रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने देवघर के मोहनपुर थाना में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देनेवाली निशिकांत दुबे की याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब दायर करने के लिए अदालत से फिर समय देने का आग्रह किया गया. बार-बार समय मांगे पर नाराजगी जताते हुए अदालत ने राज्य सरकार पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया. जुर्माने की राशि झालसा में जमा करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह के बाद होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव व अधिवक्ता पार्थ जालान ने पैरवी की. प्रार्थी का कहना था कि उस क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा गोवंश की तस्करी की जाती है. संदेह होने पर उसे रोका गया था. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने याचिका दायर कर देवघर के मोहनपुर थाना में कांड संख्या-281/2023 के तहत दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी है. उन्होंने केस को निरस्त करने की मांग की है. आरोप है कि निशिकांत दुबे ने पशु व्यापारी के पशु को भगा दिया तथा उसे पुलिस के हवाले कर दिया. उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया है.
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