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सोलर लाइट से जगमग हो रहे झारखंड के दुर्गम इलाके, 246 गांवों में पहुंची बिजली, हेमंत सरकार का ये है प्लान

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Jharkhand News: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार का लक्ष्य हरेक गांव, कस्बों, टोलों का विद्युतीकरण करना है. कई गांवों में दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण परंपरागत विद्युत आपूर्ति तकनीकी और व्यावहारिक रूप से सहज नहीं है.

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Jharkhand News: सौर ऊर्जा से झारखंड के सुदूर और दुर्गम स्थानों पर स्थित गांव अब जगमग हो रहे हैं. झारखंड राज्य के ये वैसे गांव हैं, जहां ग्रिड के माध्यम से विद्युतीकरण संभव नहीं हो पाया था. कुल 246 गांवों में सोलर पावर प्लांट (मिनी और माइक्रो) एवं सोलर स्टैंड एलोन सिस्टम से विद्युतीकरण किया गया है. वहीं वैसे अविद्युतीकृत घर, जिसके रहवासी विद्युत से वंचित रह गये थे, ऐसे 209 गांवों में क्रमश: 3494 एवं 4245 अविद्युतीकृत घरों अर्थात कुल 7740 घरों को सोलर स्टैंड ऍलोन सिस्टम से विद्युतीकृत किया गया है.

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चिह्नित हुए गांव, पहुंची बिजली

झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा वैसे सुदूरवर्ती गांवों को चिह्नित किया गया, जहां अब तक पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से विद्युत आपूर्ति या दुर्गम पहाड़ियों एवं वनों से आच्छादित होने के कारण पारंपरिक ऊर्जा स्रोत से विद्युत आपूर्ति बहाल करना वित्तीय एवं भौगोलिक दृष्टिकोण से व्यवहार्य नहीं था. ऐसी स्थिति में वैसे गांवों को सोलर एनर्जी के माध्यम से विद्युतीकृत किया गया, जिससे न सिर्फ उक्त ग्रामों की ऊर्जा की आवश्यकता को पूर्ण किया जा सका, बल्कि ऐसे गांवों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए ग्रामीण औद्योगिकीकरण की संभावनाओं को देखते हुए विद्युत की आवश्यकता को पूर्ण किया जा रहा है.

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इस लक्ष्य से कार्य कर रही सरकार

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार का लक्ष्य हरेक गांव, कस्बों, टोलों का विद्युतीकरण करना है. कई गांवों में दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण परंपरागत विद्युत आपूर्ति तकनीकी और व्यावहारिक रूप से सहज नहीं है. ऐसे में सरकार का मानना है कि वहां अक्षय ऊर्जा परियोजना स्थानीय जरूरतों के अनुरूप एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती है. ऐसे गांवों या कस्बों को 100 प्रतिशत सब्सिडी के तहत स्थापित मिनी ग्रिड अथवा सोलर स्टैंड एलोने होम लाइटिंग सिस्टम के जरिए विद्युतीकृत करने की योजना पर कार्य हो रहा है, जिससे हर गरीब के घर तक बिजली पहुंच सकेगी.

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दो माध्यम से हो रहा विद्युतीकरण

सरकार दो माध्यम से सुदूरवर्ती गांवों को रोशन कर रही है. पहला सोलर स्टैंड एलोन सिस्टम के जरिये 50 से कम घर होने अथवा गांव की भौगोलिक स्थिति में गांव का विस्तार, ग्रामीण जनसंख्या का घनत्व विभिन्न टोलों में बांटकर दूर दूर होने की स्थिति में उस ग्राम को सोलर स्टैंड एलोन सिस्टम के माध्यम से विद्युतीकृत किया जाना प्रस्तावित है. इसके तहत प्रत्येक घर में 200-250 वाट का मॉड्यूल 9 वाट के 4 अदद एल.ई.डी. लाईट, 1 अदद डी.सी. पंखा उपलब्ध कराया जायेगा. साथ ही एक मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट एवं 1 एल.ई.डी. टी.वी. के लिए उपयुक्त क्षमता के पावर प्वाईंट की व्यवस्था के साथ विद्युतकृत किया जायेगा.

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हर 10 घर पर बिजली की व्यवस्था का प्रस्ताव

इसके अलावा यदि ग्राम में सामुदायिक भवन अथवा विद्यालय उपलब्ध है, तो उसमें भी उपयुक्त क्षमता के अनुसार सोलर स्टैंड एलोन सिस्टम के माध्यम से विद्युत आपूर्ति किया जाना प्रस्तावित है. प्रत्येक 10 घरों की आबादी पर एक अदद 12 वाट एल.ई.डी. सोलर स्ट्रीट लाईट लगाकर गांव की गलियों को रोशन किया जायेगा. दूसरा, मिनी/माईक्रो ऑफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट के तहत घरों की संख्या 50 से अधिक होने पर एवं ग्राम का वास्तविक फैलाव, आबादी का घनत्व सघन होने की स्थिति में उस ग्राम को मिनी, माईक्रो ग्रिड सोलर पावर प्लांट के माध्यम से प्रत्येक घर में 200-250 वाट क्षमता का विद्युत लोड निर्धारित करते हुए पोल एवं तार के माध्यम से प्रत्येक घर में विद्युत आपूर्ति किया जाना प्रस्तावित है.

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ये गांव हुए रोशन

झारखंड के साहिबगंज जिले के बरहेट स्थित चपेल पहाड़, बास्को पहाड़ और टेंगरा पहाड़ स्थित गांव सौर ऊर्जा से रोशन हो चुके हैं. वहीं पतना प्रखंड के छह गांवों में सौर ऊर्जा का कार्य जारी है, जबकि हजारीबाग के इचाक, चतरा के सिमरिया के एक-एक गांव एवं सिमडेगा के चार गांवों को सौर ऊर्जा से आच्छादित करने का कार्य जारी है.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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