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Explainer: क्या है गोधन न्याय योजना ? जिसका कल मंत्री बादल पत्रलेख ने किया लोकार्पण

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कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने गोधन न्याय योजना का का लोकार्पण किया. यह योजना राज्य के 5 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रुप में की गयी है.

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झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कल गोधन न्याय योजना का लोकार्पण किया. फिलहाल, इसकी शुरुआत राज्य के 5 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रुप में की गयी है. इस योजना की सफलता के बाद इसे पूरे राज्य में चलाया जाएगा. सरकार के इस कदम से प्रथम चरण में करीब 10 हजार किसान लाभान्वित होंगे. ऐसे में आम लोगों के मन ये सवाल उठ रहा है कि गोधन न्याय योजना क्या है और इसका उद्देश्य क्या है. आज हम आपको इस योजना के बारे में विस्तृत रूप से बताएंगे.

क्या है गोधन न्याय योजना

झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गयी इस योजना का उद्देश्य उत्सर्जित गोबर का उपयोग वर्मी कंपोस्ट तैयार करते हुए कृषक की रासायनिक खादों पर निर्भरता को कम करने और कृषकों की आय में वृद्धि करना है. क्योंकि गोवंश द्वारा उत्सर्जित गोबर कृषि के पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता में वृद्धि होती है. गोबर को कृषि कार्यों में प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने के लिए एक प्रभावी प्रबंधन की जरूरत है. इससे कृषकों को बहुत फायदा होगा.

गोधन न्याय योजना का लक्ष्य

पगोधन न्याय योजना के जरिये सरकार पशुपालकों की आय में वृद्धि कर जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देना चाहती है. साथ ही स्थानीय स्तर पर जैविक खाद की उपलब्धत कर स्थानीय स्वयं सहायता समूह/ बेरोजगार युवकों को रोजगार का अवसर देना चाहती है. इससे न सिर्फ भूमि की उर्वरता को बढ़ाने में मदद मिलेगी बल्कि रासायनरहित खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो सकेगा.

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