27.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 01:53 pm
27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

EXCLUSIVE: रांची की बड़ी हाउसिंग सोसाइटी अग्नि सुरक्षा को लेकर लापरवाह, आग लगी तो बच पाना होगा मुश्किल

Advertisement

राजधानी की बड़ी हाउसिंग सोसाइटी अग्नि सुरक्षा को लेकर लापरवाह हैं. सुरक्षा की अनदेखी के कारण यहां आग लगी तो बच पाना मुश्किल होगा. इसके मद्देनजर प्रभात खबर ने राजधानी की बड़ी सोसाइटी और गलियों की हकीकत को टटोलने की कोशिश की है. पेश है रिपोर्ट-

Audio Book

ऑडियो सुनें

राजधानी रांची में पिछले 20 वर्षों में तेज रफ्तार से बहुमंजिली इमारतों का निर्माण किया गया है. लेकिन अगलगी की कई घटनाओं के बाद भी आग से बचाव को लेकर समुचित इंतजाम नहीं किये गये हैं. अग्निशमन विभाग भी कर्मियों के अभाव में तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. कई जगहों पर हर साल अगलगी की घटनाएं भी देखने को मिल रही हैं. राजधानी की कुछ बड़ी हाउसिंग सोसाइटी आग से बचाव को लेकर पूरी तरह लापरवाह हैं. ये बड़े आवासीय परिसर न तो अपनी इमारतों में स्थापित अग्निशमन प्रणालियों का रखरखाव कर रहे हैं और न ही उनके रखरखाव के संबंध में कोई प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं. यहां रह रहे लोग अग्निशमन सेवा अधिनियम के अनुसार, सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करना चाहते हैं. हाउसिंग सोसाइटी फायर लाइसेंस रखनेवाली अग्नि सुरक्षा एजेंसियों की मदद को लेकर भी गंभीर दिखाई नहीं पड़ती हैं.

हाल में हुईं अगलगी की घटनाएं

  • 10 मई 2019: हिनू के आनंद प्लाजा में भीषण आग लगी थी. करीब 50 लोग फंस गये थे.

  • जनवरी 2023 : पंडरा के काजू बगान स्थित शिवम अपार्टमेंट के फ्लैट में आग लगी थी. इसमें एक बच्ची फंस गई थी.

  • 21 अप्रैल 2023 : कोकर स्थित एक फर्नीचर दुकान में भीषण आग लगी थी.

  • 29 जून 2023 : खादगढ़ा बस स्टैंड में नौ बसें जलकर खाक हो गयी थीं.

खेलगांव हाउसिंग सोसाइटी का भी बुरा हाल

होटवार स्थित नेशनल गेम्स खेलगांव हाउसिंग कांप्लेक्स सोसाइटी में एक से लेकर पांच सेक्टर हैं. इसमें सेक्टर-वन के नौ मंजिला टॉवर में कुल 768 फ्लैट हैं. सेक्टर-2 में तीन, सेक्टर-3 में पांच और इसी तरह से सेक्टर चार और पांच में बने नये भवन शामिल हैं. इनमें नये भवनों को छोड़कर अधिकांश में आग से निबटने का कोई साधन मौजूद नहीं है. यहां न तो अग्निशमन प्रणालियों का पर्याप्त रखरखाव है और न ही रिपोर्ट ही की जाती है.

खेलगांव सोसाइटी के 1000 से ज्यादा परिवार भगवान भरोसे

नेशनल गेम्स के समय जब डेढ़ दशक पहले खेलगांव में बहुमंजिली इमारतों का निर्माण हुआ, तो इसमें अग्निशमन प्रणाली में अग्नि अलार्म, स्प्रिंकलर, पानी की नली लाइनें और अग्निशामक यंत्र शामिल थे. अधिकांश इमारतों में ये पूरी तरह से निष्क्रिय हैं. हाउसिंग सोसाइटियों में से अधिकांश प्रतिनिधियों और कर्मियों को अग्नि सुरक्षा नियमों की जानकारी तक नहीं है. उन्होंने अपनी स्थिति की जांच के लिए कोई एजेंसी भी नियुक्त नहीं की है.

समाहरणालय में भी फायर फाइटिंग सिस्टम का बुरा हाल

जिले का हर व्यक्ति काम पड़ने पर अपनी समस्या के समाधान के लिए समाहरणालय की दौड़ लगाता है. एक अनुमान के मुताबिक, प्रतिदिन तीन हजार से अधिक लोग यहां अपने दैनिक काम को लेकर पहुंचते हैं. लेकिन यहां पर मौजूद फायर फाइटिंग सिस्टम की हालत खराब है. दीवारों पर फायर उपकरण लटके हुए हैं और पाइप आदि टूटे हुए हैं. ऐसे में अगर कभी यहां आग लगने की कोई घटना हुई तो बड़ा हादसा हो सकता है.

नक्शा पास होने के बाद निगम नहीं देखता क्या है हकीकत

बहुमंजिली इमारतों में फायर फायटिंग सिस्टम की अनिवार्यता है. इसके लिए फायर डिपार्टमेंट द्वारा गाइडलाइन जारी की गयी है. फायर डिपार्टमेंट की इस गाइडलाइन के पालन के आधार पर ही नगर निगम नक्शे को स्वीकृति देता है. लेकिन भवन बनने के बाद बिल्डर इसमें फायर उपकरण लगाता ही नहीं है, बल्कि बिना फायर उपकरण लगाये हुए ही वह लोगों को फ्लैट बेचकर निकल जाता है.

