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ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर के झारखंड समेत 24 ठिकानों पर ED का छापा, ‍100 करोड़ की संपत्ति का पता चला

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सीए मुकेश मित्तल पर आरोप है कि उसने बीरेंद्र राम की काली कमाई की लाउंड्रिंग की और उसे जायज कमाई बताने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाये. बीरेंद्र राम ने अपनी काली कमाई को विभिन्न लोगों से लिये गये कर्ज के रूप में दिखाया.

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प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने मंगलवार को ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम के कुल 24 ठिकानों पर छापा मारा. इस दौरान बीरेंद्र राम द्वारा बनायी गयी कंपनियों के अलावा 100 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता चला. छापामारी के दौरान 1.50 करोड़ रुपये के जेवरात और करीब 30 लाख रुपये नकद मिले हैं. इडी ने जमशेदपुर निगरानी थाने में ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर के खिलाफ दर्ज घूसखोरी के एक मामले को जांच के लिए इसीआइआर के रूप में दर्ज किया था. इडी की टीम बीरेंद्र राम को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.

इडी ने बीरेंद्र राम के पारिवारिक सदस्यों, उनके दिल्ली स्थित सीए मुकेश मित्तल के पारिवारिक सदस्यों के अलावा ठेकेदार अतिकुल्लाह अंसारी और आलोक रंजन के ठिकानों पर छापामारी की है. इडी की सूचना मिली थी कि अतिकुल्लाह ही बीरेंद्र राम के लिए पैसों की वसूली करता है. आलोक रंजन ने इडी की नजर से बचने के लिए खुद को बीरेंद्र का नौकर बताया, लेकिन इडी के अधिकारियों ने उसे पहचान लिया.

वीं सीए मुकेश मित्तल पर आरोप है कि उसने बीरेंद्र राम की काली कमाई की लाउंड्रिंग की और उसे जायज कमाई बताने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाये. बीरेंद्र राम ने अपनी काली कमाई को विभिन्न लोगों से लिये गये कर्ज के रूप में दिखाया. जांच के दौरान सभी कर्ज देनेवाले अस्तित्वविहीन पाये गये हैं. सभी कर्जदाताओं का नाम-पते फर्जी पाये गये. सीए मुकेश मित्तल ने इस काली कमाई को विभिन्न शेल कंपनियों के सहारे बीरेंद्र के पारिवारिक सदस्यों के नाम पर बनायी गयी कंपनियों में इंट्री दिलायी. इसके बाद इसका इस्तेमाल अलग-अलग जगहों पर अचल संपत्ति खरीदने में किया गया.

परिवार के नाम अर्जित की 100 करोड़ की संपत्ति :

जांच में पाया गया है कि दिल्ली सहित अन्य जगहों पर बीरेंद्र राम ने अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम पर 100 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति अर्जित की है. दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में बीरेंद्र राम के पारिवारिक सदस्यों के नाम पर तीन आलीशान मकान हैं, जिनका मौजूदा बाजार मूल्य 40 करोड़ रुपये है. इसके अलावा दिल्ली के छतरपुर में भी उसने अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम पर मकान और फ्लैट अर्जित किया है.

पिछले ही महीने उन्होंने अपने पिता गंगा राम के नाम पर दिल्ली के छतरपुर में एक मकान चार करोड़ रुपये में खरीदा था, जिसे तोड़ कर आलीशान तरीके से दोबारा बनाया जा रहा है. बीरेंद्र राम के पिता रिटायर शिक्षक हैं. बीरेंद्र राम ने पत्नी के नाम पर भी एक मकान खरीदा है. उनके दोनों पुत्र अमेरिका में पढ़े हैं.

ऐसे फंसे बीरेंद्र राम

जमशेदपुर निगरानी ने ठेकेदार विकास शर्मा की शिकायत पर एक प्राथमिकी (13/2019) दर्ज की थी. ठेकेदार ने शिकायत की थी उसे 14.54 लाख रुपये का काम पूरा कर लिया है. इसमें से सात लाख रुपये का भुगतान उसे मिल चुका है. शेष सात लाख के भुगतान के लिए कनीय अभियंता सुरेश वर्मा चार प्रतिशत की दर से 28000 रुपये घूस मांग रहे हैं.

शिकायत पर निगरानी ने कनीय अभियंता को 10 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया और उनके घर की तलाशी ली, जिसमें जेवर व नकद मिला. वर्मा के घर के ऊपरी हिस्से के एक कमरे की तलाशी के दौरान वहां से 2.44 करोड़ रुपये मिले. यह रुपये वकील आलोक रंजन के बताये गये. इडी ने निगरानी में दर्ज प्राथमिकी को इसीआइआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की.

जांच के दौरान सुरेश वर्मा ने बताया कि आलोक रंजन के कमरे से बरामद रुपये कार्यपालक अभियंता बीरेंद्र राम के थे. इसकी जानकारी मिलने के बाद इडी ने बीरेंद्र राम और उसके पारिवारिक सदस्यों के सिलसिले में जांच शुरू की. इसमें कई सनसनीखेज मामलों की जानकारी और सबूत मिलने के बाद इडी ने मंगलवार को छापा मारा.

यहां हुई छापेमारी

रांची में बीरेंद्र राम के अशोक नगर के रोड नंबर-4ए स्थित मकान (447/ए) पर.

रांची में ठेकेदार अतिकुल्ला अंसारी के हिंदपीढ़ी (माशा अल्लाह इंक्लेव) स्थित फ्लैट पर

रांची में कचहरी रोड, इंजीनियरिंग भवन स्थित बीरेंद्र राम के दफ्तर पर भी छापा मारा

रांची में सचिवालय के समीप एफएफपी बिल्डिंग स्थित मुख्य अभियंता के कार्यालय में

जमशेदपुर के ग्रीन वाटिका स्थित दो डुुप्लेक्स सहित अन्य ठिकानों पर हुई छापेमारी

बीरेंद्र के दिल्ली स्थित सीए मुकेश मित्तल के पिता, पुत्र समेत परिवार के सदस्यों के ठिकानों पर छापा

दिल्ली में बीरेंद्र राम के पारिवारिक सदस्यों के नाम खरीदे गये मकान और फ्लैट पर दबिश

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