17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

हेमंत सोरेन की स्थानीय नीति से सहमत नहीं डॉ रामेश्वर उरांव! बोले- 1932 में एक-दो जगह ही हुआ था सर्वे

Advertisement

Jharkhand News: डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा- अलग-अलग समय में यहां जमीन का सर्वे हुआ. कई जिलों में वर्ष 1927 से 1934 तक सर्वे चला. हजारीबाग में 1927 से 1934 तक सर्वे हुआ. बुंडू व तमाड़ जैसे एक-दो जिलों में 1932 में सर्वे की बात कही गयी है. इसके बाद रिवीजनल सर्वे भी हुआ.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand News: 1932 का खतियान (1932 Khatian News) नहीं, झारखंड में जमीन स्थानीयता का आधार होना चाहिए. हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव (Dr Rameshwar Oraon) ने यह बड़ा बयान दिया है. प्रभात खबर संवाद (Prabhat Khabar Samvad) में झारखंड प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और अनुसूचित जनजाति आयोग के चेयरमैन रह चुके डॉ रामेश्वर उरांव ने पूछा कि क्या संविधान ऐसा कहता है? उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि स्थानीय नीति होनी चाहिए. झारखंड, बिहार से अलग होकर राज्य बना. हमने भी बिहार में जमीन खरीदी थी. उसे बेच दिया. अगर मैंने अपनी जमीन नहीं बेची होती, तो मैं भी बिहारी होता. मुझे भी लोग बाहरी कहते. अच्छा लगता क्या.’

- Advertisement -

एक-दो जगहों पर ही 1932 में हुआ था सर्वे

डॉ रामेश्वर उरांव (Rameshwar Oraon) ने परोक्ष रूप से 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति का विरोध किया है. डॉ उरांव ने कहा, ‘मेरा मानना है कि झारखंड में जिसकी जमीन है, उसे प्राथमिकता मिलनी चाहिए. उन्होंने साथ ही जोड़ा कि अलग-अलग समय में यहां जमीन का सर्वे हुआ. कई जिलों में वर्ष 1927 से 1934 तक सर्वे चला. हजारीबाग में 1927 से 1934 तक सर्वे हुआ. बुंडू व तमाड़ जैसे एक-दो जिलों में 1932 में सर्वे की बात कही गयी है. इसके बाद रिवीजनल सर्वे भी हुआ.’

Also Read: Exclusive: 1932 का खतियान सदन में भी पास होगा, किसी की हिम्मत नहीं जो रोक दे: जगरनाथ महतो
आजादी से पहले झारखंड में बसे लोगों को बाहरी कहेंगे?

उन्होंने कहा कि वह इस बात के हिमायती हैं कि जमीन के आधार पर स्थानीयता तय हो. उन्होंने कहा कि आजादी से पहले भी यहां लोग आकर बस गये थे, तो क्या उन्हें बाहरी कहेंगे? झारखंड में अनुसूचित जनजाति ही नहीं, बल्कि अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की जमीन भी कोई नहीं खरीद सकता है. यह गलत है. आज लोग बाहर से आ रहे हैं और जमीन खरीद रहे हैं, यह गलत है. हम इसके खिलाफ हैं.

एसटी, एससी व ओबीसी की नहीं खरीद सकते जमीन

झारखंड के वित्त मंत्री ने कहा कि छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट (सीएनटी) और संताल परगना टेनेंसी ऐक्ट (एसपीटी) में व्यवस्था की गयी है कि कोई भी व्यक्ति एससी, एसटी व ओबीसी की जमीन नहीं खरीद सकता है. लेकिन, आज के समय में बड़े पैमाने पर इनकी जमीनों की खरीद-बिक्री हो रही है. यह गलत है.

दोना तो देबो, कोना नईं देबो

झारखंड के वित्त मंत्री ने कहा कि हमारे यहां एक पुरानी कहावत है- दोना तो देबे, लेकिन कोना नईं देबे. यानी बाहरी लोगों को खाना खिला दो, लेकिन जमीन कभी मत देना. श्री उरांव ने कहा कि हम अब भी कहते हैं कि झारखंड के लोग अपनी जमीन बचाकर रखें, उसे बेचें नहीं. जहां तक 1932 के खतियान के विरोध का सवाल है, लोग विरोध नहीं कर रहे हैं. अपनी बात रख रहे हैं.

Also Read: झारखंड में 1932 का खतियान चूं चूं का मुरब्बा, बाबूलाल मरांडी ने डोमिसाइल पर क्लियर किया भाजपा का स्टैंड
हेमंत सोरेन सरकार ने पास किया है 1932 के खतियान का प्रस्ताव

उल्लेखनीय है कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने 1932 के खतियान को स्थानीय नीति का आधार बनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की अगुवाई में चल रही गठबंधन सरकार की सहयोगी पार्टी कांग्रेस के कई नेता इसका विरोध कर रहे हैं. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने भी इस पर सवाल खड़े किये हैं. डॉ उरांव ने इसे विरोध मानने से इंकार कर दिया है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें