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हेमंत सोरेन ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखी चिट्ठी : मुंडारी, हो एवं उरांव/ कुड़ुख जनजातीय भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल करें

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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनजातीय भाषा मुंडारी, हो एवं उरांव/कुड़ुख को भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है. इस संबंध में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है.

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रांची : झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने जनजातीय भाषा (Tribal Languages) मुंडारी (Mundari), हो (Ho) एवं उरांव/कुड़ुख (Oraon/Kudukh) को भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है. इस संबंध में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है.

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श्री सोरेन ने पत्र में कहा है, ‘झारखंड एक आदिवासी बहुल राज्य है. यहां बड़े क्षेत्र में जनजातीय भाषाएं प्रचलन में हैं. ऐसे में उम्मीद करता हूं कि संताली भाषा की ही तरह इन जनजातीय भाषाओं को भी आठवीं अनुसूची में शामिल किया जायेगा.’

जनजातीय भाषाओं के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध

मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य सरकार जनजातीय भाषाओं के विकास और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. इस दिशा में राज्य सरकार की ओर से कई कदम भी उठाये गये हैं. उन्होंने यह भी लिखा है कि झारखंड में मुंडारी, हो एवं कुड़ुख को पहले ही द्वितीय राजभाषा का दर्जा दे चुकी है.

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मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से आग्रह किया है कि इन भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए जरूरी कार्रवाई करें. केंद्र सरकार यदि आठवीं अनुसूचित में इन भाषाओं को शामिल कर लेता है, तो इन भाषाओं के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा.

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Posted By : Mithilesh Jha

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