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कोरोना से जंग : गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों और बुजुर्गों ने भी कोरोना को हराया

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झारखंड समेत पूरे देश में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है. चूंकि यह बीमारी इम्यून सिस्टम से जुड़ा है, ऐसे में सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को है.

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राजीव पांडेय, रांची : झारखंड समेत पूरे देश में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है. चूंकि यह बीमारी इम्यून सिस्टम से जुड़ा है, ऐसे में सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को है. लोग डरे हुए हैं, लेकिन हमारे बीच कुछ ऐसे भी उदाहरण हैं, जिन्होंने अधिक उम्र और गंभीर बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद कोरोना को मात दी. इनमें से कुछ का इलाज कोविड अस्पताल में किया गया, जबकि कुछ होम आइसोलेशन में रहे. रिम्स के डेडिकेटिड कोविड हेल्थ सेंटर की आइसीयू में कई ऐसे कोरोना संक्रमितों को भर्ती कर इलाज किया गया, जिनकी उम्र 80 साल तक थी.

साथ ही उन्हें क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) जैसी गंभीर बीमारी भी थी. कोरोना संक्रमण में एेसे लोग हाई रिस्क पर होते हैं. लेकिन, सुखद यह है कि ऐसे लोग भी कोरोना को मात देकर अस्पताल से घर लौटे हैं. ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि सही समय पर उनके कोरोना संक्रमित होने की पहचान हुई और वे समय रहते अस्पताल पहुंचाये गये. उधर, राजधानी समेत राज्य के कई बुजुर्गों ने घर में रहते हुए कोरोना संक्रमण पर विजय पायी है. क्योंकि, उन्होंने होम आइसोलेशन की हर गाइड लाइन का पालन किया.

हौसला रखें : गंभीर मरीज को समय पर अस्पताल पहुंचायें, तो बढ़ जाती है बचने की उम्मीद

सीओपीडी की मरीज और उम्र 82

राजधानी के जोड़ा तालाब निवासी 82 वर्षीय महिला सीओपीडी से पीड़ित थीं. अचानक पता चला कि वे कोरोना संक्रमित हैं. परिजन ने उन्हें रिम्स की आइसीयू में भर्ती कराया, जहां वे 15 दिनों तक रहीं. डॉक्टरों के अनुसार, जब वे अस्पताल पहुंची थीं, तब स्थिति बहुत खराब थी. लेकिन, बेहतर इलाज के बाद वे स्वस्थ हो गयीं.

उम्र 72 और डायबिटीज भी : हाई डायबिटीज व सीओपीडी से पीड़ित धनबाद निवासी 72 वर्षीय बुजुर्ग कोरोना की चपेट में आ गये थे. डॉक्टरों ने हाई रिस्क मानते हुए उन्हें रिम्स रेफर कर दिया. रिम्स में डाॅक्टरों ने उनका इलाज किया. वही संक्रमित बुजुर्ग ने भी हौसला बनाये रखा. वह करीब 17 दिन तक आइसीयू मेें रहे और स्वस्थ हो कर घर लौटे.

होम आइसोलेशन में हर गाइड लाइन का पालन करने से भी जल्द होंगे स्वस्थ

डायबिटीज के साथ फेफड़े की बीमारी

हाई डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और फेफड़े की बीमारी से ग्रसित चतरा निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग को भी रिम्स रेफर किया गया था. रिम्स पहुंचते ही उनकी स्थिति गंभीर हो गयी. यहां आइसीयू में हाई फ्लो ऑक्सीजन पर रखकर उनका इलाज किया गया. 12 दिन बाद उनकी स्थिति सुधरी और रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें छुट्टी दे दी गयी.

पूरा परिवार संक्रमित और ठीक हुए : कोकर निवासी 65 वर्षीय महिला समेत उनका पूरा परिवार कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गया. परिवार के कुछ सदस्याें को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. जबकि, बुजुर्ग महिला को प्रशासन की इजाजत से होम आइसोलेशन में रखा गया. गाइडलाइन के अनुसार, 15 दिनों तक उनका इलाज चला. दो दिन पहले उनकी रिपोर्ट निगेटिव आयी है.

  • होम आइसोलेशन में सावधानी

  • ऑक्सीजन सेचुरेशन मापते रहें

  • सामान्य लक्षण को भी गंभीरता से लें

  • डायबिटीज, बीपी व अन्य बीमारीवाले खुद से एसेसमेंट करें

अगर इम्युनिटी की दवा पहले से चलती है, तो विशेष ध्यान दें : गंभीर बीमारी से पीड़ित लोग और अधिक उम्रवाले संक्रमितों के मामले में घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधानी बरतनी है. रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर तुरंत अस्पताल में भर्ती होना है. गंभीर बीमारी से ग्रसित या बुजुर्गों में भी केवल उन्हीं की मौत हो रही है, जो देर से अस्पताल पहुंच रहे हैं.

– डॉ प्रदीप भट्टाचार्य, रिम्स में कोविड आइसीयू के इंचार्ज

Post by : Pritish Sahay

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