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नई संसद के उद्घाटन का कांग्रेस ने किया विरोध, कहा- राष्ट्रपति को क्यों नहीं बुलाया, नहीं चलेगा अड़ियल रवैया

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राष्ट्रपति को संसद के उद्घाटन समारोह में नहीं आमंत्रित किए जाने के विरोध में झारखंड जिला कांग्रेस का एक दिवसीय धरना दिया गया. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी.

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रांची, राज लक्ष्मी : एक तरफ देश के नये संसद भवन का उद्घाटन किया गया तो वहीं, दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बिरसा चौक में एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज करवाया. धरना प्रदर्धन की अगुवाई प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने की. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए राजेश ठाकुर कहते हैं कि आज पूरे देश के लिए बहुत ही गौरव की बात है. लेकिन आज हम भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा के नीचे सांकेतिक रूप से प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन उनके हाथों उद्घाटन करवाना तो दूर की बात है, कार्यक्रम में भी राष्ट्रपति को नहीं शामिल किया गया. इसी बात का विरोध विपक्ष जता रही है.

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वह आगे कहते हैं कि राष्ट्रपति दौपद्री मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रह चुकी है. इससे हमारा लगाव उससे अधिक है. जब इस संसद भवन का शिलान्यास हुआ था तब रामनाथ कोविंद तत्कालिन राष्ट्रपति थे. उन्हें भी शिलान्यास में आमंत्रित नहीं किया गया था. दोनों को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया जा सकता था. वह आगे कहते हैं कि एक ओर जहां विशेष विमान से अतिथियों को दिल्ली में बुलाया जा रहा है तो दिल्ली में ही रहते हुए राष्ट्रपति को क्यों नहीं बुलाया गया. ऐसे में इस सांकेतिक धरना प्रदर्शन के माध्यम से हम बस केंद्र सरकार को चेतावनी दे रहे हैं कि यह अड़ियल रवैया हर बार नहीं चलने वाला है.

बता दें कि कांग्रेस सहित 21 विपक्षी दलों ने संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया था. जिनमें तृणमूल कांग्रेस, द्रविड मुन्नेत्र कषगम (डीएमके), जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी (AAP), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम), समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), झारखंड मुक्ति मोर्चा और नेशनल कांफ्रेंस, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस (मणि), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, विदुथलाई चिरुथिगल काट्ची (वीसीके), मारुमलार्ची द्रविड मुन्नेत्र कषगम (एमडीएमके) और राष्ट्रीय लोकदल शामिल है.

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