27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

झारखंड के पावर प्लांट में कोयले का संकट गहराया, सिर्फ इतने दिनों का बचा स्टॉक, जानें क्या पड़ेगा इसका प्रभाव

Advertisement

झारखंड के पावर प्लांटों में कोयला संकट गहराता जा रहा है. कोयला स्टॉक का लेवल कम हो गया है, जिससे पावर प्लांट से उत्पादन ठप होने की आशंका है. जानकारी के अनुसार झारखंड में फिलहाल 5 से 10 दिनों का स्टॉक ही केवल बचा है. कोयले की संकट पर उर्जा मंत्रालय ने भी अपनी चिंता जतायी है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Coal Shortage In Jharkhand, Ranchi News रांची : झारखंड के पावर प्लांटों में कोयला संकट गहराता जा रहा है. कोयला स्टॉक का लेवल कम हो गया है, जिससे पावर प्लांट से उत्पादन ठप होने की आशंका है. अमूमन पावर प्लांट में कोयला स्टॉक का लेवल 25 दिनों का होता है, जबकि झारखंड के पावर प्लांट में पांच से 10 दिनों का ही स्टॉक बचा है. मांग के अनुरूप कोयला आपूर्ति नहीं हो रही है. बिजली कंपनियां कोयला उत्पादक कंपनी सीसीएल और बीसीसीएल से गुहार लगा रही हैं. इधर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने भी कोयला संकट पर चिंता जतायी है.

- Advertisement -

डीवीसी के पावर प्लांट हो रहे प्रभावित :

झारखंड में डीवीसी ( DVC Power Plant ) के तीन थर्मल पावर प्लांट हैं. डीवीसी अधिकारियों ने बताया कि कोयला आपूर्ति आधे से भी कम हो गयी है, जिस कारण फिलहाल उत्पादन पर असर नहीं पड़ा है, पर सात से 10 दिनों में उत्पादन प्रभावित हो सकता है. वजह है कि स्टॉक कम होता जा रहा है.

डीवीसी के कोडरमा थर्मल पावर प्लांट ( Koderma Thermal Power Plant ) (केटीपीएस) की क्षमता 1000 मेगावाट की है. यहां प्रतिदिन 11 हजार मीट्रिक टन कोयले की जरूरत पड़ती है, जबकि औसतन छह से नौ हजार मीट्रिक टन की आपूर्ति हो रही है. इससे स्टॉक लेवल गिरता जा रहा है. डीवीसी के ही चंद्रपुरा स्थित चंद्रपुरा थर्मल पावर प्लांट (सीटीपीएस) की क्षमता 500 मेगावाट की है.

यहां प्रतिदिन छह हजार मीट्रिक टन कोयले की जरूरत है, जबकि केवल तीन हजार मीट्रिक टन की ही आपूर्ति हो रही है. डीवीसी के एक अन्य प्लांट बोकारो थर्मल पावर प्लांट (बीटीपीएस) की क्षमता 500 मेगावाट की है. यहां भी प्रतिदिन छह हजार मीट्रिक टन की जगह तीन हजार मीट्रिक टन कोयले की आपूर्ति हो रही है.

कोल कंपनियों में उत्पादन के साथ उठाव भी घटा

कोल इंडिया की कंपनियों में बरसात में उत्पादन पर असर पड़ा है. बारिश के कारण झारखंड में संचालित कोयला कंपनियों की स्थिति ठीक नहीं है. कंपनी ने सितंबर में उत्पादन और उठाव का जो भी लक्ष्य रखा, उससे पीछे है. इसीएल ने सितंबर में 2.1 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया है, जबकि इस अवधि तक कंपनी ने बीते साल 2.8 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया था. यह बीते साल की तुलना में करीब 24 फीसदी कम है.

सीसीएल ने सितंबर में 4.1 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है. बीते साल कंपनी ने सितंबर में 4.8 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया था. बीसीसीएल में बीते साल की तुलना में उत्पादन में करीब पांच फीसदी का ग्रोथ है. इसीएल से बीते साल सिंतबर में 2.9 मिलियन टन कोयले का उठाव हुआ था, इस साल 2.6 मिलियन टन ही कोयले का उठाव हुआ है. सीसीएल से सितंबर में पांच मिलियन टन कोयले का उठाव हुआ, जबकि बीते साल करीब 5.9 मिलियन टन कोयले का उठाव हुआ था.

25 दिन की जगह पांच से 10 दिन का ही स्टॉक बचा
डीवीसी के केटीपीएस, बीटीपीएस और सीटीपीएस में स्टॉक लेवल नीचे गिरा
आधुनिक पावर प्लांट में भी संकट

आधुनिक पावर प्लांट की क्षमता 540 मेगावाट की है. कंपनी के निदेशक सचिन अग्रवाल ने बताया कि कोयले का दाम भी बढ़ गया है और आपूर्ति कम हो रही है. यहां भी एक हजार मीट्रिक टन प्रतिदिन कोयले की जरूरत है, पर आपूर्ति नहीं हो रही है. अभी केवल 10 से 15 दिनों का स्टॉक ही बचा है.

इनलैंड पावर प्लांट : कम हो रही आपूर्ति

इनलैंड पावर प्लांट की क्षमता 60 मेगावाट की है. कंपनी के डीजीएम संजय सिंह ने बताया कि प्लांट को 40 हजार मीट्रिक टन कोयला की प्रति माह जरूरत है, लेकिन केवल पांच हजार मीट्रिक टन कोयले की आपूर्ति हुई है. कुछ वेस्टेज कोल से प्लांट में उत्पादन हो जाता है. लेकिन अगर यही स्थिति रही, तो 10 दिनों में प्लांट से उत्पादन ठप होने की आशंका है. इसका अलावा राज्य में टाटा पावर के जोजेबेरा में 667 मेगावाट और धनबाद के मैथन में भी एक हजार मेगावाट का पावर प्लांट है. हालांकि टाटा पावर की ओर से अधिकृत रूप से कोयले की कमी की जानकारी नहीं दी गयी है. पर अधिकारियों ने कहा है कि मांग की तुलना में आपूर्ति कम है.

टीवीएनएल : एक दिन का ही स्टॉक बचा

राज्य में झारखंड सरकार की एकमात्र थर्मल बिजली परियोजना तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड (टीटीपीएस) है. यहां भी कोयले की भारी किल्लत हो गयी है. इस प्लांट की क्षमता 420 मेगावाट की है, पर कोयले की कमी के कारण एक यूनिट चार माह से बंद है. टीवीएनएल एमडी अनिल शर्मा ने कहा कि अभी केवल एक दिन का स्टॉक है. हमें प्रतिदिन छह हजार मीट्रिक टन कोयले की जरूरत है, पर तीन हजार मीट्रिक टन ही मिल रहा है. वह भी अनियमित रूप से. इस कारण एक ही यूनिट को चलाना पड़ता है. एक यूनिट को बंद रखा गया है, पर अब तो स्टॉक केवल एक दिन का बचा है. कल तक कोयला मिलने की उम्मीद है.

Posted By : Sameer Oraon

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें