14.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 02:31 am
14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

व्याख्याता नियुक्ति मामले में सीबीआइ व विश्वविद्यालयों ने जवाब के लिए लिया समय

Advertisement

झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने 2008 में हुई 750 व्याख्याताओं की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर बरती गयी अनियमितता को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई की.

Audio Book

ऑडियो सुनें

रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने 2008 में हुई 750 व्याख्याताओं की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर बरती गयी अनियमितता को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दौरान प्रतिवादी सीबीआइ व विश्वविद्यालयों की ओर से जवाब दायर करने के लिए समय देने का आग्रह किया गया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया. अदालत ने सीबीआइ के अधिवक्ता को अगली सुनवाई के दाैरान पूरी रिपोर्ट के साथ आने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 15 अप्रैल की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, डॉ श्रीकृष्ण पांडेय, अधिवक्ता डॉ सत्य प्रकाश मिश्रा, अदिति ने पैरवी की. वहीं झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल, अधिवक्ता प्रिंस कुमार ने पक्ष रखा. अदालत ने पिछली सुनवाई के दाैरान राज्य के विश्वविद्यालयों को मामले में प्रतिवादी बनाया था. विश्वविद्यालयों से पूछा था कि जब व्याख्याता नियुक्ति में गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट सीबीआइ द्वारा दी गयी है, तो उस पर क्या कार्रवाई की गयी है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी नेट-बेट एसोसिएशन, डॉ मीरा कुमारी, डॉ अमिताभ कुमार व अन्य की ओर से अलग-अलग याचिका दायर की गयी है. याचिका में कहा गया है कि जेपीएससी ने 2007 में जेट का आयोजन किया था, जिसका रिजल्ट एजेंसी ग्लोबल इंफ्रोमेटक्सि ने जारी किया था. इसके आधार पर 2008 में 27 विषयों में 750 व्याख्याताओं की नियुक्ति की गयी थी. नियुक्ति में भारी गड़बड़ी हुई थी. चहेते लोगों को नियुक्त किया गया है. जेपीएससी के तत्कालीन सचिव रतिकांत झा की ओर से 18 नवंबर 2011 को हाइकोर्ट में शपथ पत्र दायर कर बताया था कि बंगाली, उड़िया, मैथिली, भूगर्भशास्त्र, गृहविज्ञान, सांख्यिकी व पर्शियन भाषा के रिजल्ट पर परीक्षा नियंत्रक सह सचिव ने हस्ताक्षर किया था, लेकिन 21 विषयों के रिजल्ट पर परीक्षा नियंत्रक सह सचिव ने हस्ताक्षर नहीं किया. आयोग की सहमति भी नहीं थी. संयुक्त मेरिट लिस्ट भी जारी नहीं किया गया था. हाइकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ नियुक्ति गड़बड़ी की जांच कर रही है. जांच रिपोर्ट भी दी जा चुकी है. व्याख्यताओं की सेवा संपुष्टि और एक विश्वविद्यालय से दूसरे विश्वविद्यालय में स्थानांतरण-पदस्थापन भी कर दिया गया है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें