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नींबू पहाड़ पर अवैध खनन की सीबीआई जांच जारी रहेगी, झारखंड सरकार की याचिका खारिज

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राज्य सरकार की ओर से सीबीआइ जांच को चुनौती देते हुए रिट याचिका दायर की गयी. इसमें यह कहा गया कि हाइकोर्ट ने नियमित केस करने की मांग से संबंधित सीबीआइ की याचिका खारिज कर दी थी.

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रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने नींबू पहाड़ पर अवैध खनन की चल रही सीबीआई जांच को चुनौती देनेवाली याचिका खारिज कर दी है. इससे नीबू पहाड़ पर अवैध खनन की जांच जारी रहेगी. न्यायाधीश सुजीत नारायण की अदालत ने शुक्रवार को इससे संबंधित फैसला सुनाया. न्यायालय ने राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने विजय हांसदा की याचिका पर सुनवाई के बाद नींबू पहाड़ पर अवैध खनन और विजय हांसदा की भूमिका की जांच का आदेश दिया था. दरअसल, हांसदा ने पहले बोरियो थाने में दर्ज प्राथमिकी की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी. बाद में उसने यह दावा करते हुए अपनी याचिका वापस लेने के लिए आइए दायर किया कि उसके द्वारा हस्ताक्षरित वकालतनामा का गलत इस्तेमाल किया गया है. इसका गलत इस्तेमाल कर बोरियो थाने में दर्ज प्राथमिकी की जांच कराने की मांग से संबंधित याचिका दायर कर दी गयी.

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राज्य सरकार की ओर से सीबीआई जांच को चुनौती देते हुए रिट याचिका दायर की गयी. इसमें यह कहा गया कि हाइकोर्ट ने नियमित केस करने की मांग से संबंधित सीबीआइ की याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद सीबीआइ को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेना जरूरी था. सीबीआइ राज्य में राज्य सरकार की अनुमति के बिना किसी मामले की जांच नहीं कर सकती है. सीबीआइ ने मामले में शपथ पत्र दायर कर राज्य सरकार की ओर से उठाये गये तथ्यों को नियम विरुद्ध करार दिया. सीबीआइ ने यह दलील दी कि हाइकोर्ट किसी भी मामले में सीबीआइ जांच के आदेश देने के लिए सक्षम है. हाइकोर्ट द्वारा दिये गये आदेश के बाद सीबीआइ को राज्य सरकार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है. सीबीआइ की ओर से इस प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के कई आदेशों का हवाला दिया गया. न्यायालय ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद अपने फैसला सुरक्षित रख लिया और 23 फरवरी को अपना फैसला सुनाया.

हेमंत के बजट सत्र में शामिल होने की याचिका पर सुनवाई 26 को

झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉउंड्रिंग मामले में आरोपी पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की ओर से बजट सत्र में शामिल होने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने इडी को जवाब देने को कहा. इडी ने जवाब के लिए समय देने का आग्रह किया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया. अगली सुनवाई 26 फरवरी को होगी. हेमंत सोरेन की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन, अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि प्रार्थी निर्वाचित प्रतिनिधि हैं. चंपाई सोरेन सरकार के विश्वास मत के दौरान उन्हें सदन की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति इडी की विशेष अदालत से मिली थी, लेकिन बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति नहीं मिली है. बजट सत्र में मनी बिल पास होता है, इसलिए उनका रहना जरूरी है. फिलहाल हेमंत सोरेन बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं.

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