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मरीजों को निजी अस्पताल रेफर करने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सख्त, सिविल सर्जन से मांगी रिपोर्ट, इन तीन बिंदुओं पर जांच का आदेश

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साथ ही आयुष्मान भारत योजना के लिए जिला में तैनात समन्वयक की भूमिका व एक-एक रेफर केस की बिंदुवार जांच करने को कहा गया है. सीएस को एक सप्ताह में जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया है कि सरकारी सुविधा के बावजूद निजी अस्पताल में रेफर करने का मामला प्रथमदृष्टया में संदिग्ध प्रतीत होता है.

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  • सरकारी सुविधा होने के बाद भी मरीजों को निजी अस्पताल क्यों किया गया रेफर, करें जांच

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  • बोकारो सिविल सर्जन को एक सप्ताह में जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश

Jharkhand News, रांची : आयुष्मान भारत योजना के लाभुकों काे सरकारी अस्पताल से निजी अस्पताल में रेफर करने की जांच होगी. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बोकारो सिविल सर्जन को जांच करने का आदेश दिया है. सिविल सर्जन को तीन बिंदुओं पर जांच करने के लिए कहा गया है. उनसे पूछा गया है कि सदर अस्पताल में सभी व्यवस्था उपलब्ध होने के बाद भी रेफर केस के मामले क्यों बढ़े, इस बिंदु पर गंभीरतापूर्वक जांच करें.

साथ ही आयुष्मान भारत योजना के लिए जिला में तैनात समन्वयक की भूमिका व एक-एक रेफर केस की बिंदुवार जांच करने को कहा गया है. सीएस को एक सप्ताह में जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया है कि सरकारी सुविधा के बावजूद निजी अस्पताल में रेफर करने का मामला प्रथमदृष्टया में संदिग्ध प्रतीत होता है.

अगर बोकारो जिला अस्पताल या अनुमंडल अस्पताल में सुविधा नहीं थी, तो संबंधित डॉक्टरों को पास के मेडिकल कॉलेज या रिम्स में रेफर करना चाहिए था. न कि 12 किमी दूर निजी अस्पताल. उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने में लगी है.

सदर अस्पताल ही नहीं, सीएचसी को भी अपग्रेड किया जा रहा है, इसलिए ऐसी लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जायेगी. आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा की जा रही गड़बड़ी की खबर प्रभात खबर में बुधवार को प्रकाशित की गयी थी. खबर प्रकाशित होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने जांच का आदेश दिया है.

Posted By : Sameer Oraon

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