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झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार को लगायी फटकार, कहा- यहां कानून का राज चलेगा या आपकी सुविधा से होगा काम

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झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि जब बरहे में एकलव्य विद्यालय बन सकता है, तो फिर सिलागाईं में क्यों नहीं बन सकता है. तत्कालीन केंद्रीय मंत्री ने सिलागाईं में विद्यालय का शिलान्यास किया था.

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रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने चान्हो के सिलागाईं में बननेवाले एकलव्य विद्यालय के चयनित स्थल को बदलने के खिलाफ दायर पीआइएल पर बुधवार को सुनवाई की. इस दौरान हाइकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य में कानून का राज चलेगा या सरकार की सुविधा के मुताबिक काम होगा. सिलागाईं के शिलान्यास स्थल पर जनता के पैसे से चहारदीवारी बनायी गयी थी. उसका 65 प्रतिशत काम पूरा हो गया था. उसके बाद असामाजिक तत्वों ने उसे तोड़ दिया. इससे हुई आर्थिक क्षति के लिए कौन जिम्मेवार है और इसकी भरपाई कौन करेगा? राज्य अथवा केंद्र सरकार की कितनी राशि लगी हुई है, इसका हिसाब होना चाहिए, ताकि जनता को पता चल सके. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान प्रार्थी का पक्ष सुना.

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कोर्ट ने पूछा – क्यों जगह बदल दी गयी :

खंडपीठ ने कहा कि जब बरहे में एकलव्य विद्यालय बन सकता है, तो फिर सिलागाईं में क्यों नहीं बन सकता है. तत्कालीन केंद्रीय मंत्री ने सिलागाईं में एकलव्य विद्यालय का शिलान्यास किया था तथा केंद्र सरकार ने राशि स्वीकृत की थी. जिला प्रशासन ने विद्यालय के लिए जमीन भी हस्तांतरित कर दी थी. उसके बाद क्यों जगह बदल दी गयी. खंडपीठ ने उक्त बिंदुओं पर राज्य सरकार व केंद्र को तीन सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश में हस्तक्षेप से किया था इनकार :

इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता हेमंत गुप्ता ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि नौ दिसंबर 2022 को झारखंड हाइकोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए शिलान्यास वाले स्थल पर ही एकलव्य विद्यालय बनाने का आदेश दिया था. उक्त आदेश को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की एसएलपी खारिज करते हुए हाइकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था. इसके बाद भी पुराने चिह्नित स्थल पर विद्यालय का निर्माण नहीं किया जा रहा है.

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