13.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 05:54 am
13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

क्यों हुई ‘अबुआ बीर दिशोम अभियान’ की शुरुआत, सीएम हेमंत सोरेन ने बताया, अफसरों से पूछा ये सवाल

Advertisement

झारखंड में 30% वन क्षेत्र है. वहीं, अन्य राज्यों में कम वन क्षेत्र हैं, लेकिन वन अधिकार पट्टा देने में वह काफी आगे हैं. झारखंड में भी वहां की तरह ही ब्यूरोक्रेट्स, आइएएस, आइपीएस और आइएफएस अधिकारी हैं, तो योजनाओं के क्रियान्वयन में इतना अंतर क्यों है

Audio Book

ऑडियो सुनें

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में नगाड़ा बजा कर ‘वन अधिकार अधिनियम-2005’ के तहत वन क्षेत्र में रहनेवालों को जमीन का पट्टा देने के लिए ‘अबुआ बीर दिशोम अभियान’ की शुरुआत की. कार्यक्रम में उपस्थित 24 जिलों के उपायुक्त और वन अधिकारियों को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम-2005 तो वर्ष 2006 से ही लागू है, पर हमारे राज्य में अब तक इस अधिनियम को कूड़े में डालकर रखा गया था.

- Advertisement -

इसी वजह से आज इसके लिए अभियान की चलाने की जरूरत पड़ रही है. झारखंड में 30% वन क्षेत्र है. वहीं, अन्य राज्यों में कम वन क्षेत्र हैं, लेकिन वन अधिकार पट्टा देने में वह काफी आगे हैं. झारखंड में भी वहां की तरह ही ब्यूरोक्रेट्स, आइएएस, आइपीएस और आइएफएस अधिकारी हैं, तो योजनाओं के क्रियान्वयन में इतना अंतर क्यों है? श्री सोरेन ने अधिकारियों की हौसलाअफजाई भी की, कहा : आप जैसे अधिकारी ही अन्य कामों को बेहतर तरीके से कर रहे हैं. ‘अबुआ बीर दिशोम अभियान’ पर सरकार का विशेष फोकस में है. इसे मिशन मोड में पूरा करें. इसकी गहन समीक्षा की जायेगी.

Also Read: झारखंड: सीएम हेमंत सोरेन ने चाइल्ड आर्टिस्ट एग्जीबिशन का किया उद्घाटन, इस थीम पर बनायी गयी पेंटिंग को सराहा

उन्होंने कहा कि झारखंड में पहली बार भूमिहीनों को वन पट्टा देने के लिए व्यापक अभियान चलेगा. जंगल में निवास करनेवाले, जंगलों, जानवरों और वनस्पति की रक्षा करनेवालों को मिलेगा अधिकार. कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि 29 दिसंबर को सरकार की चौथी वर्षगांठ पर आदिवासी और वन पर आश्रित रहनेवालों को वनाधिकार पट्टा मुहैया कराया जायेगा. इस अवसर पर सीएम तथा अतिथियों ने अभियान की प्रचार सामग्री, ऐप और वेबसाइट का भी लोकार्पण किया.

खनन कंपनियां राज्य की दुर्दशा कर छोड़ेंगी :

सीएम ने कहा कि झारखंड खनिज बहुल राज्य है. यहां की खनन कंपनियां राज्य का दुर्दशा कर छोड़ेंगी. सोचिये तब क्या होगा? आज जहां खेती होती थी, वहां कोयला निकल रहा है. राज्य के 80 प्रतिशत लोग खेती करते हैं. पर विडंबना है कि उनके पास अपना खेत नहीं है. 30 वर्ष बाद जब खनन कार्य समाप्त हो जायेगा, तब लोग कहां जायेंगे? सीएम ने कहा कि अधिकारी आश्वस्त रहें. आदिवासी वनों की रक्षा करते हैं, वनों को उजाड़ते नहीं.

पेड़ नहीं लगायेंगे, तो सरकारी बंगला क्यों? :

सीएम ने कहा कि डीसी जिले के मुख्यमंत्री हैं. उनका दायित्व है कि सरकार की योजनाओं को पूरा करें. उन्होंने पर्यावरण की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि अधिकारी सरकारी बंगलों में पेड़ लगायें. उन्हें बड़ा बंगला मिला हुआ है, तो वे पेड़ क्यों नहीं लगाते? यदि कोई अधिकारी पेड़ नहीं लगाते हैं, तो उन्हें बड़ा सरकारी बंगला क्यों मिलना चाहिए? क्यों नहीं अपार्टमेंट में ही उन्हें रहने की व्यवस्था करें? डीसी, बीडीओ, सीओ जैसे अधिकारी हैं. आप अपनी जगह को हरा-भरा रखें. यह आनेवाले मानव जीवन के लिए भी जरूरी है.

अतिक्रमणकारी नहीं जंगलों में रहने वाले लोग हैं :

सीएम ने कहा कि वन क्षेत्र में रहकर खेती करनेवाले लोगों को अतिक्रमणकारी कहा जाता है. जबकि ये उनका अधिकार है. जिस दिन उन्हें वन पट्टा का अधिकार मिल जायेगा, उस दिन से ही जंगलों में अतिक्रमणकारी समाप्त हो जायेंगे. सीएम ने कहा कि काम को लटकाने हजार उपाय है, लेकिन रास्ता कैसे निकालें, यह सोचना होगा और आप ही यह कर सकते हैं.

दिशोम का अर्थ बतायें अधिकारी :

कार्यक्रम के दौरान ही सीएम उपस्थित अधिकारियों से पूछ बैठे कि ‘दिशोम’ का क्या अर्थ है? इस पर कुछ अधिकारियों ने बताया कि ‘बीर दिशोम’ का मतलब जंगल और देश होता है.

एक-दो डिसमिल का पट्टा मुझसे बंटवाकर मूर्ख बनवाया

सीएम ने कहा कि मेरे हाथों ही पहले कई लोगों को वन पट्टा दिलवाया गया. कुछ डीसी ने एक-दो डिसमिल का पट्टा बंटवाकर मुझे ही मूर्ख बनाया. सीएम ने कहा कि अब ऐसा नहीं चाहिए. वन अधिकारियों पर सीएम ने कहा कि ये पेड़ नहीं बचाते, जंगल की जमीन बचाने में इनका समय कट जाता है. वनों की अवैध कटाई पर कहा कि यहां लकड़ी चोर नहीं, लकड़ी डकैत हैं. शिकायतें झोला भर-भरकर आती हैं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें