22.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 01:22 pm
22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

झारखंड के वाटरमैन पद्मश्री सिमोन उरांव के जीवन पर बनी फिल्म ‘झरिया’ को मिला स्पेशल ज्यूरी मेंशन अवार्ड

Advertisement

पर्यावरण और जल संरक्षण के प्रति समर्पित पद्मश्री सिमोन उरांव के जीवन और उनके कार्यों पर बनी फिल्म 'झरिया (द स्प्रिंग)' को स्पेशल ज्यूरी मेंशन अवार्ड से नई दिल्ली में सम्मानित किया गया है. इस फिल्म के डायरेक्टर बीजू टोप्पो हैं. इस फिल्म का प्रदर्शन झारखंड साइंस फिल्म फेस्टिवल में भी होगा.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand news: पर्यावरण और जल संरक्षण के प्रति समर्पित पद्मश्री सिमोन उरांव के जीवन और उनके कार्यों पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘झरिया (द स्प्रिंग)’ को स्पेशल ज्यूरी मेंशन अवार्ड मिला है. नई दिल्ली में आयोजित 11वीं CMS वातावरण फिल्म फेस्टिवल में एन्विरोमेंटल कॉन्सर्वेशन कैटेगॉरी (Environmental Conservation Category) में स्पेशल जुरी मेंशन अवार्ड (Special Jury Mention Award) से सम्मानित किया गया है. इस फेस्टिवल का आयोजन 11 से 23 अप्रैल, 2022 तक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में हुआ था. इस फिल्म के निर्देश बीजू टोप्पो और निर्माता पीएसबीटी हैं.

Undefined
झारखंड के वाटरमैन पद्मश्री सिमोन उरांव के जीवन पर बनी फिल्म 'झरिया' को मिला स्पेशल ज्यूरी मेंशन अवार्ड 2

जल संरक्षण और पर्यावरण बचाने के तरीके को फिल्म में दिखाया गया

पद्मश्री सिमोन उरांव के जीवन और उनके कार्यों पर बनी इस फिल्म के माध्यम से निर्देशक बीजू टोप्पो ने सिमोन बाबा द्वारा रांची के बेड़ो स्थित खखसी टोली गांव में पर्यावरण बचाने और जल संरक्षण के तरीके को बखूबी दिखाया. बता दें कि इस फिल्म को दूरदर्शन दिल्ली के माध्यम से पहले भी दिखाया गया है.

पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीर हैं पद्मश्री सिमोन उरांव

अवार्ड की घोषणा होने के बाद इस फिल्म के निर्देशक बीजू टोप्पो ने कहा कि आज पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन से जूझ रहा है. ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र जल संकट से जूझ रहे हैं. कुछ ही लोग हैं जो इस दुनिया में जीवों के जीवन की रक्षा और संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं. कहा कि निरक्षर होने के बावजूद सिमोन उरांव पर्यावरण के संरक्षण के प्रति गंभीर हैं.

Also Read: झारखंड साइंस फिल्म फेस्टिवल का शिड्यूल जारी, जानें हर दिन दिखायी जाएंगी कितनी फिल्में

पद्मश्री सिमोन उरांव के कार्यों को एक आदर्श के रूप में देखा जाता है

श्री टोप्पो ने कहा कि पद्मश्री सिमोन उरांव के ज्यादातर छोटे पैमाने पर होते हैं, लेकिन आज उनके कार्यों को एक आदर्श के रूप में देखा जाता है. कहा कि सरकारी तंत्र, एनजीओ और शैक्षणिक संस्थानों के लोग उनके कार्यों को देखने और उनकी सराहना करने आते हैं. लेकिन, विडंबना है कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति किसी के पास दूरदृष्टि नहीं दिखती.

परहा राजा भी हैं पद्मश्री सिमाेन उरांव

उन्होंने कहा कि पद्मश्री सिमोन उरांव ना केवल एक पर्यावरणविद् हैं, बल्कि अपने उरांव समुदाय में 12 परहा के राजा भी हैं. उनकी सोच, कार्य, तर्क और दर्शन से प्रभावित होकर उनके क्षेत्र के लोगों ने उन्हें केवल 25 वर्ष की आयु में परहा राजा के रूप में चुना. पद्मश्री उरांव अपने क्षेत्र में सामाजिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक शासन व्यवस्था को कुशलतापूर्वक चला रहे हैं.

फिल्म का नाम ‘झरिया’ रखने के मायने

श्री टोप्पो ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म का नाम ‘झरिया’ के संबंध में कहा कि झरिया का मतलब पहाड़ी जलधारा है, जो सालों भर बहती रहती है. पद्मश्री सिमोन ने अपने साथी ग्रामीणों के साथ मिलकर कृषि भूमि बनाने के लिए बांध और तालाब बनाने का काम किया था. गांव वालों को ध्यान में रखते हुए इस फिल्म को झरिया रखा गया है, ताकि वे भी इससे रिलेट कर सकें.

Also Read: जंगलों तक सिमटी नक्सल प्रभावित गुमला के लालमाटी गांव के ग्रामीणों की जिंदगी, नहीं ले रहा कोई सुध

राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हैं निर्देशक बीजू टोप्पो

मालूम हो कि झरिया फिल्म के निर्देशक बीजू टोप्पो राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं. उरांव समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बीजू टोप्पो भूमि, विस्थापन, प्रवास, मानवाधिकार, शिक्षा और पर्यावरण के मुद्दों पर कई डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाए हैं. श्री टोप्पाे द्वारा निर्देशित फिल्मों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी पहचान मिली है. इधर, लोहरदगा में 29 अप्रैल से आयोजित झारखंड साइंस फिल्म फेस्टिवल में झरिया फिल्म का भी प्रदर्शन होगा.

Posted By: Samir Ranjan.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें