20.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 09:11 pm
20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में सरकार ने मांगे बकाया 2500 करोड़

Advertisement

जीएसटी काउंसिल की 41वीं बैठक में राज्य सरकार ने जीएसटी कंपन्सेशन मद के बकाये की मांग की. इस मद का 2500 करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने नहीं दिया है

Audio Book

ऑडियो सुनें

रांची : जीएसटी काउंसिल की 41वीं बैठक में राज्य सरकार ने जीएसटी कंपन्सेशन मद के बकाये की मांग की. इस मद का 2500 करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने नहीं दिया है. राज्यों द्वारा जीएसटी कंपन्सेशन की मांग को पूरा करने में केंद्र सरकार ने असमर्थतता जतायी. केंद्र की ओर से राज्यों को कहा गया कि कोविड-19 की वजह से केंद्र सरकार का राजस्व प्रभावित हुआ है.

फिलहाल, केंद्र सरकार जीएसटी कंपन्सेशन मद के बकाये का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है. केंद्र सरकार ने 14 प्रतिशत के बदले 10-12 प्रतिशत देने की बात कही. केंद्र सरकार ने विकल्प के रूप में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से जरूरत के हिसाब से न्यूनतम सूद पर कर्ज लेने और इसकी भरपाई पांच साल में सेस की राशि से करने का सुझाव दिया.

केंद्र की ओर से कहा गया कि नुकसान की भरपाई के लिए लिये गये कर्ज के मुद्दे पर अगले साल समीक्षा होगी. केंद्र के इस प्रस्ताव पर राज्य सरकार ने विचार करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा. जीएसटी काउंसिल की बैठक में श्री उरांव ने झारखंड का पक्ष रखा और जीएसटी कंपन्सेशन नहीं मिलने से पैदा हुई परेशानियों का उल्लेख किया. 2017 में वैट के बदले जीएसटी लागू किया गया था. जीएसटी लागू करते वक्त केंद्र सरकार ने होनेवाले नुकसान की भरपाई करने का वादा किया था. नुकसान की भरपाई 2022 तक की जानी है.

हर माह मिले टैक्स कलेक्शन में हिस्सा : डॉ रामेश्वर उरांव ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल में झारखड की स्थिति अच्छी नहीं है. जीएसटी कौंसिल को बकाया भुगतान को लेकर अपनी वचनबद्धता निभानी चाहिए. झारखंड को भी कलेक्शन में हिस्सा प्रत्येक महीने मिलना चाहिए. वहीं केंद्रीय वित्तमंत्री की ओर से बताया गया कि भारत सरकार के राजस्व संग्रहण में कमी आयी है. ऐसे में वैकल्पिक उपाय बताये.

ऋण लेकर राज्यों को देगा केंद्र : सीतारमण – निर्मला सीतारमण ने राज्य सरकारों को कहा कि वह चिंता न करें. राज्य सरकार खर्च करें, केंद्र सरकार आरबीआइ से ऋण लेकर राज्यों को राशि उपलब्ध करायेगी और इसका बोझ राज्य सरकार पर नहीं पड़ेगा. डॉ उरांव ने कहा कि केंद्रीय उपक्रमों के लिए 50 हजार एकड़ जमीन उपलब्ध करायी गयी है. इसके एवज में लगभग 45 हजार करोड़ रुपये का बकाया है. केंद्र सरकार जमीन के एवज में बकाया करीब 45 हजार करोड़ रुपये चरणबद्ध तरीके से झारखंड को उपलब्ध कराने में मदद करे.

केंद्र ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से न्यूनतम सूद पर कर्ज लेने का सुझाव दिया

झारखंड के वित्त मंत्री ने जो बिंदु उठाये

वित्तीय वर्ष 2020-21 में जुलाई तक जीएसटी कंपन्सेशन मद का 2481.68 करोड़ रुपये केंद्र से नहीं मिला.

जीएसटी से पूर्व राज्य का टैक्स ग्रोथ रेट 14 प्रतिशत था, जीएसटी लागू करते वक्त 14 प्रतिशत की दर से कंपन्सेशन देने का वादा किया गया था, इसलिए उसी दर से भुगतान करें.

झारखंड एक छोटा राज्य है, बड़े राज्यों के मुकाबले जीएसटी कंपन्सेशन की राशि कम है. उसे समय पर भुगतान करें.

राज्य भी कोविड-19 की लड़ाई लड़ रहा है. इसके लिए पैसों की सख्त जरूरत है. कंपन्सेशन राशि नहीं मिलने से इस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.

Post by : Pritish Sahaya

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें