18.8 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 08:34 am
18.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Corona Effect : झारखंड के लोगों में बढ़ रहा तनाव, साल 2019 में की तुलना में 499 अधिक लोगों ने दी जान

Advertisement

2019 की तुलना में 2020 में झारखंड में 499 अधिक लोगों ने आत्महत्या की. राज्य क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का आंकड़ा बताता है कि 2019 में एक साल के दौरान 1646 लोगों ने आत्महत्या की थी. वहीं 2020 में यह संख्या बढ़ कर

Audio Book

ऑडियो सुनें

Depression Data In Jharkhand 2020 रांची : कोरोना महामारी के कारण लोगों में अवसाद (डिप्रेशन) की समस्या बढ़ गयी है. डिप्रेशन जब गंभीर हो जाता है, तो लोग हताशा में आत्महत्या तक कर लेते हैं. कोरोना के कारण राज्य में आत्महत्या करनेवालों की संख्या तेजी से बढ़ी है.

- Advertisement -

2019 की तुलना में 2020 में झारखंड में 499 अधिक लोगों ने आत्महत्या की. राज्य क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का आंकड़ा बताता है कि 2019 में एक साल के दौरान 1646 लोगों ने आत्महत्या की थी. वहीं 2020 में यह संख्या बढ़ कर 2145 हो गयी. सबसे अधिक आत्महत्या युवा वर्ग (18 से अधिक और 30 से कम) ने की. 2019 में 594 युवाओं ने आत्महत्या की थी.

वहीं 2020 में यह संख्या बढ़ कर 905 हो गयी. 2020 की शुरुआत में कोरोना के पहले चरण का समय था. इस दौरान लॉकडाउन रहा. कई लोगों का रोजगार चला गया. वेतन व सुविधा में कटौती हुई. कई लोगों का अपने परिजनों का साथ छूट गया. कोरोना के पहले चरण में ही लॉकडाउन जैसे प्रयोग किये गये. लोग घरों में कैद हो गये. पहले दौर में कोरोना से मौत की संख्या दूसरे दौर की तरह नहीं थी. लेकिन मानसिक रूप से कोरोना ने सबको कमजोर कर दिया.

कोरोना संकट में अवसाद बढ़ने के कारण

कई लोगों की नौकरी चली गयी वेतन व सुविधा में हुई कटौती

परिजनों का साथ छूट गया, जिससे लोगों की हिम्मत टूटती गयी

लॉकडाउन के कारण लंबे समय तक घरों में कैद रह गये लोग

ज्यादा समय तक ऑनलाइन रहने की आदत ने भी बढ़ायी हताशा

वर्ष 14 साल से कम 14 से 18 19 से 30 31 से 45 46 से 60के बीच

2019 47 318 594 462 193

2020 45 411 905 484 184

यह तय था कि लॉकडाउन हटते ही लोग टूटने लगेंगे. जब लोग घरों में कैद थे, तो उनकी जरूरतें सीमित थी. जैसे ही घरों से लोग निकलने लगे, जरूरतें बढ़ने लगी. इसे पूरा करने में असमर्थ होने पर लोग गलत कदम उठाने लगे हैं. लोगों को समझना चाहिए कि अवसाद जीवन का हिस्सा है. इससे लड़ने की जरूरत है. टूटने की नहीं.

डॉ अमूल रंजन सिंह,

रिनपास के पूर्व निदेशक

Posted By : Sameer Oraon

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें