International Yoga Day: योग भारतीय संस्कृति का प्राचीन काल से हिस्सा रहा है. 2500 वर्ष पूर्व की यह परंपरा आज लोगों को निरोग बने रहने की सीख दे रही है. आधुनिकता के कारण लोग योग से दूर जा रहे थे. आज के बदलते दौर में लोगों की जीवनशैली प्रभावित हो रही है. इस कारण शरीर कई बीमारियों से पीड़ित हो रहा है.
योग से ठीक हो रहे हैं असाध्य रोग
योग के विशेषज्ञों की मानें, तो आज योग को निरोग रहने का मार्ग समझा जा रहा है. नियमित योग करने मात्र से कई असाध्य रोग ठीक हो जा रहे हैं. यही कारण है कि अब पूरी दुनिया में योग की महत्ता को समझा जा रहा है. स्वस्थ मस्तिष्क में ही उत्तम और योग्य विचार उत्पन्न होते हैं. योग से जुड़ने मात्र से अनुशासित जीवन के साथ-साथ जीवन में संयम रखने की सीख मिलती है.
10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी में जुटे अधिकारी
रांची में 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह की तैयारी शुरू कर दी गयी है. इस बार 21 जून का कार्यक्रम पहले से ज्यादा भव्य और बेहतर होगा. केंद्रीय आयुष मंत्रालय के निर्देश पर झारखंड में स्वास्थ्य विभाग व्यापक स्तर पर तैयारी में जुट गया है. योग दिवस कार्यक्रम सभी गांव, शहर आयुष्मान आरोग्य मंदिर, स्वास्थ्य और शैक्षणिक संस्थानों आदि में आयोजित किया जाना है.
प्रखंडों में भी होंगे योग दिवस के कार्यक्रम
मुख्य समारोह के अलावा भी प्रखंड और ग्राम स्तर पर योग दिवस के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर में विशेष रूप से योग किया जायेगा. इसके लिए शहर के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और सार्वजनिक स्थलों पर होर्डिंग और बैनर लगाकर प्रचार-प्रसार किया जायेगा. वहीं, गांवों में अमृत सरोवरों के पास नियमित योग अभ्यास कराये जानेवाले स्थान चयन के निर्देश दिये गये हैं.
आयुष मंत्रालय ने पत्र लिखकर दिया निर्देश
केंद्रीय आयुष मंत्रालय, राष्ट्रीय आयुष मिशन भारत सरकार के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने झारखंड के प्रधान सचिव और आयुष निदेशालय, झारखंड की निदेशक सीमा कुमारी उदयपुरी को इस मामले में पत्र लिखा है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (आइडीवाइ) पर दिशा-निर्देश दिये गये हैं.
योग अभ्यास करने से होने वाले लाभ का होगा प्रचार-प्रसार
इस बार 21 जून को सौ शहरों में 100 योग कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. आयुष मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए नोडल मंत्रालय है. इसने कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही आम जनता के बीच नियमित योग अभ्यास करने से होनेवाले लाभ का प्रचार-प्रसार करने पर जोर देने की बात कही है. पत्र में इस बात का विशेष उल्लेख किया गया है कि ऐसा करने से दुनिया भर में योग के संदेश और लाभों को फैलाने में मदद मिलेगी.
जल नेती से दूर हुई गुड्डी कुमारी की माइग्रेन की समस्या
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लालपुर निवासी गुड्डी कुमारी लंबे समय से माइग्रेन की समस्या से पीड़ित थीं. कई बार डॉक्टरी परामर्श लेने और दवाओं का सेवन करने के बाद भी इससे निजात नहीं मिली. योग प्रशिक्षिका की सलाह के बाद नियमित योगासन शुरू किया. प्राणायाम अनुलोम-विलोम, डायाफ्रामिक शवासन और जल नेती को रूटीन में शामिल किया. इससे महीने भर में माइग्रेन की समस्या ठीक हो गयी. गुड्डी कहती हैं कि माइग्रेन के दर्द में जल नेती सबसे कारगर उपाय है. वहीं, अनुलोम-विलोम से माइग्रेन के दर्द से राहत मिलती है.
मालासन व चक्कीचलनासन से अर्चना को मिली सिस्ट से मुक्ति
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कोकर की अर्चना ने बताया कि पेट में लगातार दर्द होने के बाद डॉक्टर से परामर्श लिया. चिकित्सा के क्रम में सिस्ट की समस्या चिह्नित हुई. दवाइयों का बोझ काफी ज्यादा था. चिकित्सीय परामर्श के बाद जानकारी मिली कि सिस्ट से मुक्ति में योग कारगर है. इसके बाद योग प्रशिक्षक से संपर्क कर विभिन्न योगासनों को करना शुरू किया. नियमत: तितली आसन, मालासन, चक्कीचलनासन, नौका, भुजंगासन, शलभासन और डायाफ्रामिक शवासन किया. बीते हफ्ते डॉक्टर से परामर्श लेने पर पता चला कि नियमित योगासन करने से सिस्ट की समस्या ठीक हो रही है.
बढ़ती उम्र में निरोग रखेगा योग : आनंद कुमार
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मोरहाबादी के आनंद कुमार बीते 20 वर्षों से नियमित योग कर रहे हैं. योग का ही फायदा है कि बढ़ती उम्र में भी असाध्य रोग से दूर हैं. आनंद कहते है कि खुद को स्वस्थ रखने में योग ने मदद की. नियमित रूप से ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास करते हैं. साथ ही आसपास के लोगों को योग से जुड़ने की जानकारी भी देते हैं. लोगों को योग से जुड़ना है, तो ध्यान (मेडिटेशन) से इसकी शुरुआत करें.
योगदा सत्संग आश्रम में मना योग दिवस
दसवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया (वाइएसएस) के रांची आश्रम में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में आगंतुकों को योग-ध्यान के मूल सिद्धांतों से परिचित कराया गया. वरिष्ठ वाइएसएस संन्यासी स्वामी ईश्वरानंद गिरि ने सत्यान्वेषियों को आंतरिक प्रशांति की खोज करने के लिए प्रोत्साहित किया.
झारखंड को मिले दिशानिर्देश के अहम बिंदु
- नियमित योग करने के लाभों के बारे में संदेश जुटाना और फैलाना
- सार्वजनिक महत्व के महत्वपूर्ण स्थानों की पहचान कर वहां योग गतिविधि की योजना तैयार करना
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग, मीडिया प्रोफाइल को फॉलो करना और उन्हें मीडिया पोस्ट के माध्यम से साझा करना
- सभी सार्वजनिक संस्थानों जैसे अस्पतालों, स्वास्थ्य कल्याण केंद्रों, पुलिस स्टेशनों, बस स्टेशनों, पंचायत, नगर पालिका, निगम, ग्राम कार्यालयों आदि में योग की मेजबानी
- योग विशेषज्ञों को शामिल करने वाले गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों की भागीदारी सुनिश्चित करना
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