21.2 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 07:15 pm
21.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

झारखंड में सीआरपीसी नियमों की अनदेखी, बिना किट दिए वैज्ञानिकों से करायी जा रही फोरेंसिक जांच

Advertisement

झारखंड में चलंत विधि-विज्ञान प्रयोगशाला को कारगर बनाने के लिए सरकार द्वारा फंड उपलब्ध कराया गया. लेकिन स्थिति यह है कि किसी भी जिले में न तो चलंत विधि-विज्ञान प्रयोगशाला है, न ही जांच किट और न ही किसी तरह का कोई उपकरण. काम करने का कोई स्थान भी नहीं दिया गया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand News: हाइकोर्ट के आदेश के बाद राज्य में विधि-विज्ञान प्रयोगशाला को सुदृढ़ बनाने के लिए वैज्ञानिक की नियुक्ति हुई, लेकिन वैज्ञानिकों का हाल यह है कि वैज्ञानिक 24 जिलों में बिना फोरेंसिक वैन और जांच किट के अकेले काम कर रहे हैं. यह कहना है जिलों में भेजे गये वैज्ञानिकों का. इनके अनुसार चलंत विधि-विज्ञान प्रयोगशाला को कारगर बनाने के लिए सरकार द्वारा फंड भी उपलब्ध कराया गया. लेकिन स्थिति यह है कि किसी भी जिले में न तो चलंत विधि-विज्ञान प्रयोगशाला है, न ही जांच किट और न ही किसी तरह का कोई उपकरण. काम करने का कोई स्थान भी नहीं दिया गया है. वैज्ञानिकों के अनुसार काम करने के दौरान उनके साथ सबसे विचित्र स्थिति इस बात को लेकर उत्पन्न हो रही है कि सीआरपीसी 293 के अनुसार राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक, उप निदेशक या सहायक निदेशक ही किसी मामले में रिपोर्ट तैयार कर सकते हैं. लेकिन कई जिलों में भेजे गये वैज्ञानिक बतौर सहायक भेजे गये हैं. जिनके पास सीआरपीसी के तहत यह अधिकार नहीं है. वे बिना रिपोर्टिंग अधिकारी के निर्देश पर किसी घटनास्थल से कोई सैंपल भी क्लेक्ट नहीं कर सकते हैं.

- Advertisement -

वैज्ञानिकों ने फोरेंसिक किट के नाम पर सिर्फ एक कैमरा, एक अमेरिकन टूरिस्टर बैग तथा उपकरण के नाम पर रिंच, पलास, कटर और इंच टेप दिया गया है. नवनियुक्त वैज्ञानिकों के लिए क्लास आयोजित कर प्रशिक्षण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गयी है. किसी भी घटनास्थल की जांच के लिए टीम की आवश्यकता होती है. ऐसे में एक अकेला वैज्ञानिक एक जिला में कैसे काम करेंगे. झारखंड में जिस तरह से घटनाएं हो रही है, उसमें एक व्यक्ति द्वारा फोरेंसिक जांच संभव नहीं है. वैज्ञानिकों द्वारा पूरे मामले को लेकर हाइकोर्ट में याचिका भी दायर की गयी है, क्योंकि जिला में एक अनट्रेंड वैज्ञानिक से काम लिया जा रहा है और नियमों की धज्जियां उड़ायी जा रही है.

Undefined
झारखंड में सीआरपीसी नियमों की अनदेखी, बिना किट दिए वैज्ञानिकों से करायी जा रही फोरेंसिक जांच 2

10 जुलाई 2023 को किस जिले में किसकी हुई थी पोस्टिंग

  • सहायक निदेशक अजय कुमार- साहिबगंज

  • सहायक निदेशक स्वरूप कुमार- दुमका

  • वैज्ञानिक सहायक तेतरा कुमार- पाकुड़

  • सहायक निदेशक- अजय भगत- गिरिडीह, अतिरिक्त प्रभार देवघर

  • सहायक निदेशक रामकृष्ण मिश्रा- लातेहार

  • सहायक निदेशक अमित कुमार- गुमला

  • सहायक निदेशक सुष्मिता साहू- धनबाद

  • सहायक निदेशक चित्तोष पॉल- पश्चिमी सिंहभूम, अतिरिक्त प्रभार पूर्वी सिंहभूम

  • सहायक निदेशक विवेक सिंह- हजारीबाग

  • सहायक निदेशक लवकुश- रांची

  • सहायक निदेशक मुकुंद सिन्हा- पलामू

  • वैज्ञानिक सहाय नितिश बड़ाईक- जामताड़ा

  • वैज्ञानिक सहायक राजबर्द्धन सिंह- चतरा

  • वैज्ञानिक सहायक सुमन सिंह- बोकारो

  • वैज्ञानिक सहायक मनीष कुमार- रामगढ़

  • वैज्ञानिक सहायक विक्रम गुप्ता- गोड्डा

  • वैज्ञानिक सहायक सोमनाथ कुमार- गढ़वा

  • वैज्ञानिक सहायक राजन कुमार- लोहरदगा

  • वैज्ञानिक सहायक प्रिंस कुमार- कोडरमा

  • वैज्ञानिक सहायक प्रीति मंज- सिमडेगा

  • वैज्ञानिक सहायक कमलेश महतो- सरायकेला

  • वैज्ञानिक सहायक सुमित चक्रवर्ती- खूंटी

वैज्ञानिक सहायक से नियम के खिलाफ काम नहीं कराया जा रहा है. उनका काम पुलिस के साथ मिलकर सिर्फ घटनास्थल से साक्ष्य एकत्रित करना है. उन्हें सभी प्रकार की जांच करने को कहा गया है. जिला स्तर से अब उन्हें अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जानी है. इसके लिए डीजीपी स्तर से आदेश जारी हुआ है. मुख्यालय छोड़कर कोई जिला नहीं जाना चाहता है. इसलिए 17 वैज्ञानिकों द्वारा उन्हें हाइकोर्ट में याचिका दायर करने की भी सूचना मिली है.
एके बापुली, निदेशक, एफएसएल
Also Read: झारखंड : दरवाजा खुलते ही लिफ्ट में गिरकर शख्स की मौत कैसे, हादसे पर रांची सिटी एसपी ने दिया बयान

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें