13.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 07:20 am
13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

झारखंड हाईकोर्ट का अतिक्रमण मामले पर आदेश, मॉनसून खत्म होने तक कोई निर्माण नहीं तोड़ें, गरीब भेड़-बकरी नहीं

Advertisement

जलस्रोतों व नदियों के किनारे की जमीन पर अतिक्रमण मामले में हुई सुनवाई. झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि मॉनसून खत्म होने तक कोई निर्माण नहीं तोड़ें, गरीब भेड़-बकरी नहीं. सरकार से पूछा : वेलफेयर स्टेट में गरीब लोगों का मकान तोड़ने के पहले पुनर्वास की क्या है योजना.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Encroachment Cases In Jharkhand रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने जलस्रोतों व नदियों के किनारे की जमीन के अतिक्रमण काे लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए माॅनसून की समाप्ति तक कोई भी निर्माण तोड़ने पर रोक लगा दी. कोर्ट ने कहा कि कोई भी निर्माण तोड़ने की कार्रवाई 15 अक्तूबर के बाद करें. जिन लोगों ने जलस्रोतों के किनारे अतिक्रमण किया है, उन्हें हटना पड़ेगा. अतिक्रमण से कोई समझाैता नहीं हो सकता है. अभी माॅनसून का समय है. कोरोना संक्रमण का भी खतरा है.

- Advertisement -

गरीब लोग भेड़-बकरी नहीं हैं, वह भी मानव हैं. गरीब लोगों का घर तोड़ देंगे, तो वह कहां जायेंगे. सड़क पर आ जायेंगे. वेलफेयर स्टेट है, वैसे गरीब लोगों के लिए पुनर्वास की भी योजना होनी चाहिए. गरीब, लाचार व बेसहारा लोगों का घर तोड़ देंगे, अमीर लोगों को छोड़ देंगे, ऐसा कोर्ट नहीं चाहता है. न्याय सबके लिए एक समान होना चाहिए. कोर्ट निर्मम नहीं हो सकता है. कोर्ट रांची को बचाना चाहता है, ताकि यहां का हवा-पानी स्वच्छ रहे.

कोर्ट के आदेश के बाद भी अतिक्रमण होता रहा. बिना प्लानिंग के राजधानी रांची का विस्तार होता चला गया. जितनी सक्रियता से अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, उतनी ही सक्रियता से जिम्मेवारी भी तय की जानी चाहिए. कोर्ट क्रेडिट नहीं लेता है. सरकार क्रेडिट ले, लेकिन काम करें. चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से उक्त टिप्पणी की. खंडपीठ ने कहा कि लोगों को पहले घर, झुग्गी-झोपड़ी बनाने दिया, अब तोड़ रहे हैं.

गरीब लोगों के छोटे-छोटे घर तोड़ दे रहे हैं और बड़े-बड़े शूरमाओं को छोड़ दे रहे हैं, यदि यह सच है, तो कोर्ट इस मामले में गंभीर है. सरकार के पास पुनर्वास स्कीम होनी चाहिए. सरकार वेलफेयर स्टेट है. गरीब लोगों ने घर बना लिया. वह बस गये. 12 घंटे या 24 घंटे की नोटिस पर उनका मकान तोड़ दे रहे हैं. वह सड़क पर आ जा रहे हैं. दो दिन की नोटिस पर किसी का मकान नहीं तोड़ा जाये.

कानून के अनुसार, उन्हें पर्याप्त समय दिया जाये. गरीब लोगों को अधिक समय मिले, ताकि वह अपील कर सकें. न्याय पा सकें. खंडपीठ ने अपर महाधिवक्ता दर्शना पोद्दार मिश्र से पूछा कि जिन लोगों को हटाया जा रहा हैं, उनके पुनर्वास के लिए सरकार के पास क्या कोई नीति है. जो विस्थापित हो रहे हैं, उनका पुनर्वास होना चाहिए. खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट ने नहीं, बल्कि सरकार ने तय किया है कि जल स्रोतों के 15 मीटर परिधि में जो निर्माण हैं, वह अवैध है. जहां से अतिक्रमण हटाया दिया गया है, वहां दोबारा अतिक्रमण नहीं हो, इसे सुनिश्चित किया जाये.

खंडपीठ ने सरकार से यह भी पूछा कि झारखंड का लैंड रिकॉर्ड डिजिटलाइज्ड हुआ है या नहीं. डिजिटलाइज्ड होने से फ्रॉड नहीं होगा. खंडपीठ ने नगर विकास सचिव विनय कुमार चाैबे द्वारा की जा रही कार्रवाई की प्रशंसा की है. वहीं सुनवाई के दाैरान वर्चुअल तरीके से उपस्थित नगर विकास सचिव विनय चाैबे ने खंडपीठ को बताया कि गरीब लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान दिया जा रहा है. कहा कि सभी जल स्रोतों का ड्रोन मैपिंग कराने की योजना है.

सचिव प्रशांत कुमार ने गेतलसूद डैम, धुर्वा डैम व कांके डैम की अधिग्रहित जमीन के अतिक्रमण के मामले में जानकारी देते हुए बताया कि अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. डैम की जमीन का डिमारकेशन भी किया जा रहा है.

क्या कहा हाईकोर्ट ने

लोगों को पहले घर, झुग्गी-झोपड़ी बनाने दिया, अब तोड़ रहे हैं, जिम्मेवारी भी तय की जाये

दो दिन की नोटिस पर नहीं तोड़ा जाये किसी का घर, कानून के अनुसार पर्याप्त समय दें, गरीब को अधिक अवसर मिले

केस दर्ज करें, प्रोसिडिंग्स चलायें, आदेश पारित करें, लेकिन तोड़ने की कार्रवाई 15 अक्तूबर के बाद हो

कोर्ट निर्मम नहीं हो सकता है, कोर्ट रांची को बचाना चाहता है, ताकि यहां का हवा-पानी स्वच्छ रहे

गरीबों के घर तोड़ दे रहे हैं आैर शूरमाअों को छोड़ दे रहे हैं, यदि यह सच है, तो कोर्ट इस मामले में गंभीर है

Posted By : Sameer Oraon

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें