक्ल की प्रसिद्ध रचना 'राग दरबारी-पचपन साल के बाद' पर प्रभात खबर के फीचर एडिटर विनय भूषण ने प्रसिद्ध साहित्यकार ममता कालिया से विशेष बातचीत की.

Audio Book

ऑडियो सुनें

झारखंड की राजधानी रांची के ऑड्रे हाउस सभागार में प्रभात खबर के सहयोग से आयोजित टाटा स्टील झारखंड लिटरेरी मीट में रविवार को प्रसिद्ध साहित्यकार ममता कालिया दूसरी बार इस कार्यक्रम से जुड़ीं. झारखंड लिटरेरी मीट के तीसरे दिन श्रीलाल शुक्ल की प्रसिद्ध रचना ‘राग दरबारी: पचपन साल के बाद’ पर चर्चा की गयी. प्रभात खबर के फीचर एडिटर विनय भूषण ने मशहूर साहित्यकार ममता कालिया से विशेष बातचीत की. इस दौरान चर्चा में इस पुस्तक का अंग्रेजी में अनुवाद करने वाली प्रसिद्ध अनुवादक जिलियन राइट भी ऑनलाइन जुड़ीं. प्रसिद्ध साहित्यकार ममता कालिया ने विशेष बातचीत में कहा कि पुस्तक ‘राग दरबारी: पचपन साल के बाद’ इसलिए आज भी उतनी ही ताजा है और चर्चा का विषय है क्योंकि इसमें लिखा व्यंग्य आज भी शाश्वत है. इसमें शिक्षा विभाग की धांधली को बखूबी दिखाया गया है. उन्होंने शिवपालगंज गांव को सिर्फ गांव के तौर पर नहीं बल्कि एक चरित्र के तौर पर दर्शाया गया है. कहानी में कई पात्रों से अधिक व्यंग्य की उम्मीद नहीं थी. इसलिए गांव को ही एक चरित्र के तौर पर दर्शाया गया है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें