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झारखंड के सभी शहरों में होगा विद्युत शवदाह गृह का निर्माण, JUDCO ने तैयार किया मॉडल

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राज्य के सभी शहरों में विद्युत शवदाह गृह का निर्माण किया जायेगा. जुडको ने सभी शवदाहगृहों के लिए एक ही मॉडल तैयार किया है. एक शवदाह गृह के निर्माण में लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत आयेगी.

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राज्य के सभी शहरों में विद्युत शवदाह गृह का निर्माण किया जायेगा. जुडको ने सभी शवदाहगृहों के लिए एक ही मॉडल तैयार किया है. नगर विकास विभाग ने सभी नगर निकायों को शवदाहगृह निर्माण के लिए भूमि की तलाश कर प्रस्ताव देने का निर्देश दिया है. सभी निकाय जुडको द्वारा मॉडल का अनुसरण करेंगे. एक शवदाह गृह के निर्माण में लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत आयेगी. 15वें वित्त आयोग की राशि से निर्माण कार्य कराया जायेगा. शवदाह गृह गैस फायर्ड होंगे. राज्य के 16 नगर निकायों में विद्युत शवदाहगृह निर्माण शुरू कर दिया गया है. इसमें धनबाद, चास, कोडरमा, गिरिडीह, आदित्यपुर, चाईबासा, सरायकेला, जुगसलाई, चतरा, लातेहार, लोहरदगा, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, दुमका और गोड्डा शामिल हैं. इन सभी शहरों में प्रस्तावित विद्युत शवदाहगृह निर्माण पर 47.13 करोड़ रुपये खर्च किया जायेगा.

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जीर्ण-शीर्ण हालत में पहुंचा हरमू का विद्युत शवदाहगृह

वर्ष 2008-09 में तीन करोड़ की लागत से रांची में दो विद्युत शवदाहगृह का निर्माण किया गया था. लेकिन, देखरेख के अभाव में दोनों ही जर्जर स्थिति में पहुंच गये हैं. रांची नगर निगम की कोशिशों के बावजूद कोई एजेंसी विद्युत शवदाहगृह की देखरेख को तैयार नहीं हुई. सालों बंद रहने के बाद हरमू मुक्तिधाम स्थित विद्युत शवदाहगृह को चलाने का बीड़ा मारवाड़ी सहायक समिति ने उठाया. कोरोना काल के दौरान मृत व्यक्तियों का अंतिम संस्कार गैस आधारित विद्युत शवदाहगृह में किया गया. फिलहाल, यह चल रहा है, लेकिन लोग विद्युत शवदाहगृह में अंतिम क्रिया कराने की रुचि नहीं लेते हैं. इस कारण यह फिर से जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच गया है.

खिड़की-दरवाजे की चोरी, भूत बंगला बन गया घाघरा शवदाहगृह

घाघरा में बना विद्युत शवदाहगृह भूत बंगला बना हुआ है. शवदाहगृह के सभी खिड़की-दरवाजे व अन्य लोहे के उपकरणों की चोरी हो चुकी है. विद्युत शवदाहगृह खंडहर में तब्दील हो गया है. पिछले एक दशक से कोई देखने वाला नहीं है. इसके जीर्णोद्धार को लेकर नगर निगम द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है.

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