26.1 C
Ranchi
Sunday, February 23, 2025 | 03:12 pm
26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

High Court News : राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को चार माह में भरें : हाइकोर्ट

Advertisement

झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने राज्य के विश्वविद्यालयों में बार-बार असिस्टेंट प्रोफेसरों की संविदा नियुक्ति के मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई की.

Audio Book

ऑडियो सुनें

रांची (वरीय संवाददाता). झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने राज्य के विश्वविद्यालयों में बार-बार असिस्टेंट प्रोफेसरों की संविदा नियुक्ति के मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी, राज्य सरकार व झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) का पक्ष सुना. मामले में सुनवाई पूरी होने पर अदालत ने असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के सभी रिक्त पदों पर चार माह के भीतर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया.

अदालत ने उक्त निर्देश राज्य सरकार, झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) व विश्वविद्यालयों को दिया. उच्च शिक्षा सचिव, उच्च शिक्षा निदेशक व जेपीएससी को नियुक्ति के नियमों की सारी बाधाएं दो माह के अंदर दूर करने का निर्देश दिया. इसके बाद के दो माह के दाैरान राज्य सरकार व जेपीएससी विश्वविद्यालयों से प्राप्त अधियाचना के आलोक में नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित करने व प्रक्रिया को पूर्ण करेंगे. इसी दाैरान झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेट) भी आयोजित की जा सकती है, लेकिन जो समय सीमा निर्धारित किया गया है, उसके अंदर रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जाये. प्रतिवादियों को उक्त निर्देश देते हुए अदालत ने याचिका को निष्पादित कर दिया.

इससे पूर्व जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने पैरवी की, जबकि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय की ओर से अधिवक्ता अर्पण मिश्रा, बिनोवा भावे विश्वविद्यालय व कोल्हान विश्वविद्यालय की ओर से अधिवक्ता डॉ अशोक कुमार सिंह ने पक्ष रखा. वहीं राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता जय प्रकाश ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी डॉ प्रसिला सोरेन व अन्य की ओर से अलग-अलग याचिका दायर की गयी थी. असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति के बदले नियमित नियुक्ति की मांग की गयी थी. कहा गया था कि वह सिद्धो-कान्हो विश्वविद्यालय में संविदा पर शिक्षक पद पर कार्य कर रहे थे, लेकिन उन लोगों को यह कहते हुए हटा दिया गया कि अब स्थायी नियुक्ति होगी. इसके बाद संविदा पर कार्यरत अन्य शिक्षकों को नहीं हटाया गया. पूर्व की सुनवाई के दाैरान जेपीएससी की ओर से बताया गया था कि वर्ष 2018 में विज्ञापन संख्या 4/2018 व 5/2018 के तहत विभिन्न विषयों में लगभग 500 से अधिक असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की अनुशंसा की गयी है. कई विश्वविद्यालयों से अधियाचना आयी है, जिस पर प्रक्रिया आगे बढ़ायी गयी है.

मामले में सभी विश्वविद्यालयों को बनाया गया था प्रतिवादी

अदालत ने पूर्व में मामले की सुनवाई के दाैरान चांसलर सहित राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को प्रतिवादी बनाया था. साथ ही उच्च व तकनीकी शिक्षा व कौशल विभाग के सचिव, रांची विश्वविद्यालय, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, विनोवा भावे विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय, नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय, बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय, सिद्धो-कान्हो विश्वविद्यालय के कुलपति व रजिस्ट्रार को सशरीर हाजिर भी होना पड़ा था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें