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डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय: एलुमनाई मीट में क्या बोले वीसी डॉ तपन कुमार शांडिल्य व प्रो केके नाग

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डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय की IQAC इकाई के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि रांची कॉलेज (अब डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय) का अतीत गौरवशाली इतिहास का सूचक रहा है.

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Dr Shyama Prasad Mukherjee University: रांची के डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कांफ्रेंस सभागार में रांची कॉलेज और अब डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के एलुमनाई मीट (पूर्ववर्ती छात्र मिलन) का आयोजन किया गया. कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य की अध्यक्षता में इसका आयोजन किया गया. उन्होंने कहा कि रांची कॉलेज (अब डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय) का अतीत गौरवशाली इतिहास का सूचक रहा है. यहां से शिक्षा प्राप्त विद्वतजनों ने न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी अपने ज्ञान और विद्वता से इस संस्थान की पहचान स्थापित की है. तत्कालीन रांची कॉलेज के प्रथम बैच के विद्वान प्रो डॉ केके नाग ने अपने संबोधन में इस पहल की सराहना करते हुए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपने सुझाव दिए.

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रहा है गौरवशाली इतिहास

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय की IQAC इकाई के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि रांची कॉलेज (अब डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय) का अतीत गौरवशाली इतिहास का सूचक रहा है और यह इस कारण से है कि यहां से शिक्षा प्राप्त विद्वतजनों ने न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अपने ज्ञान और विद्वता के माध्यम से इस संस्थान की पहचान स्थापित की है. इन्होंने समाज के प्रत्येक क्षेत्र में, चाहे वह उच्च शिक्षा हो, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, प्रशासनिक सेवा हो या निजी व्यवसाय. अपने साथ यहां की विरासत को श्रेष्ठता पर ले जाने का कार्य किया है. यह सही अवसर है जब हम इन पूर्ववर्ती शिक्षाविदों के साथ सामूहिक तौर पर बैठक कर आपसी संवाद करें. मेरा यह मानना है कि इस सामूहिकता और आपसी संवाद से जो भी परिणाम निकलकर सामने आयेंगे, वह विश्वविद्यालय के लिए अति हितकारी होंगे. उन्होंने कहा कि यह उनके लिए गौरवान्वित करने वाले पल हैं. आज इस परिसर में इनके आगमन से एक नई शुरुआत होती दिख रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही इसके पंजीकरण से संबंधित तकनीकी कार्य शुरू किया जाएगा.

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1960 के प्रथम बैच से लेकर 2014 बैच तक के एलुमनाई थे उपस्थित

IQAC के समन्वयक डॉ खुर्शीद अख्तर ने अतिथियों का स्वागत किया. इस अवसर पर विद्वतजनों में 6 पूर्व कुलपति, सेवानिवृत भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारी उपस्थित थे. इस विशेष मौके पर तत्कालीन रांची कॉलेज के प्रथम बैच के विद्वान प्रो डॉ केके नाग ने अपने संबोधन में इस पहल की सराहना करते हुए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपने सुझाव दिए. इस अवसर पर अन्य शिक्षाविदों एवं प्रशासनिक अधिकारियों में प्रदीप कुमार, डॉ रमेश पांडेय, डॉ अंजनी श्रीवास्तव, डॉ गोपाल पाठक, डॉ सत्यनारायण मुंडा, डॉ TN साहू , डॉ हरिओम पांडेय, डॉ अभिजीत दत्त, डॉ संजय मिश्र, डॉ पीके वर्मा, डॉ अशोक नाग, डॉ जीके सिंह, डॉ एनके महतो समेत लगभग 50 एलुमनाई उपस्थित थे. इस बैठक में वर्ष 1960 के प्रथम बैच से लेकर 2014 बैच तक के एलुमनाई मौजूद थे. उन्होंने विश्वविद्यालय की इस पहल की सराहना करते हुए इसे एक सकारात्मक कदम बताया और भविष्य में और आगे ले जाने की बात कही. इस मौके पर कुलसचिव डॉ नमिता सिंह, IQAC के समन्वयक डॉ खुर्शीद अख्तर, सदस्य डॉ अभय कृष्ण सिंह, डॉ शमा सोनाली और डॉ शालिनी लाल उपस्थित थे. ये जानकारी पीआरओ प्रो राजेश कुमार सिंह ने दी.

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