दूरसंचार विभाग के बहुमंजिला दफ्तर में कबाड़ हो रहे हैं अग्निशमन यंत्र

जब प्रभात खबर की टीम ने शहर की सरकारी इमारतों में जाकर पड़ताल की, तो करीब बीस मिनट की जांच में ही ऐसे दो भवन मिले, जहां सैकड़ों परिवारों की जिंदगी फिलहाल राम भरोसे है. इनमें राजधानी के प्राइम लोकेशन अल्बर्ट एक्का चौक पर स्थित दूरसंचार विभाग का बहुमंजिला दफ्तर है. इसमें लगे अग्निशमन यंत्र सदियों पुराने हैं और जंग खाकर कबाड़ हो रहे हैं. वाटर रिफिल पाइप कटे हुए हैं. इन्हें वर्षों से दुरुस्त नहीं कराया गया है, जबकि इन पर लगी फिलिंग स्लिप के मुताबिक अग्निशमन यंत्र की जांच नहीं करायी गयी है. अब इस भवन में काम करने वाले कर्मचारियों की जान की सुरक्षा कैसी है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

Undefined
Exclusive: रांची की बड़ी हाउसिंग सोसाइटी अग्नि सुरक्षा को लेकर लापरवाह, आग लगी तो बच पाना होगा मुश्किल 3

रंगरेज गली और सोनारपट्टी में नहीं पहुंच पायेगा फायरब्रिगेड

15 नवंबर, 2023 को झारखंड 23 साल का हो जायेगा. राजधानी होने के नाते इसका विस्तार भी हो रहा है. सब कुछ बदल रहा है. लेकिन आज भी राजधानी का कॉमर्शियल हब माने जानेवाले अपर बाजार की सूरत अब तक नहीं बदली है. खास कर रंगरेज गली और सोनार पट्टी में पार्किंग की सुविधा अब तक नहीं होने के कारण यहां पैदल चलना भी मुश्किल है. अगर रंगरेज गली और सोनार पट्टी स्थित दुकानों में कभी अगलगी की घटना हुई, तो यहां फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंचना मुश्किल है. यह स्थिति एक या दो दिन की नहीं है. हर दिन यही हाल है. रंगरेज गली में लगभग 400 और सोनार पट्टी में ही लगभग 500 से अधिक छोटी-बड़ी दुकानें हैं.

  • रंगरेज गली में लगभग 400 और सोनार पट्टी में ही लगभग 500 से अधिक छोटी-बड़ी दुकानें

  • पैदल चलना भी होता है मुश्किल, लगी रहती है गाड़ियों और लोगों की भीड़ कई दुकानों में आग बुझाने के उपकरण तक नहीं

Undefined
Exclusive: रांची की बड़ी हाउसिंग सोसाइटी अग्नि सुरक्षा को लेकर लापरवाह, आग लगी तो बच पाना होगा मुश्किल 4

दुकानों के आगे खड़े रहते हैं दोपहिया वाहन

यहां की गलियों में आलम यह है कि दुकानों के आगे ही दोपहिया वाहन खड़े रहते हैं. इस कारण सड़कें और छोटी हो जाती हैं. हर समय छोटे-छोटे रिक्शा माल लेकर गलियों में पहुंचते हैं. एक रिक्शा को माल उतारने में कम-से-कम 15 मिनट से अधिक समय लग जाता है. इस कारण जाम अधिक बढ़ जाता है. जाम के कारण एक छोर से दूसरे छोर में निकलने में भी परेशानी होती है.

मार्केट में छोटी-छोटी दुकानें

रांची की रंगरेज गली और सोनार पट्टी में बड़ी-बड़ी दुकानों के अलावा मार्केट के अंदर भी कई छोटी-छोटी दुकानें हैं. कई मार्केट में सीढ़ी भी चढ़ना मुश्किल होता है. लेकिन, कभी आग लगने की घटना हुई, तो आग बुझाना मुश्किल हो जायेगा. कई दुकानों में आग बुझाने के उपकरण तक उपलब्ध नहीं हैं. दुकानों के बाहर भी छोटे-छोटे दुकानदार दुकानों को आगे बढ़ा कर दुकान चला रहे हैं. इस कारण परेशानी और बढ़ गयी है.

पार्किंग बहुत बड़ी समस्या

रंगरेज गली और सोनार गली में पार्किंग की समस्या नहीं होने से बड़ी परेशानी है. यह दिल्ली का चांदनी चौक, कोलकाता का बड़ा बाजार और मुंबई का जवेरी बाजार है. पार्किंग की सुविधा होने से बाजार में रौनक आने के साथ-साथ व्यापार बढ़ जायेगा. – राजेश कौशिक, पूर्व सचिव, दीनबंधु लेन मर्चेंट एसोसिएशन

Also Read: झारखंड : बरहरवा सरकारी अस्पताल के रिकॉर्ड रूम में लगी आग, करोड़ों के पुराने दस्तावेज जलकर खाक

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें