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political news : अदाणी को बचा रही केंद्र सरकार, शाह कई बार झारखंड आये, पर मणिपुर जाने के लिए उनके पास वक्त नहीं है : कांग्रेस

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कांग्रेस ने किया राजभवन मार्च, मंत्री-विधायक व कार्यकर्ता हुए शामिल. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि केंद्र सरकार अदाणी और मणिपुर मामले पर पूरी तरह मौन है.

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रांची. कांग्रेस ने गौतम अदाणी के खिलाफ अमेरिका में मुकदमा दर्ज किये जाने के मामले और मणिपुर में हिंसा को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों को बचा रही है. अदाणी के कारण देश की प्रतिष्ठा पूरे विश्व में धूमिल हुई है, लेकिन केंद्र सरकार इनको बचाने में लगी है. वहीं, मणिपुर जल रहा है, लेकिन इसकी चिंता केंद्र सरकार को नहीं है. वहीं, गृह मंत्री अमित शाह को मणिपुर जाने का वक्त नहीं है. इसको लेकर बुधवार को प्रदेश कांग्रेस ने राजभवन मार्च किया. राजधानी के शहीद चौक से राजभवन तक किये गये मार्च में मंत्री, विधायक और पार्टी के कार्यकर्ता शामिल हुए.

इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि केंद्र सरकार अदाणी और मणिपुर मामले पर पूरी तरह मौन है. हमारे नेता सदन में दोनों मामलों को लगातार उठा रहे हैं. मणिपुर में शांति बहाली की मांग कांग्रेस द्वारा लगातार की जा रही है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी चुप हैं. अदानी और उनके सहयोगियों की जालसाजी का पर्दाफाश हुआ है. रिश्वतखोरी का खुलासा हुआ है. लेकिन, आज तक इस मामले पर जनता के सामने केंद्र सरकार ने सफाई देने की भी जरूरत महसूस नहीं की है. वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि यदि कोई आंबेडकर का अपमान करता है, तो यह व्यक्ति का अपमान नहीं, पूरे हिंदुस्तान का अपमान है. ऐसा दल जो हिंदुस्तान का अपमान करे, वह किसी लोकतांत्रिक व्यवस्था का राजनीतिक दल हो ही नहीं सकता. स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि जनता ने साफ मन बना लिया है कि मोदी सरकार को कुर्सी से उतारना है. अगर भारत में बाबा साहेब का रचित संविधान नहीं होता, तो आज अल्पसंख्यक, आदिवासी, पिछड़े हाशिए पर होते. कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि लोगों का ध्यान मूल मुद्दों से भटकाने के लिए तरह-तरह की चीजों को परोसा जा रहा है. संविधान खतरे में है, यह साफ दिख रहा है. संविधान की रक्षा की जिम्मेदारी जिन पर है, वह सदन में स्पीकर के ओहदे पर बैठकर आरएसएस का गुणगान करते हैं. विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि यह जनता की आवाज है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री उनके सवालों का जवाब दें. पिछले एक वर्ष में अमित शाह दर्जनों बार झारखंड आ चुके हैं. वहीं, मणिपुर वर्षाें से जल रहा है. हत्याएं व बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं. संवैधानिक मूल्यों की हत्या हो रही है. लेकिन, गृह मंत्री को वहां जाने का वक्त नहीं मिल रहा है. प्रधानमंत्री के मुंह पर ताला लगा है. उन्होंने कहा कि अदाणी प्रकरण पूरी तरह जनता के सामने है. लेकिन, अदाणी को बचाने के लिए मोदी भारत की प्रतिष्ठा को विश्व के सामने धूमिल कर रहे हैं. विधायक दल के उप नेता राजेश कच्छप ने कहा कि अगर अदाणी को बचाने मोदी निकलेंगे, तो जनता उन्हें गाड़ी से उतार देगी. राहुल गांधी के नेतृत्व में हमें खुद को मजबूत करना है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि जिस तरह से संविधान और बाबा साहेब का अपमान सदन में भाजपा द्वारा किया गया है, वह बर्दाश्त करने के लायक नहीं है.

मार्च में ये हुए शामिल

राजभवन मार्च में विधायक सुरेश बैठा, नमन विक्सल कोंगाड़ी, भूषण बाड़ा, श्वेता सिंह, रामचन्द्र सिंह, ममता देवी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ प्रदीप कुमार बलमुचू, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख, योगेंद्र साव, शहजादा अनवर, अभिलाष साहू, राजन वर्मा, राकेश सिन्हा, सतीश पॉल मुंजनी, सोनाल शांति, रमा खलखो, सुलतान अहमद, भीम कुमार, अशोक चौधरी, जयशंकर पाठक, राजीव रंजन प्रसाद, रवींद्र, डॉ एम तौसीफ, आभा सिन्हा, अमूल्य नीरज खलखो, आलोक कुमार दुबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ राकेश किरण महतो, डॉ कुमार राजा आदि नेता शामिल हुए.

किसने क्या कहा

आंबेडकर का अपमान करने वाला व्यक्ति नहीं, देश का अपमान कर रहा है : किशोर

अगर आंबेडकर नहीं होते, तो गरीबों को अधिकार नहीं मिलता : डॉ इरफान अंसारीसंविधान खतरे में है, इसे बचाना हम सब की जिम्मेवारी : शिल्पी नेहा तिर्की

मोदी-शाह को जनता के सवालों का जवाब देना होगा : प्रदीप यादवबाबा साहेब भीम राव आंबेडकर का अपमान बर्दाश्त से बाहर है : राजेश ठाकुर

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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