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झारखंड हाईकोर्ट ने हरमू नदी के उदगम स्थल के अतिक्रमण मामले पर नगर निगम से पूछा ये सवाल, अब इस दिन होगी सुनवाई

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राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद व अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा. वहीं रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने पक्ष रखा, जबकि आरआरडीए की ओर से अधिवक्ता प्रशांत कुमार सिंह ने पैरवी की.

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रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने रांची नगर निगम व रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) में नक्शा पास करने में होनेवाली अवैध वसूली को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज मामले के तहत हरमू नदी के उदगम स्थल के अतिक्रमण पर सुनवाई की. जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस अनुभा रावत चाैधरी की खंडपीठ ने उदगम स्थल के अतिक्रमण व शिकायतकर्ता अधिवक्ता को जान से मारने की धमकी के बाद सुरक्षा मुहैया नहीं कराने को गंभीरता से लेते हुए कड़ी नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि हरमू नदी के उदगम स्थल के पास भवनों का नक्शा पास करने का आधार क्या है?

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आरआरडीए और रांची नगर निगम को निर्देश देते हुए कहा कि नदी केे उदगम स्थल के पास के भवनों के स्वीकृत नक्शा सहित उसके सभी रिकॉर्ड अगली सुनवाई में कोर्ट में प्रस्तुत किया जाये. खंडपीठ ने अतिक्रमण की स्थलीय जांच से संबंधित एडवोकेट कमिश्नरों की सीलबंद रिपोर्ट मामले के एमिकस क्यूरी व शिकायतकर्ता अधिवक्ता को देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने छह दिसंबर की तिथि निर्धारित की.

Also Read: झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता और परिवार को जान से मारने की धमकी देने वालों पर प्राथमिकी दर्ज, जानें पूरा मामला

इससे पहले एडवोकेट कमिश्नरों की ओर से उदगम स्थल की जांच से संबंधित सीलबंद रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी. राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद व अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा. वहीं रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने पक्ष रखा, जबकि आरआरडीए की ओर से अधिवक्ता प्रशांत कुमार सिंह ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता लाल ज्ञानरंजननाथ शाहदेव ने हरमू नदी के उदगम स्थल की जमीन के अतिक्रमण का मामला उठाया है.

उन्होंने लिखित रूप में वर्ष 2022 में उपायुक्त, नगर आयुक्त, आरआरडीए उपाध्यक्ष, नगर निदेशालय व एसडीओ को अतिक्रमण की जानकारी दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर अतिक्रमण से संबंधित फोटोग्राफ्स व वीडियो सीडी पेश कर हाइकोर्ट से संज्ञान लेने का आग्रह किया था. इसे हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए अधिवक्ता अमित कुमार सिन्हा, सोनल जायसवाल व साैम्या एस पांडेय को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करते हुए हरमू नदी के उदगम स्थल का निरीक्षण कर रिपोर्ट साैंपने का निर्देश दिया था.

शिकायतकर्ता अधिवक्ता को सुरक्षा मुहैया कराये सरकार :

इस मामले की सुनवाई गुरुवार को दो बार हुई. प्रथम पाली में मामले की सुनवाई के दाैरान खंडपीठ ने कड़ी नाराजगी जताते हुए पूछा कि शिकायतकर्ता अधिवक्ता (राज्य सरकार के ही अधिवक्ता हैं) लाल ज्ञानरंजन नाथ शाहदेव को जान से मारने की धमकी मिलने व उनके द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराने के एक सप्ताह के बाद भी अब तक उन्हें सुरक्षा क्यों नहीं मुहैया कराया गया.

खंडपीठ ने राज्य सरकार को अधिवक्ता व उनके परिवार को सुरक्षा के लिए तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया. साथ ही मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद की गयी कार्रवाई के संबंध में राज्य सरकार को आज ही रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. दूसरे सत्र में सुनवाई शुरू होने पर राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. मामले की जांच हो रही है. टाइगर मोबाइल से शिकायतकर्ता को सुरक्षा दी गयी है. इससे पूर्व प्रथम पाली में सुनवाई के दौरान एडवोकेट एसोसिएशन झारखंड हाइकोर्ट की अध्यक्ष ऋतु कुमार ने खंडपीठ का ध्यान आकृष्ट कराते हुए बताया कि हरमू नदी के उदगम स्थल पर अतिक्रमण की शिकायत करनेवाले एसोसिएशन के अधिवक्ता (जो वर्तमान में राज्य सरकार के अधिवक्ता भी हैं) लाल ज्ञान रंजन नाथ शाहदेव पर अज्ञात लोगों ने पिस्टल तान कर जान से मारने की धमकी दी थी. प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद भी आज तक अधिवक्ता और उनके परिवार को सुरक्षा नहीं दी गयी है. इस मामले में पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई भी नहीं हो रही है. इसके बाद खंडपीठ ने सख्त निर्देश दिया.

हाइकोर्ट ने की टिप्पणी

जान से मारने की धमकी मिलने के बाद भी राज्य सरकार ने अब तक अधिवक्ता को सुरक्षा क्यों नहीं मुहैया करायी

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