16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Constitution Day 2022: संविधान दिवस पर गोस्सनर कॉलेज के विद्यार्थियों ने रखी अपनी-अपनी बेबाक राय

Advertisement

Constitution Day 2022: हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर रांची के गोस्सनर कॉलेज के विद्यार्थियों ने अपनी-अपनी बेबाक राय रखी. कहा कि यह एक नागरिक होने के नाते हमें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

संविधान दिवस हमें स्वतंत्र भारत का नागरिक होने का अहसास दिलाने के साथ संविधान में लिखित हमारे मौलिक अधिकारों की याद दिलाता है. यह एक नागरिक होने के नाते हमें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराता है. यह आम राय शुक्रवार को प्रभात खबर द्वारा आयोजित परिचर्चा में उभर कर सामने आयी. परिचर्चा में गोस्सनर कॉलेज के पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट के विद्यार्थियों ने शिरकत की. इस दौरान विद्यार्थियों ने देश के कानून का पालन करने की शपथ ली. साथ ही यूजी के विद्यार्थियों ने मौलिक अधिकारों पर खुलकर अपनी बात रखी. किसी ने संविधान से मिले अधिकारों पर विश्वास रखने और अपनी जिम्मेवारी निभाने की बात कही, तो किसी ने कहा कि हर व्यक्ति और राज्य के लिए समान अधिकार होना चाहिए. वहीं छात्राओं ने महिलाओं के हित के लिए आवाज उठाने पर जोर दिया.

- Advertisement -

दुष्कर्म केस में जल्दी सजा देने का किया जाये प्रावधान

पूजा कुमारी कहती है हमारे भारतीय संविधान में किसी भी महिला या लड़की से दुष्कर्म करने पर भारतीय दंड संहिता में धारा 376 के तहत सात साल कठोर कारावास का प्रावधान है. इसके अलावा मृत्यु सजा तक का प्रावधान है, लेकिन इसमें कई मामलों में देरी हो जाती है. ऐसे में बिना किसी रुकावट के जल्दी सजा देने का प्रावधान हो.

Also Read: संविधान दिवस आज: झारखंड के ये तीन आदिवासी जो संविधान सभा में बने जनजातियों की आवाज
संविधान में लिखित मूल अधिकारों को समझना होगा

अदनान शामी ने कहा कि संविधान में लिखित मूल अधिकारों को समझना होगा, ताकि लोग अपने अधिकारों के लिए लड़ सकें. इस देश में सभी नागरिकों के अधिकार समान हैं. ऐसे में अगर हम कुछ भी हासिल करना चाहते हैं, जो भारतीय संविधान में लिखित है, तो इसके लिए हमें देश के नागरिकों को शिक्षित करना होगा. शिक्षा ही व्यक्ति या देश के विकास का एकमात्र स्रोत है.

अपने देश में आरक्षण की व्यवस्था खत्म होनी चाहिए

निश्चय सिंह ने कहा कि देश में आरक्षण की व्यवस्था खत्म होनी चाहिए. जब सभी व्यक्ति समान हैं, तो आरक्षण देकर भेदभाव क्यों किया जाये. हर किसी के लिए एक समान अधिकार का कानून होना चाहिए. आरक्षण के कारण अधिक अंक होने पर भी पढ़ाई के लिए कॉलेजों में नामांकन कराने और फिर नौकरी पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. इसलिए कानून सबके लिए सामान होना चाहिए.

खाद्य सामग्री में मिलावट पर रोक का कानून बनाया जाये

सुजाता कुमारी ने कहा कि एक ऐसा कानून बनना चाहिए, जिसमें खाद्य सामग्री में मिलावट पर रोक लग सके. आये दिन चौक चौराहों पर लोग मिलावटी खाना खाकर बीमार पड़ रहे हैं. मिलावट करनेवाले लोग हमेशा किसी न किसी के जीवन से खिलवाड़ करते हैं. उन पर कार्यवाही होने के लिए कानून बनना चाहिए, क्योंकि देश का कानून ही देश का संविधान है.

जानिये क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस

भारत गणराज्य का संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हुआ था. संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ भीमराव आंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवंबर 2015 को पहली बार भारत सरकार ने संविधान दिवस संपूर्ण भारत में मनाया. 26 नवंबर 2015 से हर वर्ष संपूर्ण भारत में संविधान दिवस मनाया जा रहा है. इससे पहले इसे राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था. संविधान सभा ने भारत के संविधान को 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में 26 नवंबर 1949 को पूरा कर राष्ट्र को समर्पित किया. गणतंत्र भारत में 26 जनवरी 1950 से संविधान अमल में लाया गया.भारत के संविधान का मूल आधार भारत सरकार अधिनियम 1935 को माना जाता है.

हमें अपना अधिकार दिलाता है संविधान

संजय कुमार- संविधान में लिखित मौलिक अधिकारों से हमें अपना हक मिलता है. साथ ही लिखित मूल कर्तव्यों से हमें नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों की भी याद दिलाता है. हमें अपने अधिकारों के लिए सजग होने की जरूरत है.

कानून का पालन करने का प्रण लें

अनिता मुर्मू – हर साल संविधान दिवस मनाने का उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना बढ़ाना और लोगों को जागरूक करना है. संविधान हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाता है.

हमारे पास है सबसे मजबूत संविधान

अपूर्वा वर्मा- संविधान किसी भी देश की रीढ़ होती है. हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास सबसे मजबूत संविधान है. हमारा संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है. संविधान दिवस मनाने का उद्देश्य मौलिक अधिकारों के प्रति सजग करना है.

अधिकार का ईमानदारी से करें निर्वहन

गौरव सहाय- हमें अपने संविधान से मिले मौलिक अधिकारों पर विश्वास रखना चाहिए. इसमें मिले अधिकार और हक का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन से ही समाज में बेहतर माहौल बन पायेगा. इसके लिए सबको मिलकर पहल करनी होगी.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें