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रांची के 400 साल पुराने इस मंदिर में नहीं होती है जल की कमी, गर्मी में भी भरपूर है पानी, वजह जान चौंक जाएंगे

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रांची में अप्रैल के महीने में ही प्रचंड गर्मी देखने को मिली है. वैसे भी आमतौर पर गर्मी का मौसम आते ही पानी के लिए हाहाकार मचती है. लोग जल के संरक्षण की बातें करनी शुरू कर देते है. रांची का भी हाल अब अलग नहीं है. लेकिन, रांची में एक ऐसा ऐतिहासिक मंदिर भी है जहां कभी भी पानी की कमी नहीं होती है.

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रांची में अप्रैल के महीने में ही प्रचंड गर्मी देखने को मिली है. वैसे भी आमतौर पर गर्मी का मौसम आते ही पानी के लिए हाहाकार मचती है. लोग जल के संरक्षण की बातें करनी शुरू कर देते है. रांची का भी हाल अब अलग नहीं है. लेकिन, रांची में एक ऐसा ऐतिहासिक मंदिर भी है जहां कभी भी पानी की कमी नहीं होती है. जी हां, रांची के बोड़ेया स्थित करीब 400 साल पुरानी मदन मोहन मंदिर में कभी भी पानी की कमी नहीं होती है. जानें आखिरकार इसके पीछे का क्या कारण है ?

रेन वाटर हार्वेस्टिंग के तर्ज पर बना है मंदिर

बता दें कि साल 1665 में बने इस मंदिर का वास्तुकला खुद में एक अद्भुत नमूना है. इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है इसकी संरचना. बचपन में आपने रेन वाटर हार्वेस्टिंग के बारे में जरूर पढ़ा होगा, लेकिन करीब 400 साल पुरानी यह मंदिर उसी रेन वाटर हार्वेस्टिंग के तर्ज पर बनी हुई है.

भक्ति के साथ-साथ एक संदेश

जल संरक्षण का यह नमूना इस मंदिर में आने वाले कई लोगों को एक बेहतर संदेश देता है. बताया जाता है कि नागवंशी शासकों के दौर में इस मंदिर का निर्माण लक्ष्मी नारायण तिवारी ने कराया गया था. इस मंदिर में भक्ति के साथ-साथ एक संदेश भी छिपा हुआ है और इसी कारण इस मंदिर की प्रसिद्धि दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है.

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श्रद्धालु करते है सोच की तारीफ

बातचीत के क्रम में वहां के पुजारियों ने बताया कि जो भी श्रद्धालु यहां आते है मंदिर के संरचना की तारीफ किए बिना नहीं जाते है. उस समय की सोच की प्रशंसा करते हुए लोग एक अच्छे संदेश के साथ घर जाते है. पुजारी की मानें तो मंदिर परिसर में हमेशा पानी की जरूरत होती है लेकिन आज तक कभी भी पानी की किल्लत नहीं हुई.

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